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पटना के डॉक्टरों का कमाल: कैंसर मरीज का 60 फीसदी लीवर काटकर डॉक्टरों ने बचाई जान

पटना के एक बड़े अस्पताल के डॉक्टरों ने कैंसर पीड़ित मरीज का 60 प्रतिशत लीवर काटकर (Successful operation by cutting liver in Patna) उसकी जान बचाई है. 65 साल की महिला की कीमोथेरेपी भी मुश्किल थी लेकिन तमाम समस्याओं के बीच डॉक्टरों ने उसकी जान बचा ली. बिहार में इसतरह की पहली सर्जरी है. पढ़ें पूरी खबर-

पटना के डॉक्टरों का कमाल
पटना के डॉक्टरों का कमाल
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Published : Feb 26, 2022, 11:04 PM IST

पटना : बिहार की राजधानी पटना में डॉक्टरों ने एक कैंसर पीड़ित को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया. दरअसल, एक महिला कैंसर पीड़ित मरीज का आधा से अधिक लीवर काटकर पटना के पारस अस्पताल (Paras Hospital Patna) के डॉक्टरों ने मरीज को मौत के मुंह से बाहर निकाला है. इस बात को लेकर अस्पताल के निदेशक डॉ एए हई ने शनिवार को अस्पताल में प्रेस वार्ता की. इस दौरान मरीज का इलाज करने वाले दोनों चिकित्सक डॉ नितिन कुमार और डॉक्टर आकांक्षा बाजपेई मौजूद रहीं. गैस्ट्रो सर्जन डॉक्टर नितिन कुमार ने बताया कि मोतिहारी की रहने वाली 65 वर्षीय रजिया खातून को पित्त की थैली का कैंसर था. इस कैंसर ने लीवर के दाएं भाग के रक्त आपूर्ति सिस्टम और पित्त की नली को अपनी चपेट में ले लिया था.

ये भी पढ़ें- बिहार के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की बढ़ी वार्षिक फीस, अब NEET में स्कोर कम हुए तो डॉक्टर बनना मुश्किल!

डॉक्टर ने बताया कि कैंसर मरीज को इलाज करने में काफी चुनौतियां थीं. क्योंकि, मरीज में पहले से पीलिया के लक्षण थे. गांठ भी बहुत बड़ी थी, जिस कारण तुरंत सर्जरी नहीं की जा सकती थी.डॉ नितिन कुमार ने बताया कि पीलिया के वजह से कीमोथेरेपी भी नहीं की जा सकती थी. ऐसे में उनकी टीम ने लीवर के बाएं हिस्से को पक्रयूटेनियस ट्रांसहेपेटिक पित्त ड्रेनेज नली द्वारा बाहर की ओर बहाव किया गया. इससे पिक्चर शरीर से बाहर निकलने लगा और कुछ दिनों में पीलिया कम हो गया और फिर अल्ट्रासाउंड विधि से बायोप्सी जांच हुई, जिसमें कैंसर डिटेक्ट हुआ.

इसके बाद 4 साइकिल में कीमोथेरेपी दी गई. इससे गांठ का आकार कम हुआ और गांठ का आकार कम होने के बाद 6 घंटे की सर्जरी चली. जिसमें मरीज के लीवर का दांया भाग 60% से अधिक काटकर निकाला गया. अब मरीज तेजी से स्वस्थ हो रही है. उन्होंने बताया कि लीवर शरीर में एक ऐसा अंग है जिसका कुछ हिस्सा काटने के बाद भी यह पुनः 2 से 3 महीने में खुद को पूरे आकार में विकसित कर लेता है.

