ETV Bharat / state

सीबीएसई परीक्षा कैंसिल होने से छात्र निराश, बोले- ऑनलाइन ही करा लें एग्जाम

सीबीएसई परीक्षा कैंसिल होने से छात्र काफी निराश हैं. छात्रों का कहना है कि यदि कोरोना संक्रमण बढ़ रहा था तो परीक्षा ऑनलाइन ही हो जाती तो ज्यादा बेहतर होता.

author img

By

Published : Apr 14, 2021, 6:12 PM IST

Students disappointed in patna
Students disappointed in patna

पटना: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. वहीं 12वीं की परीक्षा को भी स्थगित करने का फैसला किया गया है. सरकार के इस फैसले से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में काफी निराशा देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ें: बिहार में कोरोना से IAS की मौत, PMCH के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी संक्रमित

छात्रों में निराशा
जब ईटीवी भारत की टीम ने दसवीं और बारहवीं की छात्राओं से बात किया तो उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में ऑफलाइन पढ़ाई हुई थी. लेकिन फिर धीरे-धीरे ऑनलाइन पढ़ाई होने लगी. इतनी अच्छी तरीके से पढ़ाई तो नहीं हुई, लेकिन हमने तैयारी पूरी कर रखी थी. ऐसे में परीक्षा नहीं हो रही है, यह जानकर काफी निराशा हुई. सरकार को चाहिए था कि एग्जाम भी ऑनलाइन करा लें. क्योंकि हर छात्र अलग तरीके से पढ़ाई और मेहनत करते हैं. परीक्षा में सब के नंबर भी अलग आते हैं.

Students disappointed in patna
छात्रों में निराशा
"यदि कोरोना संक्रमण बढ़ रहा था तो परीक्षा ऑनलाइन ही हो जाती तो ज्यादा बेहतर होता. एग्जाम कैंसिल करने से हमारे आगे के परफॉर्मेंस में भी काफी असर पड़ेगा"- सानिया अहमद, छात्रा
देखें रिपोर्ट

"सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं. क्योंकि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है. लेकिन हम सरकार के फैसले का विरोध भी करते हैं. क्योंकि शिक्षकों और छात्रों ने 2 वर्ष मेहनत की थी. ऑफलाइन-ऑनलाइन दोनों तरीके से छात्रों ने काफी तैयारी की थी. अब ऐसे में परीक्षा कैंसिल कर दी गई है. यह काफी गलत है. अगर संक्रमण बढ़ने का सरकार को ज्यादा डर है तो, परीक्षा ऑनलाइन ही करा लेते. अगर सरकार समय पर परीक्षा ले लेती तो आज यह नौबत नहीं आती कि परीक्षा कैंसिल करना होता. रैली में कोरोना नहीं होता है और परीक्षा से कोरोना हो जाएगा. कोरोना संक्रमण के रोकथाम की जिम्मेदारी भी सरकार को ही लेनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसी का नतीजा है कि आज स्थिति इस तरीके की है. अभी भी समय है. सरकार चेते और इस तरीके के फैसले ना ले"- शमायल अहमद, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

Students disappointed in patna
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष

ये भी पढ़ें: कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर बढ़ी चौकसी, यात्रियों की हो रही जांच

"बच्चों ने काफी मेहनत की थी. 10th परीक्षा बच्चों का बेस होता है. बच्चों में परीक्षा देने के समय काफी होड़ लगी रहती है कि परीक्षा में परिणाम कैसे होंगे, कौन टॉप करेगा, लेकिन जब परीक्षाएं नहीं होंगी तो बच्चों में किसी प्रकार की कोई उत्सुकता नहीं रहेगी. इसलिए परीक्षा कैंसिल करना कोई समस्या का समाधान नहीं है"- कंचन, अभिभावक

Students disappointed in patna
कंचन, अभिभावक

ये भी पढ़ें: चुनाव प्रचार से लौटे तेजस्वी यादव, कहा- कोरोना संक्रमण काल में अस्पतालों में नहीं है कोई सुविधा

"सरकार का यह फैसला सुनकर काफी चिंता हो रही है क्योंकि अगर ऐसा ही करना था तो सरकार को पहले ही इसकी घोषणा कर देनी चाहिए थी. मार्च में एग्जाम हो जाते तो आज यह नौबत नहीं आती. जिस तरीके से छात्रों और शिक्षकों ने काफी मेहनत की. बच्चों को पढ़ाया, बच्चों को तैयार किया और अंतिम समय में ऐसा फैसला आया कि परीक्षाएं नहीं होंगी. इससे शिक्षक तो निराश हैं. लेकिन बच्चों में इसका काफी गहरा असर पड़ेगा. बच्चों के अंदर यह मानसिकता बनेगी कि बिना परीक्षा दिए ही पास हो गए हैं. पढ़ाई कम करेंगे और हायर स्टडीज में उन्हें काफी समस्या होगी"- राणा रोहित सिंह, शिक्षक

