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'जहरीली शराब पर उम्रकैद, सरकार बताएं 6 साल में कितनों को मिली सजा?' सुशील मोदी ने मांगा जवाब

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शराबबंदी पर नीतीश सरकार को घेरते (Sushil Kumar Modi asked seven questions to Nitish) हुए पूछा कि शराबखोरी के खिलाफ जो जागरुकता अभियान शुरू किया गया था, वह बंद क्यों हो गया? कितने नशामुक्ति केंद्र अब बिहार में सक्रिय हैं.

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी
बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी
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Published : Dec 26, 2022, 7:50 AM IST

पटना: छपरा शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) ने बिहार में शराबबंदी कानून की पोल खोलकर रख दी है. विपक्ष नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है. इस बीच बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने नीतीश सरकार से 7 तीखे सवाल किए हैं. उन्होंने पूछा कि उत्पाद एवं मद्यनिषेध कानून की धारा-34 के अन्तर्गत जहरीली या नकली शराब बेचने वालों को जब उम्र कैद की सजा का प्रावधान है, तब सरकार बताए कि छह साल में कितने लोगों को ऐसी सजा दिलायी गई?

ये भी पढ़ें: छपरा शराबकांड में बड़ा खुलासा: होम्योपैथी दवा से बनी थी शराब, 5 गिरफ्तार

शराबबंदी पर सुशील मोदी ने नीतीश सरकार को घेरा: सुशील मोदी ने शराबबंदी के मुद्दे पर नीतीश सरकार से सात सवालों का जवाब मांगा. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर क्रमश: सात सवाल लिखा,

  1. पहला सवाल- उत्पाद एवं मद्यनिषेध कानून की धारा-34 के अन्तर्गत जहरीली या नकली शराब बेचने वालों को जब उम्र कैद की सजा का प्रावधान है, तब सरकार बताये कि छह साल में कितने लोगों को ऐसी सजा दिलायी गई?
  2. दूसरा सवाल- शराबबंदी कानून की धारा-42 के तहत जहरीली शराब बेचने वाले कितने लोगों से मुआवजा वसूला गया?
  3. तीसरा सवाल- शराब पीने के कारण जिन 3.5 लाख लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई, उनमें से कितने लोगों को सरकार सजा दिला पायी और ऐसे मामले में कनविक्शन रेट क्या है?
  4. चौथा सवाल- हाईकोर्ट के आदेशानुसार सरकार जहरीली शराब पीने वालों का उपचार करने के लिए अब तक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर ( एसओपी) क्यों नहीं बना पायी ?
  5. पांचवां सवाल- शराब बनाने-बेचने और पीने वालों की जानकारी पाने के लिए जो टॉल-फ्री नंबर बिजली के पोल पर लिखवा कर सार्वजनिक किये गए थे, उन पर कितनी शिकायतें मिलीं और क्या कार्रवाई हुई ?
  6. छठा सवाल- शराबबंदी लागू करने के बाद राज्य भर में जो नशामुक्ति केंद्र खोले गए थे, उनमें से कितने सक्रिय हैं और ये कितने लोगों को नशे की आदत से मुक्त करा पाए?
  7. सातवां सवाल- शराबखोरी के खिलाफ जो जागरुकता अभियान शुरू किया गया था, वह बंद क्यों हो गया?

पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग: इससे पहले सुशील मोदी ने जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले परिवारों के लिए एक बार फिर मुआवजे की मांग की. उन्होंने कहा कि उत्पाद कानून की धारा- 42 में पीड़ितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान होने के बाद भी सरकार के मंत्री परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं. पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि जहरीली शराब कांड के पीड़ितों के साथ वैसा कठोर रवैया अपनाया जा रहा है, जैसा हत्या-बलात्कार के संगीन मामले में अपराधियों के आश्रितों के प्रति होता है.

छपरा जहरीली शराबकांड में बड़ा खुलासा: सारण एसपी संतोष कुमार ने छपरा शराब कांड में खुलासा करते हुए बताया था कि भारी मात्रा में होम्योपैथिक दवाई की खाली शीशी बरामद की गई है. इसी से जहरीली शराब की सप्लाई होती थी. साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एसपी ने कहा कि छपरा मामले की जांच के लिए हमने एसडीपीओ सोनपुर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी. इसमें डीएसपी हेडक्वार्टर सहित कुल 34 पुलिस कर्मी शामिल थे. हमलोगों ने इस कांड का उद्भेदन कर दिया है. इस कांड का मास्टर माइंड राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर के नाम से प्रसिद्ध है. उसके अन्य साथियों शैलेंद्र राय सप्लायर, सोनू, संजय महतो और अर्जुन महतो को गिरफ्तार किया गया है. इसके पूर्व भी नौ गिरफ्तारी हो चुकी है. पूरे नेटवर्क को खंगाल लिया गया है. छपरा में जहरीली शराब पीने से 76 से अधिक लोगों की मौत हुई है.

