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पटना विश्वविद्यालय में मनाया गया 105वां फाउंडेशन डे, गोल्ड मेडल से सम्मानित हुए 40 छात्र छात्राएं - PATNA NEWS

पटना विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस के मौके पर मौजूद शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का नाम उसके इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं होता, बल्कि वहां की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और शिक्षकों की गुणवत्ता से होती है.

छात्र छात्राएं
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Published : Oct 1, 2021, 6:09 PM IST

पटनाः बिहार की सबसे पुरानी यूनीवर्सिटी पटना विश्वविद्यालय का 105वां स्थापना दिवस ऐतिहासिक व्हीलर सीनेट हॉल में मनाया गया. जहां मुख्य अतिथि के तौर पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार मौजूद रहे. इस मौके पर साल 2020 में विश्वविद्यालय के विभिन्न स्नातक विषयों में टॉप करने वाले 41 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ेंः बिहार के IT विभाग की फाइलें अब धूल नहीं फाकेंगी, पेपरलेस E-Office से होंगे सारे काम

गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले 40 छात्र छात्राओं में 31 छात्राएं और 10 छात्र हैं. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में बेटियों की संख्या अधिक है और यह काफी प्रसन्नता की बात है कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बेटियां बेटों से काफी आगे निकल रही हैं.

पटना विमेंस कॉलेज में इंग्लिश ऑनर्स में टॉप करने वाली अंजली कुमारी ने कहा कि उन्हें गोल्ड मेडल मिलने पर काफी खुशी हो रही है. उन्होंने बताया कि अभी वह इंग्लिश से ही स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं और आगे शिक्षा के क्षेत्र में ही काम करना चाहती हैं.

लॉ कॉलेज से स्नातक में टॉप करने वाली निधि सिन्हा ने बताया कि टॉप करने पर उन्हें काफी खुशी हो रही है और इसके लिए उन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा गया है. पढ़ाई में उन्होंने जो मेहनत की है उसी का परिणाम है उन्होंने बताया कि अभी वह लॉ में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं और आगे न्यायिक सर्विसेज में जाने का लक्ष्य है.

बीएन कॉलेज में केमिस्ट्री विषय में टॉप कर गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले वैभव कुमार ने कहा कि वह इसी विषय में अब स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं और आगे उनका पीएचडी कर उच्च शिक्षा ग्रहण करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर सिविल सर्विसेज के क्षेत्र में जाना चाहते हैं.

देखें वीडियो

कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति ने शिक्षा मंत्री के सामने विश्वविद्यालय के लिए दो भवन बनाने का मांग किया और इसका उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से पूरा मैप दिखाया. कुलपति गिरीश चौधरी ने शिक्षा मंत्री से कहा कि 105 वर्ष विश्वविद्यालय का हो चुका है ऐसे में विश्वविद्यालय के लिए नए एडमिनिस्ट्रेटिव भवन और नए एकेडमिक भवन बनाने की आवश्यकता है. क्योंकि अब यहां पहले की तुलना में काफी अधिक छात्र पढ़ाई करते हैं.

कुलपति के मांग पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि वह पटना विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से सरकार का राजस्व इस बार कम प्राप्त हुआ है ऐसे में विश्वविद्यालय के लिए कुलपति ने जो दो भवन बनाने का डिमांड किया है. उनमें से वह अपने कार्यकाल में एक भवन का कार्य शुरू करा सकते हैं. ऐसे में कुलपति को तय करना है कि उनकी प्राथमिकता में कौन भवन होगा.

'सरकार बेटियों की शिक्षा को लेकर जो काम कर रही है उसका यह सकारात्मक परिणाम नजर आ रहा है. शिक्षा कभी सुविधाओं की मोहताज नहीं होती और प्रदेश में परंपरा रही है पेड़ के नीचे शिक्षा ग्रहण करने की. हमारे देश की गुरुकुल परंपरा काफी समृद्ध परंपरा रही है. कोई भी विश्वविद्यालय का नाम उसके इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं होता बल्कि वहां की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और शिक्षकों के गुणवत्ता से होता है'- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री

ये भी पढ़ेंः International Day Of Older Persons 2021: आज आप भी लें बुजुर्गों के प्रति उदार होने का संकल्प...

