पटना: प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (Pradhan Mantri Svanidhi Yojana) ने ठेले, खोमचे वालों की जिंदगी बदल दी है. इस नए परिवर्तन से ये सभी फूले नहीं समा रहे हैं. लेकिन पिछले साल इनकी जिंदगी आज से बिल्कुल अलग थी. कोरोना संक्रमण के दौरान पिछले साल देशभर में लॉकडाउन रहा. इस दौरान सबसे ज्यादा सड़क किनारे रेहड़ी लगाकर छोटे धंधे करने वाले लोगों पर इसका बुरा असर पड़ा था. धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया, और इनके सामने भुखमरी की नौबत तक आ गई थी. इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से पीएम स्वनिधि योजना लाई गई. इस योजना के तहत ऐसे कमजोर लोगों की मदद करने की घोषणा की गई.
यह भी पढ़ें- फुटपाथी दुकानदारों का दर्द- कोरोना से बच भी गए तो भूख हमें मार डालेगी
पीएम स्वनिधि योजना से लाभ
सरकार के आदेश पर नगर निगम लगातार राजधानी पटना में स्ट्रीट वेंडर्स को इस योजना का लाभ पहुंचाने में लगा हुआ है. वहीं स्ट्रीट वेंडर केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना को लेकर काफी खुश नजर आ रहे हैं.
'संक्रमण की वजह से जिस तरह से लॉकडाउन लागू हुआ था. हमारा व्यापार चौपट हो गया था. समझ में नहीं आ रहा था कि व्यापार को आगे कैसे बढ़ाए. व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ गया था. लेकिन पीएम स्वनिधि के माध्यम से डूबते व्यापार को एक बार फिर सहारा मिला है. और आज हम आर्थिक रूप से धीरे-धीरे मजबूत हो रहे हैं. परिवारवालों का इस व्यापार की बदौलत भरण-पोषण अच्छे से हो पा रहा है.'- रंजीत ठाकुर, नाई
दस हजार का मिल रहा लोन
कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल लॉकडाउन की वजह से लड़खड़ाई फुटपाथों की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना शुरू की, ताकि स्ट्रीट वेंडर अपना कारोबार संभाल सके. देशभर में लाखों स्ट्रीट वेंडर्स को इसका लाभ मिल रहा है. राजधानी पटना मे भी फुटपाथी दुकानदारों को वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है. सरकार इन्हें 10,000 रुपये बैंक से कम ब्याज पर लोन दिलवाती है, ताकि यह अपना कारोबार कर सकें.
'इस कारोबार से हमारा पूरा परिवार चल रहा है. वर्षों से हम यहां पर यह कारोबार कर रहे हैं, लेकिन पिछले साल लॉकडाउन की वजह से हमारा व्यापार पूरी तरह से बंद हो गया था. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पीएम स्वनिधि योजना से बंद पड़े व्यापार को एक बार फिर गति मिली है. आज फिर से हमारा व्यापार चल रहा है. निगम प्रशासन इस योजना का लाभ दिलाने में कोई कोताही नहीं बरत रहा है. लगातार निगम प्रशासन के कर्मी इस योजना का लाभ दिलाने में लगे हुए हैं.'- बच्चू प्रसाद कलयानी, फुटपाथी दुकानदार
पटना के स्ट्रीट वेंडर्स में खुशी
पीएम द्वारा घोषित इस योजना को लेकर फुटपाथी दुकानदार काफी खुश हैं. कोरोना संक्रमण काल मे जो मदद उन तक पहुंच रही है उससे उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करने में मदद मिल रही है. इन लोगों का कहना है कि अगर यह योजना सरकार ने शुरू नहीं की होती तो सभी दाने-दाने को मोहताज होते. इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को बहुत कम ऋण में बिना किसी गारंटी के दस हजार का लोन मिल रहा है. पटना में करीब 5200 से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को इसका लाभ मिला है. पीएम स्वनिधि योजना से उनकी आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हुआ है.
'निगम प्रशासन के तरफ से सभी कागजात जल्दी बन जाते हैं. निगम की तरफ से कोई परेशानी नहां होती, लेकिन बैंक में कर्मचारी नहीं रहने की वजह से काम अटक जाता है. थोड़ी बहुत परेशानी होती है.'- बिंदेश्वर राय, फुटपाथी दुकानदार
समय से ऋण चुकाने पर ब्याज पर मिलता है अनुदान
स्ट्रीट वेंडर्स को स्वावलंबी बनाने के लिए केंद्र सरकार पीएम स्वनिधि योजना के तहत मदद करने में लगी हुई है. सरकार इन्हें 10,000 रुपये बैंक से कम ब्याज पर लोन दिलवाती है, ताकि ये अपना कारोबार कर सकें. किसान क्रेडिट कार्ड की तरह ही वेंडर भी अगर समय पर किश्त चुकाते हैं, तो उन्हें ब्याज में छूट भी देने का प्रावधान है. साथ ही यदि वेंडर समय पर अपना लोन चुकाते हैं तो उन्हें अनुदान 7 फीसदी तक मिलता है.
'अभी तक इस योजना का लाभ निगम प्रशासन लगभग 52 सौ से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को दिलवा चुका है. 3000 से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को बैंक से लाभ भी मिल चुका है. वह अपना व्यापार करने में लगे हुए हैं. निगम प्रशासन वैसे स्ट्रीट वेंडर्स को चिन्हित करने में लगा हुआ है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उन तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है.'- आशीष सिन्हा, स्टैंडिंग सदस्य, पीएमसी
लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ लेने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स को pmsvanidhi.mohua.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. सड़क किनारे फल, सब्जी, या ठेले पर अन्य सामान बेचने वाले छोटे-छोटे दुकानदारों को इस योजना का लाभ मिलता है. लाभ लेने के लिए आधार कार्ड पर मोबाइल नंबर लिंक होना जरूरी है. किसी भी बैंक में खाता होना भी अनिवार्य है. क्योंकि राशि बैंक खाते में ही ट्रांसफर की जाती है. स्ट्रीट वेंडर्स को स्थानीय निकाय द्वारा वेंडिंग प्रमाण पत्र या पहचान पत्र प्राप्त करना पड़ता है. जिसको लेकर निगम प्रशासन लगातार अपने निकाय में स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान करने में लगा हुआ है. ताकि स्ट्रीट वेंडर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सके.
सुधर रहे हालात
पटना में स्ट्रीट वेंडर्स की संख्या की बात करें तो 10,000 से अधिक इनकी संख्या है, जिनमें 45 सौ से अधिक फुटपाथी दुकानदार हैं. जो फुटपाथ पर ठेला लगाकर अपना कारोबार करते हैं. तो वहीं 5 हजार से अधिक फेरीवाले स्ट्रीट वेंडर हैं, जो शहर में घूम घूमकर अपना कारोबार करते हैं. बहरहाल पिछले वर्ष कोरोना महामारी के बीच खराब हुई इनकी स्थिति सुधरने लगी है. पीएम स्वनिधि योजना से लाभ मिलने से स्ट्रीट वेंडर्स काफी खुश हैं. एक बार फिर स्ट्रीट वेंडर अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं.
यह भी पढ़ें- पूर्णिया: पिछले साल लौटे श्रमिक नहीं जाना चाहते वापस, कहा- बिहार में मिला सहारा