पटना. चीन में इंटरनेशल बिजनेस स्टडी (International Business Study) की पढ़ाई करने गए गया के छात्र अमन नागसेन (Aman Nagsen) की हत्या 23 जुलाई को कर दी गई थी. परिजनों को छात्र की मौत की जानकारी 30 जुलाई को दी गई थी. इसके बाद से परिवार के लोग शव लाने के लिए भारत सरकार से गुहार लगा रहे थे. हत्या के 21 दिन बाद छात्र का शव पटना एयरपोर्ट लाया गया.
यह भी पढे़ं- चीन में पढ़ने गए बिहार के छात्र की मौत, भाजपा सांसद ने की विदेश राज्य मंत्री से संज्ञान लेने की मांग
शव को गया ले जाने के लिए पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे अमन नागसेन के चाचा पंकज कुमार ने कहा, 'चीन से भारत के अच्छे संबंध हैं यही सोचकर हमने बच्चे को यहां पढ़ने के लिए भेजा था. चीन में उसकी हत्या कर दी गई. मेरा बेटा तो चला गया. मेरी मांग है कि चीन में जिनके भी बच्चे हैं उनकी सुरक्षा सरकार करे. मेरी भारत सरकार से यही गुहार है.'
परिजन छात्र के शव को गया जिले के परैया प्रखंड के मंगरावां पंचायत स्थित पैतृक गांव कष्ठुआ ले गए. पिछले 14 दिनों से परिजनों को शव आने का इंतजार था. शव को पटना से गया ले जाने के लिए एक शव वाहन और पुलिस की टीम आई थी. गया के डीएम अभिषेक सिंह ने कहा, 'चीन से शव लाने में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने हर संभव प्रयास किया है.' छात्र अमन नागसेन के अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली गई है. ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से मोरहर नदी तट पर गांव से कुछ दूरी पर घाट बनाया है. उस घाट पर ईंट से पक्का चबूतरे का निर्माण किया गया है.
बता दें कि अमन नागसेन गया के पुलिस लाइन स्थित अंबेडकर नगर के रहने वाले बीजीपी नेता किशोर पासवान के बड़े भाई उदय पासवान का इकलौता बेटा था. मृतक के चाचा पंकज पासवान ने इंडियन एम्बेसी को 30 जुलाई को मेल किया था. जिसके जवाब में एम्बेसी ने हत्या की जानकारी दी थी. एम्बेसी ने बताया था कि अमन की हत्या की किसी नन चाइनिज ने की थी, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके बाद से अमन के परिजनों के साथ ही नेताओं और बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर के पास हाथ में कैंडिल और बैनर लेकर शव को स्वदेश वापस लाने की गुहार लगा रहे थे.
यह भी पढे़ं- जानिए कहां नौकरी के लिए 400 मीटर दौड़ी गर्भवती महिला