कार्यक्रम के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है और उन्होंने जब से कार्यभार संभाला है शोध पर काफी ध्यान दे रहे हैं. शिक्षकों से इस मामले में मीटिंग रखी है. लेकिन अब तक 10 से 15 शोध हीं उन्हें प्राप्त हुए हैं. जिन्हें वह अच्छे जर्नल में पब्लिश कराने के प्रयास में है. उन्होंने कहा कि एक शोध में दो रिसर्च पेपर होते हैं और अगर 100 शोध भी 1 साल में प्राप्त होते हैं तो 200 रिसर्च पेपर पब्लिश होगा और इससे निश्चित रूप से विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग में सुधार आएगी.

पटनाः बिहार की सबसे पुरानी यूनीवर्सिटी पटना विश्वविद्यालय का 105वां स्थापना दिवस ऐतिहासिक व्हीलर सीनेट हॉल में मनाया गया. जहां मुख्य अतिथि के तौर पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार मौजूद रहे. इस मौके पर साल 2020 में विश्वविद्यालय के विभिन्न स्नातक विषयों में टॉप करने वाले 41 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया.

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गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले 40 छात्र छात्राओं में 31 छात्राएं और 10 छात्र हैं. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में बेटियों की संख्या अधिक है और यह काफी प्रसन्नता की बात है कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बेटियां बेटों से काफी आगे निकल रही हैं.

पटना विमेंस कॉलेज में इंग्लिश ऑनर्स में टॉप करने वाली अंजली कुमारी ने कहा कि उन्हें गोल्ड मेडल मिलने पर काफी खुशी हो रही है. उन्होंने बताया कि अभी वह इंग्लिश से ही स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं और आगे शिक्षा के क्षेत्र में ही काम करना चाहती हैं.

लॉ कॉलेज से स्नातक में टॉप करने वाली निधि सिन्हा ने बताया कि टॉप करने पर उन्हें काफी खुशी हो रही है और इसके लिए उन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा गया है. पढ़ाई में उन्होंने जो मेहनत की है उसी का परिणाम है उन्होंने बताया कि अभी वह लॉ में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं और आगे न्यायिक सर्विसेज में जाने का लक्ष्य है.

बीएन कॉलेज में केमिस्ट्री विषय में टॉप कर गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले वैभव कुमार ने कहा कि वह इसी विषय में अब स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं और आगे उनका पीएचडी कर उच्च शिक्षा ग्रहण करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर सिविल सर्विसेज के क्षेत्र में जाना चाहते हैं.

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कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति ने शिक्षा मंत्री के सामने विश्वविद्यालय के लिए दो भवन बनाने का मांग किया और इसका उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से पूरा मैप दिखाया. कुलपति गिरीश चौधरी ने शिक्षा मंत्री से कहा कि 105 वर्ष विश्वविद्यालय का हो चुका है ऐसे में विश्वविद्यालय के लिए नए एडमिनिस्ट्रेटिव भवन और नए एकेडमिक भवन बनाने की आवश्यकता है. क्योंकि अब यहां पहले की तुलना में काफी अधिक छात्र पढ़ाई करते हैं.

कुलपति के मांग पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि वह पटना विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से सरकार का राजस्व इस बार कम प्राप्त हुआ है ऐसे में विश्वविद्यालय के लिए कुलपति ने जो दो भवन बनाने का डिमांड किया है. उनमें से वह अपने कार्यकाल में एक भवन का कार्य शुरू करा सकते हैं. ऐसे में कुलपति को तय करना है कि उनकी प्राथमिकता में कौन भवन होगा.

'सरकार बेटियों की शिक्षा को लेकर जो काम कर रही है उसका यह सकारात्मक परिणाम नजर आ रहा है. शिक्षा कभी सुविधाओं की मोहताज नहीं होती और प्रदेश में परंपरा रही है पेड़ के नीचे शिक्षा ग्रहण करने की. हमारे देश की गुरुकुल परंपरा काफी समृद्ध परंपरा रही है. कोई भी विश्वविद्यालय का नाम उसके इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं होता बल्कि वहां की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और शिक्षकों के गुणवत्ता से होता है'- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री

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कार्यक्रम के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है और उन्होंने जब से कार्यभार संभाला है शोध पर काफी ध्यान दे रहे हैं. शिक्षकों से इस मामले में मीटिंग रखी है. लेकिन अब तक 10 से 15 शोध हीं उन्हें प्राप्त हुए हैं. जिन्हें वह अच्छे जर्नल में पब्लिश कराने के प्रयास में है. उन्होंने कहा कि एक शोध में दो रिसर्च पेपर होते हैं और अगर 100 शोध भी 1 साल में प्राप्त होते हैं तो 200 रिसर्च पेपर पब्लिश होगा और इससे निश्चित रूप से विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग में सुधार आएगी.

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