पटना: बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को एसटीईटी के मेरिट अभ्यार्थियों (STET candidates) ने STET विज्ञापन संख्या 373/2019 को लेकर एक मीटिंग की. इस बैठक में 30 नवंबर को शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार विधानसभा का घेराव (Protest In Bihar Assembly) करने की रणनीति बनाई गई है. जिसमें हजारों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होंगे.
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दरअसल, अभ्यार्थियों का आरोप है कि सरकार अपने ही विज्ञापन का पालन नहीं कर रही है. जबकि विज्ञापन के चयन प्रक्रिया में स्पष्ट लिखा है कि जो भी अभ्यर्थी मेरिट में आएंगे उन्हीं की नियुक्ति की जाएगी. चयन प्रक्रिया के अनुरूप बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 21 जून को मेरिट लिस्ट बनाया गया. जिसमें 30 हजार 675 अभ्यार्थियों को मेरिट में बताया गया, जबकि क्वालिफाइड अभ्यर्थियों की संख्या 80 हजार 402 बताया गया.
लेकिन अगले दिन नॉट मेरिट वाले अभ्यर्थी सड़क पर आ गए और भीड़तंत्र के दबाव में आकर शिक्षा मंत्री के आदेश पर शिक्षा विभाग द्वारा 26 जून को एक काला फरमान जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि मेरिट बराबर नॉट मेरिट होगा जो पूर्णतः हास्यास्पद है. साथ में विज्ञापन विरोधी सह संविधान विरोधी है.
एसटीईटी अभ्यर्थी आलोक यादव ने बताया कि "इसी काला फरमान को रद्द करने और विज्ञापन के शर्तों पर सभी मेरिट अभ्यार्थियों को नियुक्ति दी जाने की मांग को लेकर बिहार के सभी जिलों से मेरिट शिक्षक अभ्यर्थियों बिहार STET वर्किंग कमेटी के बैनरतले विधानसभा का घेराव करेंगे. जिसका नेतृत्व कमेटी के अध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल कुमार, आलोक यादव (उपाध्यक्ष) आदि के द्वारा किया जाएगा."
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