पटना: बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी कार्तिकेयन की तरफ से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (ईई और एसएसए) के लिए जारी नोटिफिकेशन में काफी कुछ स्पष्ट किया गया है. राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में आगामी एक से 30 जून तक समर कैंप का आयोजन किया जाना है. इसके तहत गर्मी की छुट्टियों के दौरान गतिविधियों के माध्यम से कक्षा 6 और 7 के छात्र-छात्राओं की भाषा और गणित की बुनियादी कौशल का संवर्धन किया जाएगा. इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की आवश्यकता होगी. शिक्षा विभाग द्वारा स्वयं सेवकों को चिन्हित करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.
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स्वयंसेवकों को उपलब्ध कराया जाएगा ब्लैकबोर्ड और चॉक: राज्य स्तर पर शिक्षा को एक व्यापक आंदोलन का स्वरूप देकर राज्य के प्रत्येक छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए समाज को भागीदार बनाया जा रहा है. विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि समर कैंप के आयोजन से ही राज्य के छात्र छात्राओं की भाषा एवं गणित की बुनियादी कौशल का संवर्धन होगा. वहीं दूसरी तरफ स्वयंसेवकों को अपने समाज के छात्राओं के साथ सीखने और सिखाने का मौका मिलेगा. गत 20 मई को संपन्न राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया है कि समर कैंप के आयोजन में शामिल होने वाले सभी स्वयंसेवकों को एक-एक कैलेंडर, ब्लैकबोर्ड और एक-एक डिब्बा चौक उपलब्ध कराया जाएगा.
30 मई तक मिलेगा कैलेंडर, ब्लैकबोर्ड और चॉक: विभागीय स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो सभी अपने क्षेत्र के तहत आने वाले विद्यालय प्रधान को निर्देशित करें. उनके विद्यालय के साथ संबंध होने वाले सभी स्वयंसेवकों को 30 मई तक एक-एक कैलेंडर, ब्लैकबोर्ड और एक- एक डिब्बा चॉक उपलब्ध हो जाए. नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी विद्यालय प्रधान आवश्यकता के अनुसार कैलेंडर, ब्लैक बोर्ड और चॉक के डिब्बे का क्रय करेंगे. साथ ही उस पर होने वाले व्यय का वहन वर्ष 2023-24 के लिए कंपोजिट विद्यालय ग्रांट की उपलब्ध कराई जाने वाली राशि से प्रतिपूर्ति करेंगे. यदि विद्यालय में मूवेबल ब्लैक बोर्ड उपलब्ध हो तो उसे कैलेंडर ब्लैकबोर्ड के स्थान पर उसी का प्रयोग करना है. राज्य में कार्यरत सभी टोला सेवकों के पास कैलेंडर ब्लैकबोर्ड उपलब्ध होने की सूचना है. ऐसी स्थिति में जिन विद्यालयों के साथ स्वयंसेवक के रूप में टोला सेवक संबंध होंगे उनके लिए भी कैलेंडर ब्लैकबोर्ड की आवश्यकता नहीं होगी.