इस मौके पर लीवर क्लिनिक की शुरुआत भी की गई. इसके बारे में अस्पताल के डायरेक्टर जनरल सर्जरी डॉ एए हई ने बताया कि बिहार में लीवर की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रहीं हैं. जिसका मुख्य कारण है शराब, डायबिटीज, फैटी लीवर और हेपेटाइटिस. गंगा के तटीय इलाकों में लीवर की समस्याएं अधिक हैं. ऐसे में लीवर से जुड़ी हर बीमारी का बेहतर इलाज हो सके इसको लेकर के अस्पताल में लीवर क्लीनिक की शुरुआत की गई है. आने वाले दिनों में लीवर की हर तरह की बीमारी का इलाज और सर्जरी यहां उपलब्ध होगी.

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पटना : बिहार की राजधानी पटना में डॉक्टरों ने एक कैंसर पीड़ित को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया. दरअसल, एक महिला कैंसर पीड़ित मरीज का आधा से अधिक लीवर काटकर पटना के पारस अस्पताल (Paras Hospital Patna) के डॉक्टरों ने मरीज को मौत के मुंह से बाहर निकाला है. इस बात को लेकर अस्पताल के निदेशक डॉ एए हई ने शनिवार को अस्पताल में प्रेस वार्ता की. इस दौरान मरीज का इलाज करने वाले दोनों चिकित्सक डॉ नितिन कुमार और डॉक्टर आकांक्षा बाजपेई मौजूद रहीं. गैस्ट्रो सर्जन डॉक्टर नितिन कुमार ने बताया कि मोतिहारी की रहने वाली 65 वर्षीय रजिया खातून को पित्त की थैली का कैंसर था. इस कैंसर ने लीवर के दाएं भाग के रक्त आपूर्ति सिस्टम और पित्त की नली को अपनी चपेट में ले लिया था.

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डॉक्टर ने बताया कि कैंसर मरीज को इलाज करने में काफी चुनौतियां थीं. क्योंकि, मरीज में पहले से पीलिया के लक्षण थे. गांठ भी बहुत बड़ी थी, जिस कारण तुरंत सर्जरी नहीं की जा सकती थी.डॉ नितिन कुमार ने बताया कि पीलिया के वजह से कीमोथेरेपी भी नहीं की जा सकती थी. ऐसे में उनकी टीम ने लीवर के बाएं हिस्से को पक्रयूटेनियस ट्रांसहेपेटिक पित्त ड्रेनेज नली द्वारा बाहर की ओर बहाव किया गया. इससे पिक्चर शरीर से बाहर निकलने लगा और कुछ दिनों में पीलिया कम हो गया और फिर अल्ट्रासाउंड विधि से बायोप्सी जांच हुई, जिसमें कैंसर डिटेक्ट हुआ.

इसके बाद 4 साइकिल में कीमोथेरेपी दी गई. इससे गांठ का आकार कम हुआ और गांठ का आकार कम होने के बाद 6 घंटे की सर्जरी चली. जिसमें मरीज के लीवर का दांया भाग 60% से अधिक काटकर निकाला गया. अब मरीज तेजी से स्वस्थ हो रही है. उन्होंने बताया कि लीवर शरीर में एक ऐसा अंग है जिसका कुछ हिस्सा काटने के बाद भी यह पुनः 2 से 3 महीने में खुद को पूरे आकार में विकसित कर लेता है.

इस मौके पर लीवर क्लिनिक की शुरुआत भी की गई. इसके बारे में अस्पताल के डायरेक्टर जनरल सर्जरी डॉ एए हई ने बताया कि बिहार में लीवर की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रहीं हैं. जिसका मुख्य कारण है शराब, डायबिटीज, फैटी लीवर और हेपेटाइटिस. गंगा के तटीय इलाकों में लीवर की समस्याएं अधिक हैं. ऐसे में लीवर से जुड़ी हर बीमारी का बेहतर इलाज हो सके इसको लेकर के अस्पताल में लीवर क्लीनिक की शुरुआत की गई है. आने वाले दिनों में लीवर की हर तरह की बीमारी का इलाज और सर्जरी यहां उपलब्ध होगी.

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