पटनाः राजधानी पटना से सटे मनेर प्रखंड के सुप्रसिद्ध सूफी संत हजरत सुल्तानुल मखदूम शेख कमालुद्दीन अहमद याहिया मनेरी व मखदूम शाह दौलत मनेरी रहमतुल्लाह अलेह के दरगाह के पास रविवार की देर शाम सूफी महोत्सव का आगाज हुआ. इसका उद्घाटन प्रदेश के आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम, राजद विधायक भाई वीरेंद्र, मनेरशरीफ खानकाह के गद्दीनशी सैयद शाह तारिक एनयतुल्लाह फिरदोसी और पटना डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
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सूफिया कलाम से कार्यक्रम का आगाजः बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के द्वारा हर साल की तरह इस साल भी सूफी महोत्सव का भव्य तरीके से आयोजन किया गया. जिसमें देशभर के सूफी गायक एवं बॉलीवुड के प्रसिद्ध सिंगर भी शामिल हुए. महोत्सव में सबसे पहले ई. अभिनव कुमार सहित कई गायकों ने सूफिया कलाम से कार्यक्रम का आगाज किया. उसके बाद प्रसिद्ध सूफी गायक अल्तमश फरीदी और आसिफ फरीदी दोनों भाईयो की जोड़ी ने सूफी गायन अल्लाह हु अल्लाह हु,... पेश किया.
रंग बिरंगी लाइटों से सजाई गई दरगाहः इसके अलावा बॉलीवुड के भी कई प्रसिद्ध गाने पर सूफी गायकों ने लोगों को झुमाया. इस दौरान लोग दोनों भाईयों के गाने पर झूमते दिखे, इन्होंने अपनी शानदार प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उधर सूफी महोत्सव को लेकर राज्य सरकार और पर्यटन विभाग के द्वारा मनेर दरगाह को रंग बिरंगे लाइटों से सजाया गया. रंगीन लाइटों से सजी दरगाह अपनी खूबसूरती को बिखेरती नजर आयी.
'सुफिज्म को जानने के लिए आयोजन जरूरी': वहीं, इस मौके पर बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम ने कहा कि सुफिज्म को जानने के लिए ऐसे आयोजन जरूरी है. बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के तरफ से इसका आयोजन हर साल की तरह इस साल भी किया गया है. सूफी महोत्सव का मुख्य उद्देश्य होता है कि सूफी हमारे आदर्श है, उनके आदर्श विचार, समाज में हमारे सूफियों के योगदान से लोगों को रूबरू होना चाहिए.
"हम अगले साल इसे बड़े पैमाने पर करेंगे. सूबे के सभी खानकाहों के लोगो को आमंत्रित किया जाएगा. ऐसे आयोजनों से हमें सूफियों के योगदान और उनके आदर्शों को जानने का मौका मिलता है"- शाहनवाज आलम, आपदा प्रबंधन मंत्री
'दरगाह पर आकर काफी अच्छा लगा': वहीं, सूफी महोत्सव में पहुंचे बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध सूफी गायक अल्तमश फरीदी एवं आसफी फरीदी ने कहा कि यह पहला मौका होगा, जब मखदूम शाह मनेरी के दरगाह पर परफॉर्मेंस करने का मौका मिला है और उनके दरगाह पर हाजिरी लगाने का मौका हम दोनों भाइयों को मिला है. अपने सूफी गानों से हम तमाम दर्शकों की आशा पर खरे उतरेंगे. यह हमारा परफॉर्मेंस नहीं है, यहां पर हम लोग हाजिरी लगाने आए हैं, काफी अच्छा लग रहा है.