पटना: ऐपवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व सांसद सुभाषिनी अली सहगल ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आज देश में और बिहार में महिलाओं की स्थिति पर विचार करने की जरूरत है. महिला आंदोलन की ओर से जीते गए तमाम अधिकारों को देश में समाप्त किया जा रहा है. आए दिन महिलाओं के साथ कोई ना कोई घटनाएं बढ़ती जा रही है. बिहार में अगर बात करें तो दुष्कर्म की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है.
ये भी पढ़ें- सार्वजनिक स्थानों पर अवैध तरीके से मंदिर निर्माण पर सदन में उठे सवाल, मंत्री ने दिया ये जवाब
पूर्व सांसद ने कहा कि काम का अधिकार आज महिलाओं के लिए अभिशाप बन गया है जो काम मिलता था अब वह भी छीन गया है. सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी नौकरियां समाप्त हो रही है. उद्योग खुलने के बजाय बंद किए जा रहे हैं. कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान महिलाओं को हुआ है. सबसे ज्यादा चिंता की बात है बिहार में 42% लड़कियों की शादी कम उम्र में ही हो जाती है. 11 ऐसे जिले हैं जहां दो में से एक लड़की की शादी 18 साल के उम्र के पहले हो जाती है. वहीं, बेगूसराय गया नवादा जमुई में 30% शादियां लड़कियों के 16 साल की उम्र में ही हो जाती है. जो सरासर गलत है सरकार को इस पर ठोस कदम उठाना चाहिए लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है.
महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा
महिलाओं पर होने वाले हिंसा लगातार बढ़ रही है. अपराधी पकड़े नहीं जा रहे हैं क्योंकि सरकार के साथ उनका सांठगांठ है. इन सभी मामलों को लेकर हम लगातार आंदोलन करते आए हैं. 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विधानसभा मार्च भी निकाला गया. इन सवालों को लेकर हम संघर्ष पहले भी करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे. आगामी 23 मार्च को भगत सिंह राजगुरु सुखदेव की शहादत दिवस के अवसर पर किसान बचाओ देश बचाओ नारे के साथ किसान, महिलाएं, छात्र, नौजवान शहीदों की शहादत को याद करते हुए प्रतिरोध कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. इन सभी सवालों को लेकर आगामी 12 और 13 मार्च को राज्य कमेटी की बैठक की जाएगी और आगे की रणनीति की रूपरेखा तैयार की जाएगी.