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''लालू के दोनों पुत्र क्या भीड़ को उकसा कर पटना में गोली चलाने की नौबत लाना चाहते थे?''

बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के बावजूद बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पास हो गया. हालांकि, मंगलवार को हुई घटना को लेकर राज्य का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है.

Tejashwi Yadav
Tejashwi Yadav
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Published : Mar 24, 2021, 8:02 PM IST

Updated : Mar 24, 2021, 8:11 PM IST

पटना: राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को विपक्षी दलों पर मंगलवार को विधानसभा में हुए हंगामे को लेकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मैंने अपने 32 साल के संसदीय जीवन में इस तरह की गुंडागर्दी, तोड़-फोड़ और हाथापाई पहले कभी नहीं देखी.

ये भी पढ़ेंः सीएम नीतीश पर हमला करते-करते क्या-क्या बोल गए तेजस्वी... आप भी सुन लीजिए

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा, 'जिस तरह की गुंडागर्दी, तोड़-फोड़ और हाथापाई विपक्ष ने की है, मेरे 32 साल के संसदीय जीवन में मैंने आज तक ऐसा दृश्य नहीं देखा. कल अगर उनको मौका मिल गया तो वो बिहार का भी ये ही हाल करेंगे. '

'32 साल के संसदीय जीवन में ऐसा नजारा कभी नहीं देखा'
इससे पहले ट्टविटर पर सुशील मोदी ने लिखा- 'बिहार सशस्र पुलिस बल विधेयक के विरुद्ध विपक्ष भ्रम फैलाने और सदन से सड़क तक हिंसा फैलाने की उसी स्क्रिप्ट पर काम कर है, जिस पर किसान आंदोलन को आक्रामक बना कर भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई थी.'

  • बिहार सशस्र पुलिस बल विधेयक के विरुद्ध विपक्ष भ्रम फैलाने और सदन से सड़क तक हिंसा फैलाने की उसी स्क्रिप्ट पर काम कर है, जिस पर किसान आंदोलन को आक्रामक बना कर भारत की छवि बिगाडने की कोशिश की गई थी।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''जैसे कथित किसान नेताओं की मंशा 26 जनवरी को तय रूट को तोड़ते हुए ट्रैक्टर रैली निकाल कर पुलिस को गोली चलाने पर मजबूर करने की थी, उसी तरह राजद की मंशा सडक पर गोली चलवाने और सदन के भीतर मार्शल बुलाने को मजबूर करने की थी.''

  • जैसे कथित किसान नेताओं की मंशा 26 जनवरी को तय रूट को तोडते हुए टैक्टर रैली निकाल कर पुलिस को गोली चलाने पर मजबूर करने की थी, उसी तरह राजद की मंशा सडक पर गोली चलवाने और सदन के भीतर मार्शल बुलाने को मजबूर करने की थी।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''लालू प्रसाद के पोस्टर दिखा कर उनके दोनों पुत्र क्या भीड़ को उकसा कर पटना में गोली चलाने की नौबत लाना चाहते थे? हिंसा भड़काने पूरी साजिश थी इसलिए दोनों राजकुमार खुद हेलमेट पहन कर आये थे.''

  • लालू प्रसाद के पोस्टर दिखा कर उनके दोनों पुत्र क्या भीड़ को उकसा कर पटना में गोली चलाने की नौबत लाना चाहते थे?
    हिंसा भड़काने पूरी साजिश थी इसलिए दोनों राजकुमार खुद हेलमेट पहन कर आये थे।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''जिन लोगों ने लोकतंत्र के मंदिर को अपने सामूहिक हिंसात्मक आचरण और अपशब्दों से अपवित्र किया, वे बिहार की जनता से क्षमा मांगने के बजाय स्पीकर और सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.''

  • जिन लोगों ने लोकतंत्र के मंदिर को अपने सामूहिक हिंसात्मक आचरण और अपशब्दों से अपवित्र किया, वे बिहार की जनता से क्षमा मांगने के बजाय स्पीकर और सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''बिहार में राजद और कांग्रेस उन नक्सली-वामपंथी ताकतों की गोद में बैठे हैं, तो बंदूक के बल पर सत्ता पाना चाहते हैं.''

