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'स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में कोताही बरतने वाले अधिकारियों की खैर नहीं' - स्मार्ट सिटी

पटना स्मार्ट सिटी एक बार फिर से चर्चा में आ गया है क्योंकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत होने वाले काम की रफ्तार धीमी हो गई है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार ने नवंबर 2017 में स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन किया था.

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Published : Jan 21, 2020, 5:31 PM IST

पटनाः राजधानी में स्मार्ट सिटी योजना के काम में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है. जिसके लिए नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने सचिव लेबल की कमेटी बनाई है.

नगर विकास मंत्री ने सचिव लेबल की बनाई कमेटी
पटना स्मार्ट सिटी एक बार फिर से चर्चा में आ गया है, क्योंकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत होने वाले काम की रफ्तार धीमी हो गई है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार ने नवंबर 2017 में स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन किया था. स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन होते ही काम ने रफ्तार पकड़ा था और जगह-जगह पर स्मार्ट सिटी का साइन बोर्ड लगाया गया था. साथ ही कार्यों को लेकर डीपीआर भी बनाया गया था. यहां तक कुछ कामों को लेकर टेंडर भी पूरा कर लिया गया था. लेकिन अधिकारियों की फेरबदल के बाद काम की रफ्तार धीरे-धीरे सुस्त होती चली गई.

देखें पूरी रिपोर्ट

नगर विकास मंत्री कर रहे अधिकारियों से जवाब तलब
मार्च 2020 में सभी कामों को पूरा करना था. लेकिन समय से कार्य पूरा नहीं हो पाने की स्थिति में नगर विकास मंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है और अब मंत्री अधिकारियों के साथ जवाब तलब भी कर रहे है.

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नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा

ये भी पढ़ेंः JDU के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में PK और पवन वर्मा का नाम नहीं, वशिष्ठ नारायण ने दी सफाई

सुरेश शर्मा कर रहे स्मार्ट सिटी योजना को लेकर समीक्षा
नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा इन दिनों बिहार के सभी शहर में बनने वाले स्मार्ट सिटी योजना को लेकर समीक्षा कर रहे है. नगर विकास मंत्री ने बताया कि बिहार के अंदर जिन 4 जिलों का स्मार्ट सिटी के लिए चयन किया गया है, उनमें कार्य गति सुस्त है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि जिन एजेंसियों को कार्य सौंपा गया था, उनके पास कर्मियों की कमी थी, जिस वजह से कार्य सही समय पर नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में एजेंसियों ने दावा किया है कि 15 फरवरी तक हर कमी को पूरा कर लेंगे और योजनाएं अवार्ड हो जाएंगी. मार्च के अंत तक कार्य को पूरा करने का दावा भी किया जा रहा है.

पटनाः राजधानी में स्मार्ट सिटी योजना के काम में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है. जिसके लिए नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने सचिव लेबल की कमेटी बनाई है.

नगर विकास मंत्री ने सचिव लेबल की बनाई कमेटी
पटना स्मार्ट सिटी एक बार फिर से चर्चा में आ गया है, क्योंकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत होने वाले काम की रफ्तार धीमी हो गई है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार ने नवंबर 2017 में स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन किया था. स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन होते ही काम ने रफ्तार पकड़ा था और जगह-जगह पर स्मार्ट सिटी का साइन बोर्ड लगाया गया था. साथ ही कार्यों को लेकर डीपीआर भी बनाया गया था. यहां तक कुछ कामों को लेकर टेंडर भी पूरा कर लिया गया था. लेकिन अधिकारियों की फेरबदल के बाद काम की रफ्तार धीरे-धीरे सुस्त होती चली गई.

देखें पूरी रिपोर्ट

नगर विकास मंत्री कर रहे अधिकारियों से जवाब तलब
मार्च 2020 में सभी कामों को पूरा करना था. लेकिन समय से कार्य पूरा नहीं हो पाने की स्थिति में नगर विकास मंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है और अब मंत्री अधिकारियों के साथ जवाब तलब भी कर रहे है.

