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STET परीक्षा रद्द होने के विरोध में अभ्यर्थियों ने BSEB के गेट पर किया प्रदर्शन

अगर बोर्ड को जांच कमेटी गठन ही करना था तो वह 26 फरवरी से पहले जांच कमेटी गठन करता. लेकिन आखिर क्या कारण है कि परीक्षा के 4 महीने बीतने के बाद जांच कमेटी गठन की गई.

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Published : Jun 5, 2020, 4:40 PM IST

Updated : Jun 9, 2020, 3:44 PM IST

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पटना: एसटीईटी परीक्षा 2020 क्वेश्चन लीक मामले को लेकर जन अधिकार छात्र परिषद और एसटीईटी अभ्यर्थियों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मेन गेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारे लगाए. अभ्यर्थियों की मांग थी कि वर्षों बाद हुई इस परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित किया जाए.

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प्रदर्शन के दौरान कागज दिखाते अभ्यर्थी

प्रदर्शन कर रहे जन अधिकार छात्र परिषद के अध्यक्ष विशाल कुमार ने बिहार बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया था कि कदाचार मुक्त परीक्षा हुई है, तो आखिर किस कारण परीक्षा को रद्द किया गया. उन्होंने कहा कि आनंद किशोर ने यह भी दावा किया था कि प्रश्न आउट ऑफ सिलेबस नहीं थे, तो फिर परीक्षा क्यों रद्द की गई.

17 जून को करेंगे धरना
विशाल ने कहा कि हाईकोर्ट ने जब कहा कि 25 मई तक रिजल्ट प्रकाशित नहीं किया जाए. तो फिर आखिरी समय में 15 मई को वर्षों बाद हुई इस परीक्षा को क्यों रद्द किया गया. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि एसटीईटी परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित किया जाए. उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक छात्र बोर्ड के इस फैसले से प्रभावित हुए हैं और अगर बिहार बोर्ड नहीं मानता है तो 17 जून को एक बार फिर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के गेट पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

देखें ये रिपोर्ट

STET अभ्यर्थी ने क्या कहा
एसटीईटी अभ्यर्थी कुमारी चंदन ने कहा कि उनकी मांग है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एसटीईटी परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित करें नहीं तो यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी विकास पटेल ने कहा कि जैमर की उपस्थिति में एसटीइटी 2020 परीक्षा ली गई फिर भी क्वेश्चन कैसे लीक हो गया गंभीर सवाल है. उन्होंने कहा कि 28 जनवरी को हुई परीक्षा में चार सेंटरों से कदाचार के मामले सामने आए थे. जिसके बाद उन सेंटरों की परीक्षा फिर से 26 फरवरी को आयोजित की गई.

पटना: एसटीईटी परीक्षा 2020 क्वेश्चन लीक मामले को लेकर जन अधिकार छात्र परिषद और एसटीईटी अभ्यर्थियों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मेन गेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारे लगाए. अभ्यर्थियों की मांग थी कि वर्षों बाद हुई इस परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित किया जाए.

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प्रदर्शन के दौरान कागज दिखाते अभ्यर्थी

प्रदर्शन कर रहे जन अधिकार छात्र परिषद के अध्यक्ष विशाल कुमार ने बिहार बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया था कि कदाचार मुक्त परीक्षा हुई है, तो आखिर किस कारण परीक्षा को रद्द किया गया. उन्होंने कहा कि आनंद किशोर ने यह भी दावा किया था कि प्रश्न आउट ऑफ सिलेबस नहीं थे, तो फिर परीक्षा क्यों रद्द की गई.

17 जून को करेंगे धरना
विशाल ने कहा कि हाईकोर्ट ने जब कहा कि 25 मई तक रिजल्ट प्रकाशित नहीं किया जाए. तो फिर आखिरी समय में 15 मई को वर्षों बाद हुई इस परीक्षा को क्यों रद्द किया गया. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि एसटीईटी परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित किया जाए. उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख से अधिक छात्र बोर्ड के इस फैसले से प्रभावित हुए हैं और अगर बिहार बोर्ड नहीं मानता है तो 17 जून को एक बार फिर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के गेट पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

देखें ये रिपोर्ट

STET अभ्यर्थी ने क्या कहा
एसटीईटी अभ्यर्थी कुमारी चंदन ने कहा कि उनकी मांग है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एसटीईटी परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित करें नहीं तो यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी विकास पटेल ने कहा कि जैमर की उपस्थिति में एसटीइटी 2020 परीक्षा ली गई फिर भी क्वेश्चन कैसे लीक हो गया गंभीर सवाल है. उन्होंने कहा कि 28 जनवरी को हुई परीक्षा में चार सेंटरों से कदाचार के मामले सामने आए थे. जिसके बाद उन सेंटरों की परीक्षा फिर से 26 फरवरी को आयोजित की गई.

Last Updated : Jun 9, 2020, 3:44 PM IST
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