ETV Bharat / state

Good Initiative : बिहार में नीतीश सरकार करेगी ये काम ..ताकि हर बच्चा शिक्षित हो

बिहार सरकार उन बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूल में वापस लाएगी जो किन्हीं वजहो से पढ़ाई से दूर हो चुके हैं. अब सूबे में पढ़ने-लिखने की उम्र में किताब पेंसिल से किसी कारण दूरी बनाए बच्चों की पहचान की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर

school
school
author img

By

Published : Oct 20, 2022, 7:38 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने पढ़ाई से दूर हुए बच्चों की पहचान कर उन्हें फिर से स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए सर्वेक्षण कराने की योजना (survey start in bihar school) बनाई है. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान स्कूल से बाहर रहने वाले या बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ चुके 6 से 18 साल के बच्चों की खोज (school dropouts students bring back to school in bihar) की जाएगी. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का यह अभियान नवंबर के पहले ही सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें - वैशाली में सरकारी स्कूल की खुली पोल, बोरा पर बैठकर झुंड में छात्र दे रहे परीक्षा

कब तक चलेगा अभियान? : सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य वैसे बच्चों का पहचान करना है, जो आर्थिक तंगी, अभिभावक के नहीं होने, पढ़ाई में मन नहीं लगने या अन्य तमाम कारणों से स्कूल से दूर हो गए हैं. इस अभियान के करीब तीन से चार सप्ताह तक चलने की उम्मीद है. इस दौरान करीब सभी घरों में दस्तक दी जाएगी.

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को मिला अभियान का जिम्मा: अभियान को संयोजित करने का जिम्मा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को मिला है, जबकि इसमें हेडमास्टर, शिक्षक से लेकर जिला और प्रखंडों के तमाम शिक्षा अधिकारी काम करेंगे. साथ ही समाज के लोगों की भी मदद ली जाएगी.

इन बच्चों का नामांकन उनके उम्र के मुताबिक किया जाएगा. जैसे 10 साल का बच्चा मिला तो कक्षा चार में दाखिला होगा. ऐसे सभी बच्चों की समझ के स्तर को आंका जाएगा और उन्हें विशेष प्रशिक्षण के जरिए उम्र सापेक्ष कक्षा के लायक बनाया जाएगा. समाज के लोग भी आकर नोडल स्कूल में ऐसे बच्चों की जानकारी दे सकेंगे, जो स्कूल से बाहर हैं.

पटना: बिहार सरकार ने पढ़ाई से दूर हुए बच्चों की पहचान कर उन्हें फिर से स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए सर्वेक्षण कराने की योजना (survey start in bihar school) बनाई है. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान स्कूल से बाहर रहने वाले या बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ चुके 6 से 18 साल के बच्चों की खोज (school dropouts students bring back to school in bihar) की जाएगी. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का यह अभियान नवंबर के पहले ही सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें - वैशाली में सरकारी स्कूल की खुली पोल, बोरा पर बैठकर झुंड में छात्र दे रहे परीक्षा

कब तक चलेगा अभियान? : सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य वैसे बच्चों का पहचान करना है, जो आर्थिक तंगी, अभिभावक के नहीं होने, पढ़ाई में मन नहीं लगने या अन्य तमाम कारणों से स्कूल से दूर हो गए हैं. इस अभियान के करीब तीन से चार सप्ताह तक चलने की उम्मीद है. इस दौरान करीब सभी घरों में दस्तक दी जाएगी.

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को मिला अभियान का जिम्मा: अभियान को संयोजित करने का जिम्मा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को मिला है, जबकि इसमें हेडमास्टर, शिक्षक से लेकर जिला और प्रखंडों के तमाम शिक्षा अधिकारी काम करेंगे. साथ ही समाज के लोगों की भी मदद ली जाएगी.

इन बच्चों का नामांकन उनके उम्र के मुताबिक किया जाएगा. जैसे 10 साल का बच्चा मिला तो कक्षा चार में दाखिला होगा. ऐसे सभी बच्चों की समझ के स्तर को आंका जाएगा और उन्हें विशेष प्रशिक्षण के जरिए उम्र सापेक्ष कक्षा के लायक बनाया जाएगा. समाज के लोग भी आकर नोडल स्कूल में ऐसे बच्चों की जानकारी दे सकेंगे, जो स्कूल से बाहर हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.