पटनाः राजधानी में स्मार्ट सिटी योजना के काम में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है. जिसके लिए नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने सचिव लेबल की कमेटी बनाई है.
नगर विकास मंत्री ने सचिव लेबल की बनाई कमेटी
पटना स्मार्ट सिटी एक बार फिर से चर्चा में आ गया है, क्योंकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत होने वाले काम की रफ्तार धीमी हो गई है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार ने नवंबर 2017 में स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन किया था. स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन होते ही काम ने रफ्तार पकड़ा था और जगह-जगह पर स्मार्ट सिटी का साइन बोर्ड लगाया गया था. साथ ही कार्यों को लेकर डीपीआर भी बनाया गया था. यहां तक कुछ कामों को लेकर टेंडर भी पूरा कर लिया गया था. लेकिन अधिकारियों की फेरबदल के बाद काम की रफ्तार धीरे-धीरे सुस्त होती चली गई.
नगर विकास मंत्री कर रहे अधिकारियों से जवाब तलब
मार्च 2020 में सभी कामों को पूरा करना था. लेकिन समय से कार्य पूरा नहीं हो पाने की स्थिति में नगर विकास मंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है और अब मंत्री अधिकारियों के साथ जवाब तलब भी कर रहे है.
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सुरेश शर्मा कर रहे स्मार्ट सिटी योजना को लेकर समीक्षा
नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा इन दिनों बिहार के सभी शहर में बनने वाले स्मार्ट सिटी योजना को लेकर समीक्षा कर रहे है. नगर विकास मंत्री ने बताया कि बिहार के अंदर जिन 4 जिलों का स्मार्ट सिटी के लिए चयन किया गया है, उनमें कार्य गति सुस्त है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि जिन एजेंसियों को कार्य सौंपा गया था, उनके पास कर्मियों की कमी थी, जिस वजह से कार्य सही समय पर नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में एजेंसियों ने दावा किया है कि 15 फरवरी तक हर कमी को पूरा कर लेंगे और योजनाएं अवार्ड हो जाएंगी. मार्च के अंत तक कार्य को पूरा करने का दावा भी किया जा रहा है.