  • बिहार में राजद और कांग्रेस उन नक्सली-वामपंथी ताकतों की गोद में बैठे हैं, तो बंदूक के बल पर सत्ता पाना चाहते हैं।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''तेजस्वी प्रसाद यादव ने यदि लोहिया को पढा होता, तो वे सदन में बहस करने के योग्य होते और उनके विधायकों को भी सदन की मर्यादा का ध्यान रहता. जो आज लोहिया की वाणी को रट्टू तोते की तरह बोल रहे हैं, वे बतायें कि क्या लोहिया ने कभी बेनामी सम्पत्तियां बनाने को भी जायज ठहराया था क्या?''

  • तेजस्वी प्रसाद यादव ने यदि लोहिया को पढा होता, तो वे सदन में बहस करने के योग्य होते और उनके विधायकों को भी सदन की मर्यादा का ध्यान रहता।
    जो आज लोहिया की वाणी को रट्टू तोते की तरह बोल रहे हैं, वे बतायें कि क्या लोहिया ने कभी बेनामी सम्पत्तियां बनाने को भी जायज ठहराया था क्या?

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आखिर में सुशील मोदी ने पूछा, क्या लालू परिवार का भ्रष्टाचार ही लोहिया का समाजवाद है?

  • क्या लालू परिवार का भ्रष्टाचार ही लोहिया का समाजवाद है?

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विधानसभा में क्या हुआ मंगलवार की रात?
बता दें कि मंगलवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक जो कुछ हुआ उसने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया. विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को उनके ही चैंबर में बंधक बना दिया. इस दौरान पुलिस को बुलाया गया. मार्शलों ने विपक्षी दलों के सदस्यों को वहां से हटाने की कोशिश की तो भिड़ गए.

ये भी पढ़ेंः विधानसभा में 'तांडव' पर लाल हुए लालू, बोले- संघ के प्यादे और छोटा रिचार्ज हैं नीतीश

इसके बाद एक-एक कर विपक्ष के विधायकों को सुरक्षाकर्मी बाहर निकालने लगे. धक्का-मुक्की के बीच मारपीट होने लगी और मखदुमपुर से राजद विधायक सतीश कुमार दास बेहोश हो गए. कई अन्य आरजेडी विधायकों को भी चोटें भी आईं. तमाम हंगामे के बाद रात 9 बजे पुलिस की सहायता से बिल पास हो पाया.

पटना: राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को विपक्षी दलों पर मंगलवार को विधानसभा में हुए हंगामे को लेकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मैंने अपने 32 साल के संसदीय जीवन में इस तरह की गुंडागर्दी, तोड़-फोड़ और हाथापाई पहले कभी नहीं देखी.

ये भी पढ़ेंः सीएम नीतीश पर हमला करते-करते क्या-क्या बोल गए तेजस्वी... आप भी सुन लीजिए

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा, 'जिस तरह की गुंडागर्दी, तोड़-फोड़ और हाथापाई विपक्ष ने की है, मेरे 32 साल के संसदीय जीवन में मैंने आज तक ऐसा दृश्य नहीं देखा. कल अगर उनको मौका मिल गया तो वो बिहार का भी ये ही हाल करेंगे. '

'32 साल के संसदीय जीवन में ऐसा नजारा कभी नहीं देखा'
इससे पहले ट्टविटर पर सुशील मोदी ने लिखा- 'बिहार सशस्र पुलिस बल विधेयक के विरुद्ध विपक्ष भ्रम फैलाने और सदन से सड़क तक हिंसा फैलाने की उसी स्क्रिप्ट पर काम कर है, जिस पर किसान आंदोलन को आक्रामक बना कर भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई थी.'

  • बिहार सशस्र पुलिस बल विधेयक के विरुद्ध विपक्ष भ्रम फैलाने और सदन से सड़क तक हिंसा फैलाने की उसी स्क्रिप्ट पर काम कर है, जिस पर किसान आंदोलन को आक्रामक बना कर भारत की छवि बिगाडने की कोशिश की गई थी।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''जैसे कथित किसान नेताओं की मंशा 26 जनवरी को तय रूट को तोड़ते हुए ट्रैक्टर रैली निकाल कर पुलिस को गोली चलाने पर मजबूर करने की थी, उसी तरह राजद की मंशा सडक पर गोली चलवाने और सदन के भीतर मार्शल बुलाने को मजबूर करने की थी.''

