पटना : चुनाव आयोग ने निर्णय लिया है कि कोरोना काल के दौरान ही बिहार में अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव होगा. चुनाव आयोग के साथ सभी पार्टियों ने भी चुनाव की तैयारियों के लिए कमर कस ली है. लेकिन विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल लोजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद रामविलास पासवान ने भी चुनाव टालने की बात कही है.
रामविलास पासवान और विपक्षी दलों का कहना है कि करोना महामारी के दौरान चुनाव कराना सही नहीं होगा. इससे आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने चुनाव आयोग द्वारा लिए गए निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि लाशों की ढेर पर चुनाव नहीं होना चाहिए. लेकिन अगर चुनाव आयोग और जदयू चुनाव करवाना चाहते हैं, तो यही सही. चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने अपने तरीके से तैयारियां कर रखी हैं.
'जदयू के पास सिर्फ लालू का नाम'
भाई वीरेंद्र ने कहा कि बिहार में अब तक 90 हजार करोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. अब ऐसे में अगर चुनाव आयोग नहीं चेतता है, तो इसका मतलब हम यही समझेंगे कि जनता से एनडीए और चुनाव आयोग को कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि लालू यादव के नाम लेने के अलावा जेडीयू के पास कुछ नहीं है. यदि, उन्हें विकास के नाम पर आम जनता को ठगने का काम किया है.
कोरोना काल में ना हों चुनाव- हम
हम पार्टी के प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग इस कोरोना महामारी के दौरान भी अक्टूबर महीने में चुनाव करवाना चाहती है, तो करवाएं. सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर से चुनाव की तैयारियां कर रखी है. लाशों के ढेर में चुनाव करवाना कहीं से भी उचित नहीं है.
मुद्दा विहीन है विपक्ष-जदयू
चुनाव आयोग द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो निर्णय लिया है बिल्कुल सही है. कोरोना महामारी के दौरान ही सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए चुनाव होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी चुनाव का इसलिए विरोध करेंगे क्योंकि उन्हें विकास से कोई मतलब नहीं है.
संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 15 साल में सड़क, बिजली और अस्पताल सहित पूरे बिहार में विकास करने का काम किया है. विकास के मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे. लेकिन विपक्षी पार्टियों मुद्दा विहीन हैं, जिस वजह से चुनाव टालना चाहते हैं.