पटना: प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में इलाज के दौरान मरने वाले कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. अस्पताल में रविवार को बीते 24 घंटे में कोरोना से 12 मरीजों की मौत हुई है. इसके साथ ही पीएमसीएच में जनवरी से अब तक कोरोना से 280 लोग जान गंवा चुके हैं.
मृतकों में एक व्यक्ति उत्तर प्रदेश के रहने वाला था. जबकि शेष 11 मृतक बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले थे. रविवार का दिन पीएमसीएच के लिए काला दिन साबित हुआ. इस दिन सर्वाधिक शव अस्पताल से निकाले गये.
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38 ऑक्सीजन बेड हैं खाली
पीएमसीएच में वर्तमान समय में 106 बेड के कोरोना वार्ड में 68 एक्टिव मरीज मौजूद हैं जबकि 38 ऑक्सीजन बेड खाली हैं. अस्पताल के कोरोना वार्ड में आईसीयू के सभी 25 बेड फुल हैं. रविवार को ठीक होने के बाद 14 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. अब भी 9 नए एक्टिव मरीज एडमिट हुए हैं. वर्तमान समय में एडमिट मरीजों में 50 मरीज पटना जिले के रहने वाले हैं. जबकि 18 मरीज प्रदेश के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं.
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अस्पताल में आईसीयू बेड की कमी
पीएमसीएच में कोरोना के गंभीर मरीजों की जिस प्रकार से मौत हो रही है, उसका प्रमुख कारण अस्पताल में आईसीयू बेड की कमी है. इस वजह से मरीजों का सही इलाज नहीं हो पा रहा है. अस्पताल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईसीयू के गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पा रही है.
एक साल में नहीं बढ़ी वेंटिलेटरों की संख्या
गंभीर मरीजों को 25 वेंटिलेटर की व्यवस्था में अल्टरनेट पर थोड़े-थोड़े समय के लिए शिफ्ट कर इलाज किया जा रहा है. पीएमसीएच अधीक्षक ने लगभग 20 दिनों पूर्व कहा था कि जल्द ही कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी. आईएमए के अनुसार कोरोना का पिक प्रदेश से खत्म हो गया लेकिन अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या में इजाफा नहीं हुआ. 1 साल से अस्पताल में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए 25 वेंटिलेटर ही हैं.