पटना: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. वहीं 12वीं की परीक्षा को भी स्थगित करने का फैसला किया गया है. सरकार के इस फैसले से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में काफी निराशा देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ें: बिहार में कोरोना से IAS की मौत, PMCH के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी संक्रमित

छात्रों में निराशा
जब ईटीवी भारत की टीम ने दसवीं और बारहवीं की छात्राओं से बात किया तो उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में ऑफलाइन पढ़ाई हुई थी. लेकिन फिर धीरे-धीरे ऑनलाइन पढ़ाई होने लगी. इतनी अच्छी तरीके से पढ़ाई तो नहीं हुई, लेकिन हमने तैयारी पूरी कर रखी थी. ऐसे में परीक्षा नहीं हो रही है, यह जानकर काफी निराशा हुई. सरकार को चाहिए था कि एग्जाम भी ऑनलाइन करा लें. क्योंकि हर छात्र अलग तरीके से पढ़ाई और मेहनत करते हैं. परीक्षा में सब के नंबर भी अलग आते हैं.

Students disappointed in patna
छात्रों में निराशा
"यदि कोरोना संक्रमण बढ़ रहा था तो परीक्षा ऑनलाइन ही हो जाती तो ज्यादा बेहतर होता. एग्जाम कैंसिल करने से हमारे आगे के परफॉर्मेंस में भी काफी असर पड़ेगा"- सानिया अहमद, छात्रा
देखें रिपोर्ट

"सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं. क्योंकि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है. लेकिन हम सरकार के फैसले का विरोध भी करते हैं. क्योंकि शिक्षकों और छात्रों ने 2 वर्ष मेहनत की थी. ऑफलाइन-ऑनलाइन दोनों तरीके से छात्रों ने काफी तैयारी की थी. अब ऐसे में परीक्षा कैंसिल कर दी गई है. यह काफी गलत है. अगर संक्रमण बढ़ने का सरकार को ज्यादा डर है तो, परीक्षा ऑनलाइन ही करा लेते. अगर सरकार समय पर परीक्षा ले लेती तो आज यह नौबत नहीं आती कि परीक्षा कैंसिल करना होता. रैली में कोरोना नहीं होता है और परीक्षा से कोरोना हो जाएगा. कोरोना संक्रमण के रोकथाम की जिम्मेदारी भी सरकार को ही लेनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसी का नतीजा है कि आज स्थिति इस तरीके की है. अभी भी समय है. सरकार चेते और इस तरीके के फैसले ना ले"- शमायल अहमद, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

Students disappointed in patna
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष

ये भी पढ़ें: कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर बढ़ी चौकसी, यात्रियों की हो रही जांच

"बच्चों ने काफी मेहनत की थी. 10th परीक्षा बच्चों का बेस होता है. बच्चों में परीक्षा देने के समय काफी होड़ लगी रहती है कि परीक्षा में परिणाम कैसे होंगे, कौन टॉप करेगा, लेकिन जब परीक्षाएं नहीं होंगी तो बच्चों में किसी प्रकार की कोई उत्सुकता नहीं रहेगी. इसलिए परीक्षा कैंसिल करना कोई समस्या का समाधान नहीं है"- कंचन, अभिभावक

Students disappointed in patna
कंचन, अभिभावक

ये भी पढ़ें: चुनाव प्रचार से लौटे तेजस्वी यादव, कहा- कोरोना संक्रमण काल में अस्पतालों में नहीं है कोई सुविधा

"सरकार का यह फैसला सुनकर काफी चिंता हो रही है क्योंकि अगर ऐसा ही करना था तो सरकार को पहले ही इसकी घोषणा कर देनी चाहिए थी. मार्च में एग्जाम हो जाते तो आज यह नौबत नहीं आती. जिस तरीके से छात्रों और शिक्षकों ने काफी मेहनत की. बच्चों को पढ़ाया, बच्चों को तैयार किया और अंतिम समय में ऐसा फैसला आया कि परीक्षाएं नहीं होंगी. इससे शिक्षक तो निराश हैं. लेकिन बच्चों में इसका काफी गहरा असर पड़ेगा. बच्चों के अंदर यह मानसिकता बनेगी कि बिना परीक्षा दिए ही पास हो गए हैं. पढ़ाई कम करेंगे और हायर स्टडीज में उन्हें काफी समस्या होगी"- राणा रोहित सिंह, शिक्षक
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.