पटना: बिहार की राजधानी पटना में नशा मुक्ति दिवस (Nasha Mukti Diwas in Bihar) के अवसर पर मद्य निषेध विभाग ने कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने अधिकारियों से कहा कि शराब के असली धंधेबाजों को पकड़िये. उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने पटना पर विशेष नजर रखने की बात करते हुए कहा कि पटना ठीक हो जाएगा तो पूरा बिहार ठीक हो जाएगा.
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शराब तस्कर को पकड़ेंः मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब तस्कर के जल्द से जल्द पकड़ कर जेल में डालिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग एक समाज के लोगों को भड़का रहे हैं और कहते हैं कि ताड़ी बेचनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ताड़ के पेड़ से सिर्फ ताड़ी ही नहीं निकलती है बल्कि नीरा भी निकलता है. नीरा निकाले उन्हें पीछे नीरा से गुण भी बनाया जा सकता है. गुड बनाएं पेड़ा बनाएं कई तरह की चीज बनाकर बेचें उसमें क्या दिक्कत है. लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि ताड़ के पेड़ से ताड़ी ही निकाल कर बेचेंगे तो यह ठीक नहीं है. सरकार वैसे लोगों को रोजगार भी देने जा रही है सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत उन्हें आर्थिक मदद भी की जा रही है.
मद्य निषेध दिवसः कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि 26 नवंबर 2011 से ही हमने मद्य निषेध दिवस मनाना शुरू कर दिया था. उस समय शराबबंदी नहीं लागू थी लेकिन लोगों को मद्य निषेध के प्रति हमलोग प्रेरित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में 90 प्रतिशत लोग अच्छे होते हैं, 10 प्रतिशत ही गड़बड़ करनेवाले होते हैं. इनलोगों को ठीक करने के लिए सभी को प्रयासरत रहना है. गड़बड़ करनेवालों पर पुलिस कार्रवाई भी करती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराबबंदी सख्ती से लागू करा रहे हैं.
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''बिहार में इस साल नीरा का काफी उत्पादन हुआ है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 से बिहार में शुरू सतत जीवकोपार्जन योजना के तहत शराब के धंधे से जुड़े लोगों को दूसरा धंधा शुरू करने के लिये 1 लाख रुपए तक की मदद की जा रही है. जो लोग देशी शराब, ताड़ी के धंधे में लगे थे वे लोग इसको छोड़कर गाय पालन, बकरी पालन, मुर्गीपालन, शहद उत्पादन आदि छोटे व्यवसाय शुरू कर कार्य कर रहे हैं. काफी संख्या में लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है. सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत 1 लाख 47 हजार परिवारों ने इसका लाभ उठाया है.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री