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पटनाः दूसरे दिन भी जारी रही नगर निगम के सफाई कर्मियों की हड़ताल, सड़क पर है कूड़ों का अंबार

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Published : Sep 11, 2020, 4:31 PM IST

सफाई कर्मियों ने 14 दिन पहले से ही नगर निगम प्रशासन को मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी. बावजूद इसके निगम प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की.

पटना
पटना

पटना: नगर निगम के 8 हजार सफाई कर्मी अपने विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार से हड़ताल पर हैं. हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को पूरे शहर में कूड़ों को अंबार दिख रहा हैं. हड़तालियों की अधिकारियों के साथ कोई वार्ती नहीं हुई हैं. इस पर निगम प्रशासन पूरी तरह चुप्पी साध लिया है.

स्वच्छता सर्वेक्षण के सूची में पटना गंदगी के मामले में अव्वल रहा है. दो दिनों से कूड़ा नहीं उठने के कारण कूड़ा स्थल बजबजाने लगा है. वहां से गुजरना मुहाल हो गया है. सब्जी मंडियों, बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर कचरा पसरा हुआ है. हड़ताल के कारण गुरुवार को 984 मीट्रिक टन कूड़े का उठाव नहीं हुआ. हड़ताल पर गए सफाई कर्मियों ने एक दिन पहले ही रात में वाहनों के यार्ड में ताला लगा दिया था. गुरुवार को एक भी वाहन सड़क पर नहीं उतरा. हड़ताल को लेकर पटना नगर निगम के अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. उधर सफाईकर्मी अपनी मांगों पर अड़े हैं.

पेश है रिपोर्ट

निगम प्रशासन ने नहीं की वैकल्पिक व्यवस्था
सफाई कर्मियों ने 14 दिन पहले से ही नगर निगम प्रशासन को मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी. बावजूद इसके निगम प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की और न ही कर्मियों की मांग पूरी करने की दिशा में कोई पहल की. जिसका नतीजा यह हुआ कि कर्मी हड़ताल पर चले गए, शहर में गंदगी पसरा हुआ है. बहरहाल अब देखना होगा कि पटना नगर निगम और सफाईकर्मियों की वार्ता कब सफल होती है और कब तक हड़ताल खत्म होता है.

पटना: नगर निगम के 8 हजार सफाई कर्मी अपने विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार से हड़ताल पर हैं. हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को पूरे शहर में कूड़ों को अंबार दिख रहा हैं. हड़तालियों की अधिकारियों के साथ कोई वार्ती नहीं हुई हैं. इस पर निगम प्रशासन पूरी तरह चुप्पी साध लिया है.

स्वच्छता सर्वेक्षण के सूची में पटना गंदगी के मामले में अव्वल रहा है. दो दिनों से कूड़ा नहीं उठने के कारण कूड़ा स्थल बजबजाने लगा है. वहां से गुजरना मुहाल हो गया है. सब्जी मंडियों, बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर कचरा पसरा हुआ है. हड़ताल के कारण गुरुवार को 984 मीट्रिक टन कूड़े का उठाव नहीं हुआ. हड़ताल पर गए सफाई कर्मियों ने एक दिन पहले ही रात में वाहनों के यार्ड में ताला लगा दिया था. गुरुवार को एक भी वाहन सड़क पर नहीं उतरा. हड़ताल को लेकर पटना नगर निगम के अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं. उधर सफाईकर्मी अपनी मांगों पर अड़े हैं.

पेश है रिपोर्ट

निगम प्रशासन ने नहीं की वैकल्पिक व्यवस्था
सफाई कर्मियों ने 14 दिन पहले से ही नगर निगम प्रशासन को मांग पूरी नहीं होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी. बावजूद इसके निगम प्रशासन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की और न ही कर्मियों की मांग पूरी करने की दिशा में कोई पहल की. जिसका नतीजा यह हुआ कि कर्मी हड़ताल पर चले गए, शहर में गंदगी पसरा हुआ है. बहरहाल अब देखना होगा कि पटना नगर निगम और सफाईकर्मियों की वार्ता कब सफल होती है और कब तक हड़ताल खत्म होता है.

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