ये भी पढ़ें: संसद में गूंजा छपरा जहरीली शराब कांड का मुद्दा, चिराग से लेकर रविशंकर तक ने नीतीश सरकार को घेरा

पटना: छपरा शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) ने बिहार में शराबबंदी कानून की पोल खोलकर रख दी है. विपक्ष नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है. इस बीच बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) ने नीतीश सरकार से 7 तीखे सवाल किए हैं. उन्होंने पूछा कि उत्पाद एवं मद्यनिषेध कानून की धारा-34 के अन्तर्गत जहरीली या नकली शराब बेचने वालों को जब उम्र कैद की सजा का प्रावधान है, तब सरकार बताए कि छह साल में कितने लोगों को ऐसी सजा दिलायी गई?

ये भी पढ़ें: छपरा शराबकांड में बड़ा खुलासा: होम्योपैथी दवा से बनी थी शराब, 5 गिरफ्तार

शराबबंदी पर सुशील मोदी ने नीतीश सरकार को घेरा: सुशील मोदी ने शराबबंदी के मुद्दे पर नीतीश सरकार से सात सवालों का जवाब मांगा. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर क्रमश: सात सवाल लिखा,

  1. पहला सवाल- उत्पाद एवं मद्यनिषेध कानून की धारा-34 के अन्तर्गत जहरीली या नकली शराब बेचने वालों को जब उम्र कैद की सजा का प्रावधान है, तब सरकार बताये कि छह साल में कितने लोगों को ऐसी सजा दिलायी गई?
  2. दूसरा सवाल- शराबबंदी कानून की धारा-42 के तहत जहरीली शराब बेचने वाले कितने लोगों से मुआवजा वसूला गया?
  3. तीसरा सवाल- शराब पीने के कारण जिन 3.5 लाख लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई, उनमें से कितने लोगों को सरकार सजा दिला पायी और ऐसे मामले में कनविक्शन रेट क्या है?
  4. चौथा सवाल- हाईकोर्ट के आदेशानुसार सरकार जहरीली शराब पीने वालों का उपचार करने के लिए अब तक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर ( एसओपी) क्यों नहीं बना पायी ?
  5. पांचवां सवाल- शराब बनाने-बेचने और पीने वालों की जानकारी पाने के लिए जो टॉल-फ्री नंबर बिजली के पोल पर लिखवा कर सार्वजनिक किये गए थे, उन पर कितनी शिकायतें मिलीं और क्या कार्रवाई हुई ?
  6. छठा सवाल- शराबबंदी लागू करने के बाद राज्य भर में जो नशामुक्ति केंद्र खोले गए थे, उनमें से कितने सक्रिय हैं और ये कितने लोगों को नशे की आदत से मुक्त करा पाए?
  7. सातवां सवाल- शराबखोरी के खिलाफ जो जागरुकता अभियान शुरू किया गया था, वह बंद क्यों हो गया?

पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग: इससे पहले सुशील मोदी ने जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले परिवारों के लिए एक बार फिर मुआवजे की मांग की. उन्होंने कहा कि उत्पाद कानून की धारा- 42 में पीड़ितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान होने के बाद भी सरकार के मंत्री परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं. पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि जहरीली शराब कांड के पीड़ितों के साथ वैसा कठोर रवैया अपनाया जा रहा है, जैसा हत्या-बलात्कार के संगीन मामले में अपराधियों के आश्रितों के प्रति होता है.

छपरा जहरीली शराबकांड में बड़ा खुलासा: सारण एसपी संतोष कुमार ने छपरा शराब कांड में खुलासा करते हुए बताया था कि भारी मात्रा में होम्योपैथिक दवाई की खाली शीशी बरामद की गई है. इसी से जहरीली शराब की सप्लाई होती थी. साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एसपी ने कहा कि छपरा मामले की जांच के लिए हमने एसडीपीओ सोनपुर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी. इसमें डीएसपी हेडक्वार्टर सहित कुल 34 पुलिस कर्मी शामिल थे. हमलोगों ने इस कांड का उद्भेदन कर दिया है. इस कांड का मास्टर माइंड राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर के नाम से प्रसिद्ध है. उसके अन्य साथियों शैलेंद्र राय सप्लायर, सोनू, संजय महतो और अर्जुन महतो को गिरफ्तार किया गया है. इसके पूर्व भी नौ गिरफ्तारी हो चुकी है. पूरे नेटवर्क को खंगाल लिया गया है. छपरा में जहरीली शराब पीने से 76 से अधिक लोगों की मौत हुई है.

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