पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी लगातार विपक्षी दलों की पटना में होने वाली बैठक को लेकर हमलावर हैं. सुशील मोदी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कई सवाल भी खड़े कर रहे हैं. पहले विपक्ष में पीएम उम्मीदवार को लेकर तंज कसा और अब विपक्षी एकता की बरसती मेंढ़कों से तुलना कर रहे हैं.
बरसाती मेंढक से विपक्षी दलों की तुलना: सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता बरसाती मेंढ़कों को तौलने के समान है. एकता के नाम पर हर दल शर्तें थोप रहा है. मायावती, कुमारस्वामी, केसीआर, नवीन पटनायक, वाईएसआर ने तो पहले ही किनारा कर लिया. अरविन्द केजरीवाल तो बैठक के प्रारंभ में ही संविधान की कक्षा लगाएंगे.
"अरविन्द केजरीवाल की शर्त है कि एकता के पहले अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस समर्थन की घोषणा करे. केजरीवाल ने इस मुद्दे पर सभी को पत्र तक लिख डाला है. विपक्षी दलों में एजेंडा को हाईजैक करने की होड़ लगी है."- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद
'अपना-अपना मतलब साधने में लगे': विपक्षी एकता और और 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक पर सुशील मोदी ने कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा अरविंद केजरीवाल की शर्तों के अलावा शरद पवार न्यूनतम साझा कार्यक्रम, तो नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ एक उम्मीदवार की रणनीति, तो कांग्रेस बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा रोकने के एजेंडे पर पहले बात करना चाहती है.
नीतीश कुमार पर सुशील मोदी ने कसा तंज: 44 विधायकों वाले कमजोर मुख्यमंत्री न तो बिखरे हुए जनता परिवार को एक करा पाए और न ही विपक्ष को एक कर पाएंगे. इससे पहले भी सुमो ने विपक्षी एकता को लेकर नीतीश कुमार की मुहिम पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि जनता जानना चाहती है कि नरेंद्र मोदी का मुकाबला कौन करेगा. उन्होंने नीतीश को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर हिम्मत है तो नाम तय कीजिए.