पटना: डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दी गई सलाह पर निशाना साधा है. सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जब राहुल गांधी महापराजय की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देना चाहते हैं, तब दूसरी वंशवादी पार्टी के नेता लालू प्रसाद उन्हें रोकने के लिए कुतर्क दे रहे हैं.
'जली हुई रस्सी की राख में ऐंठन बची रहती है' अपने ट्वीट में इस बात को मेंशन करते हुए सुशील मोदी ने लिखा कि लालू ऐसा कुतर्क इसलिए दे रहे हैं, ताकि उनकी अपनी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग पर बगावत में न बदले. डिप्टी सीएम ने लिखा कि लालू प्रसाद 23 मई के जनादेश के चार दिन बाद सदमे से उबर कर बोले. लेकिन जनता के फैसले के प्रति उन्होंने कोई आदर नहीं दिखाया.
-
राहुल गांधी जब लोकसभा चुनाव में महापराजय की जिम्मेवारी लेकर इस्तीफा देना चाहते हैं, तब दूसरी वंशवादी पार्टी के नेता लालू प्रसाद उन्हें रोकने के कुतर्क दे रहे हैं, ताकि उनकी अपनी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग बगावत में न बदले।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 28, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
लालू प्रसाद 23 मई के जनादेश के चार दिन बाद... pic.twitter.com/20PCgJdIA5
">राहुल गांधी जब लोकसभा चुनाव में महापराजय की जिम्मेवारी लेकर इस्तीफा देना चाहते हैं, तब दूसरी वंशवादी पार्टी के नेता लालू प्रसाद उन्हें रोकने के कुतर्क दे रहे हैं, ताकि उनकी अपनी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग बगावत में न बदले।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 28, 2019
लालू प्रसाद 23 मई के जनादेश के चार दिन बाद... pic.twitter.com/20PCgJdIA5राहुल गांधी जब लोकसभा चुनाव में महापराजय की जिम्मेवारी लेकर इस्तीफा देना चाहते हैं, तब दूसरी वंशवादी पार्टी के नेता लालू प्रसाद उन्हें रोकने के कुतर्क दे रहे हैं, ताकि उनकी अपनी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग बगावत में न बदले।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 28, 2019
लालू प्रसाद 23 मई के जनादेश के चार दिन बाद... pic.twitter.com/20PCgJdIA5
क्या थी लालू की राहुल को दी गई सलाह?
चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी का इस्तीफा भाजपा के जाल में फंसने जैसा होगा. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने का प्रस्ताव न केवल उनकी पार्टी के लिए आत्मघाती होगा, बल्कि यह उन सभी सामाजिक और राजनैतिक ताकतों के लिए भी झटका होगा जो संघ परिवार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है.'
- " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">