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Caste Census in Bihar: 'जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक बुलाए और कानून बनाए सरकार'- सुशील मोदी

बिहार में जातीय जनगणना पर सियासत तेज हो गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री व बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी (BJP Leader Sushil Kumar Modi) ने सरकार से जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक बुलाने और इस पर कानून बनाने की मांग की है. आगे पढे़ं पूरी खबर...

राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
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Published : May 9, 2023, 9:18 AM IST

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) पर पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के.विनोद चंद्रन और न्यायाधीश मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया था. इसे लेकर आज कोर्ट में सुनवाई होने वाली है, वहीं इस पर सियासत भी गरमा गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जातीय जनगणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वालों से भाजपा के संबंध की बात बिल्कुल भ्रामक है. हम ऐसी दोमुंही राजनीति नहीं करते कि जिस मुद्दे का विधानसभा में समर्थन करें, उसी के विरोध में किसी को अदालत भेज दें. हम विधानसभा में समर्थन और कोर्ट में विरोध की दोमुंही राजनीति नहीं करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी के कारण इस पर रोक लगी और जदयू इसका ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ना चाहता है.

पढ़ें-Bageshwar Baba: 'हिम्मत है तो धीरेंद्र शास्त्री को रोक दें नीतीश कुमार' - सुशील कुमार मोदी

सर्वदलीय बैठक की मांग: उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट ने जो प्रश्न उठाये हैं, उनका उत्तर देने के लिए सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और जरूरत पड़े तो विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर कानून बनाना चाहिए. मोदी ने कहा कि यदि जातीय जनगणना का निर्णय होने के बाद मुख्यमंत्री ने अकेले श्रेय लेने का मोह छोड़ कर सभी दलों को विश्वास में लिया होता और कोर्ट में कानूनी पक्ष रखने सहित तैयारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की होती, तो इस पर रोक की नौबत नहीं आती.

"जातीय जनगणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वालों से भाजपा के संबंध की बात बिल्कुल भ्रामक है. हम ऐसी दोमुंही राजनीति नहीं करते कि जिस मुद्दे का विधानसभा में समर्थन करें, उसी के विरोध में किसी को अदालत भेज दें. हम विधानसभा में समर्थन और कोर्ट में विरोध की दोमुंही राजनीति नहीं करते हैं. जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी के कारण इस पर रोक लगी और जदयू इसका ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ना चाहता है."-सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सदस्य

इन राज्यों में भी हुए ऐसे सर्वे: उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय भाजपा के सरकार में रहते हुआ था. इसके लिए विधान मंडल में दो बार प्रस्ताव पारित होने से लेकर प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित रहने तक, हर स्तर पर पार्टी समर्थन में खड़ी रही. मोदी ने कहा कि जातीय सर्वे करना जनगणना नहीं है, यह राज्यों का अधिकार है. बिहार से पहले कर्नाटक और तेलंगाना सरकार ऐसे सर्वे करा चुकी है.

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) पर पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के.विनोद चंद्रन और न्यायाधीश मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया था. इसे लेकर आज कोर्ट में सुनवाई होने वाली है, वहीं इस पर सियासत भी गरमा गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जातीय जनगणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वालों से भाजपा के संबंध की बात बिल्कुल भ्रामक है. हम ऐसी दोमुंही राजनीति नहीं करते कि जिस मुद्दे का विधानसभा में समर्थन करें, उसी के विरोध में किसी को अदालत भेज दें. हम विधानसभा में समर्थन और कोर्ट में विरोध की दोमुंही राजनीति नहीं करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी के कारण इस पर रोक लगी और जदयू इसका ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ना चाहता है.

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सर्वदलीय बैठक की मांग: उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट ने जो प्रश्न उठाये हैं, उनका उत्तर देने के लिए सरकार को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और जरूरत पड़े तो विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर कानून बनाना चाहिए. मोदी ने कहा कि यदि जातीय जनगणना का निर्णय होने के बाद मुख्यमंत्री ने अकेले श्रेय लेने का मोह छोड़ कर सभी दलों को विश्वास में लिया होता और कोर्ट में कानूनी पक्ष रखने सहित तैयारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की होती, तो इस पर रोक की नौबत नहीं आती.

"जातीय जनगणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वालों से भाजपा के संबंध की बात बिल्कुल भ्रामक है. हम ऐसी दोमुंही राजनीति नहीं करते कि जिस मुद्दे का विधानसभा में समर्थन करें, उसी के विरोध में किसी को अदालत भेज दें. हम विधानसभा में समर्थन और कोर्ट में विरोध की दोमुंही राजनीति नहीं करते हैं. जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी के कारण इस पर रोक लगी और जदयू इसका ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ना चाहता है."-सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सदस्य

इन राज्यों में भी हुए ऐसे सर्वे: उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय भाजपा के सरकार में रहते हुआ था. इसके लिए विधान मंडल में दो बार प्रस्ताव पारित होने से लेकर प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित रहने तक, हर स्तर पर पार्टी समर्थन में खड़ी रही. मोदी ने कहा कि जातीय सर्वे करना जनगणना नहीं है, यह राज्यों का अधिकार है. बिहार से पहले कर्नाटक और तेलंगाना सरकार ऐसे सर्वे करा चुकी है.

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