पटना: बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने उच्चतम न्यायालय के सामने आरोप लगाया है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने उन पर उनके बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए पटना में उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने में अपने 'प्रभाव' का इस्तेमाल किया है.
सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुम्बई के उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में फांसी से लटके मिले थे. तब से मुम्बई पुलिस विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है. रिया ने बुधवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके अपने विरूद्ध दर्ज इस प्राथमिकी को पटना से मुम्बई स्थानांतरित करने का अनुरोध किया.
सुशांत के पिता ने लगाए आरोप
याचिका में कहा गया है कि प्राथमिकी में रिया के खिलाफ लगाये गये आरोप में राजपूत के पिता द्वारा इस मामले में उन्हें (रिया को) अवैध रूप से फंसाने के लिए 'प्रभाव का इस्तेमाल किए जाने की झलक' मिलती है. याचिका में कहा गया है, 'याचिककर्ता एक अभिनेत्री है और वह 2012 से अभिनय की दुनिया में है. विचित्र तथ्यों और परिस्थितियों में मृतक के पिता कृष्णा किशोर सिंह की शह पर यह मामला दर्ज कर याचिकाकर्ता को गलत तरीके से फंसाया गया है.'
अभिनेत्री को मिल रही धमकियां
रिया ने अपनी अर्जी में कबूला है कि वह राजपूत के साथ रह रही थीं. याचिका में कहा गया है कि वह अभिनेता की मौत के कारण और उन्हें मिल रहीं बलात्कार एवं जान से मारने की धमकियों के कारण गहरे सदमे में हैं. याचिका में कहा गया है, 'याचिकाकर्ता को जाने से मारने और बलात्कार की कई धमकियां भी मिली हैं और वह मृतक के इस दुनिया से चले जाने से गहरे सदमे में है.'
रिया का बयान
रिया के अनुसार उन्होंने बलात्कार और हत्या किए जाने की धमकियों को लेकर शांताक्रूज थाने में भी शिकायत दर्ज करायी है. उन्होंने कहा, 'यह उल्लेख करना उचित होगा कि मृतक और याचिकाकर्ता आठ जुलाई, 2020 तक एक साल साथ रहे थे. उसके बाद वह अस्थायी रूप से मुम्बई में अपने निवास पर चली गयी थी.' अर्जी में कहा गया है, 'मृतक (सुशांत) कुछ समय से अवसाद में था और वह इसके लिए दवा ले रहा था. सुशांत ने 14 जून 2020 को बांद्रा में अपने निवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या की. मुम्बई के बांद्रा थाने में अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट दर्ज की गई..'
चल रही है जांच
रिया ने कहा कि कई बार बांद्रा पुलिस ने उन्हें बुलाया और उनके बयान दर्ज किये एवं वह समझती है कि मुम्बई पुलिस की जांच अभी चल ही रही है एवं फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है. उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 177 की व्यवस्था है कि हर अपराध की जांच और सुनवाई उस मजिस्ट्रेट द्वारा की जाए, जिसके क्षेत्राधिकार में अपराध हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि सुशांत के पिता द्वारा दर्ज मामले में तनिक भी सच्चाई है तो भी अपराध की जांच का क्षेत्राधिकार बांद्रा थाना होगा.