  • जैसे कथित किसान नेताओं की मंशा 26 जनवरी को तय रूट को तोडते हुए टैक्टर रैली निकाल कर पुलिस को गोली चलाने पर मजबूर करने की थी, उसी तरह राजद की मंशा सडक पर गोली चलवाने और सदन के भीतर मार्शल बुलाने को मजबूर करने की थी।

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''लालू प्रसाद के पोस्टर दिखा कर उनके दोनों पुत्र क्या भीड़ को उकसा कर पटना में गोली चलाने की नौबत लाना चाहते थे? हिंसा भड़काने पूरी साजिश थी इसलिए दोनों राजकुमार खुद हेलमेट पहन कर आये थे.''

  • लालू प्रसाद के पोस्टर दिखा कर उनके दोनों पुत्र क्या भीड़ को उकसा कर पटना में गोली चलाने की नौबत लाना चाहते थे?
    हिंसा भड़काने पूरी साजिश थी इसलिए दोनों राजकुमार खुद हेलमेट पहन कर आये थे।

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''जिन लोगों ने लोकतंत्र के मंदिर को अपने सामूहिक हिंसात्मक आचरण और अपशब्दों से अपवित्र किया, वे बिहार की जनता से क्षमा मांगने के बजाय स्पीकर और सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.''

  • जिन लोगों ने लोकतंत्र के मंदिर को अपने सामूहिक हिंसात्मक आचरण और अपशब्दों से अपवित्र किया, वे बिहार की जनता से क्षमा मांगने के बजाय स्पीकर और सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।

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''बिहार में राजद और कांग्रेस उन नक्सली-वामपंथी ताकतों की गोद में बैठे हैं, तो बंदूक के बल पर सत्ता पाना चाहते हैं.''

  • बिहार में राजद और कांग्रेस उन नक्सली-वामपंथी ताकतों की गोद में बैठे हैं, तो बंदूक के बल पर सत्ता पाना चाहते हैं।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''तेजस्वी प्रसाद यादव ने यदि लोहिया को पढा होता, तो वे सदन में बहस करने के योग्य होते और उनके विधायकों को भी सदन की मर्यादा का ध्यान रहता. जो आज लोहिया की वाणी को रट्टू तोते की तरह बोल रहे हैं, वे बतायें कि क्या लोहिया ने कभी बेनामी सम्पत्तियां बनाने को भी जायज ठहराया था क्या?''

  • तेजस्वी प्रसाद यादव ने यदि लोहिया को पढा होता, तो वे सदन में बहस करने के योग्य होते और उनके विधायकों को भी सदन की मर्यादा का ध्यान रहता।
    जो आज लोहिया की वाणी को रट्टू तोते की तरह बोल रहे हैं, वे बतायें कि क्या लोहिया ने कभी बेनामी सम्पत्तियां बनाने को भी जायज ठहराया था क्या?

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आखिर में सुशील मोदी ने पूछा, क्या लालू परिवार का भ्रष्टाचार ही लोहिया का समाजवाद है?

  • क्या लालू परिवार का भ्रष्टाचार ही लोहिया का समाजवाद है?

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विधानसभा में क्या हुआ मंगलवार की रात?
बता दें कि मंगलवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध में विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक जो कुछ हुआ उसने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया. विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को उनके ही चैंबर में बंधक बना दिया. इस दौरान पुलिस को बुलाया गया. मार्शलों ने विपक्षी दलों के सदस्यों को वहां से हटाने की कोशिश की तो भिड़ गए.

ये भी पढ़ेंः विधानसभा में 'तांडव' पर लाल हुए लालू, बोले- संघ के प्यादे और छोटा रिचार्ज हैं नीतीश

इसके बाद एक-एक कर विपक्ष के विधायकों को सुरक्षाकर्मी बाहर निकालने लगे. धक्का-मुक्की के बीच मारपीट होने लगी और मखदुमपुर से राजद विधायक सतीश कुमार दास बेहोश हो गए. कई अन्य आरजेडी विधायकों को भी चोटें भी आईं. तमाम हंगामे के बाद रात 9 बजे पुलिस की सहायता से बिल पास हो पाया.

Last Updated : Mar 24, 2021, 8:11 PM IST
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