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नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा

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सुरेश शर्मा कर रहे स्मार्ट सिटी योजना को लेकर समीक्षा
नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा इन दिनों बिहार के सभी शहर में बनने वाले स्मार्ट सिटी योजना को लेकर समीक्षा कर रहे है. नगर विकास मंत्री ने बताया कि बिहार के अंदर जिन 4 जिलों का स्मार्ट सिटी के लिए चयन किया गया है, उनमें कार्य गति सुस्त है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि जिन एजेंसियों को कार्य सौंपा गया था, उनके पास कर्मियों की कमी थी, जिस वजह से कार्य सही समय पर नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में एजेंसियों ने दावा किया है कि 15 फरवरी तक हर कमी को पूरा कर लेंगे और योजनाएं अवार्ड हो जाएंगी. मार्च के अंत तक कार्य को पूरा करने का दावा भी किया जा रहा है.

Intro:स्मार्ट सिटी योजना के काम में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई मंत्री ने बनाई सचिव लेबल की कमेटी मार्च 2020 तक सभी कामों को पूरा करने का मंत्री न बनाई कमेटी--


Body:पटना-- पटना स्मार्ट सिटी एक बार फिर से चर्चा में आ गया है क्योंकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत होने वाले काम की रफ्तार धीमी हो गई है, शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार ने नवंबर 2017 में स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन किया था। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के गठन होते ही काम की रफ्तार पकड़ा था और जगह-जगह पर स्मार्ट सिटी का साइन बोर्ड लगाया गया था और कार्यों को लेकर डीपीआर भी बनाई गई थी यहां तक कुछ कामों के लिए कर टेंडर भी हो गया था लेकिन अधिकारियों की फेरबदल के बाद काम की रफ्तार धीरे-धीरे सुस्त होती चली गई कुछ कार्यों को बंद भी कर दिया गया साथ ही कुछ टेंडर को कैंसिल भी कर दिया गया मार्च 2020 में सभी कामों को पूरा करना था लेकिन समय से कार्य पूरा नहीं हो पाने की स्थिति है ऐसे में मंत्री जी ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है और अब मंत्री अधिकारियों के साथ जवाब तलब भी कर रहे हैं।

नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा इन दिनों बिहार के सभी शहर में बनने वाले स्मार्ट सिटी योजना को लेकर समीक्षा कर रहे हैं नगर विकास मंत्री ने बताया कि बिहार के अंदर जिन 4 जिलों का स्मार्ट सिटी के लिए चयन किया गया है उनमें कार्य गति सुस्त है ऐसा इसलिए है कि क्योंकि जिन एजेंसियों को कार्य सौंपा गया था उनके पास कर्मियों की कमी थी। जिस वजह से कार्य सही समय पर नहीं हो पाया है ऐसी यह स्थिति में एजेंसियों ने दावा किया है कि 15 फरवरी तक हर कमी को पूरा कर लेंगे और योजनाएं अवार्ड हो जाएंगी मार्च के अंत तक कार्य को पूरा करने का दावा भी किया जा रहा है।

नगर विकास मंत्री ने आगे कहा कि अगर आने वाले समय में भी कार्य गति सुस्त पाई गई तो जिन लोगों की वजह से ऐसा होगा उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

बाइट-- सुरेश शर्मा नगर विकास मंत्री, बिहार सरकार


Conclusion: हम आपको बता दें कि स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार ने पैसे को पानी की तरह बहाया है लेकिन धरातल पर अभी तक कुछ दिख नहीं रहा है जिसकी वजह से मंत्री काफी नाराज हैं ऐसी स्थिति में यदि काम सही समय पर पूरा नहीं हो पाया तो अधिकारियों के साथ कर्मचारियों पर भी हो सकती है करवाई।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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