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ADRI रिपोर्ट: RJD ने कोरोना से तबाही के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार तो JDU बोली- सवाल उठाना बेमानी - Asian Development Research Institute

ADRI की रिपोर्ट सामने आने के बाद आरजेडी ने कहा कि जो बातें हम पहले से कह रहे थे कि सरकार कोरोना काल में नाकाम रही है, वह अब सच साबित हो गई हैं. वहीं जेडीयू ने कहा कि संक्रमण जरूर तेजी से फैला, लेकिन सरकार पूरी गंभीरता से लगी रही. इसी का नतीजा है कि हमारी रिकवटी रेट शानदार है.

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Published : Jul 1, 2021, 11:01 PM IST

पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) पर आद्री (ADRI) की रिपोर्ट सामने आने के बाद बिहार की राजनीति (Bihar Politics) फिर से गरमाती दिख रही है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अब ये साबित हो गया है कि प्रवासी मजदूरों के कारण महामारी नहीं फैली, बल्कि सरकार की नाकामी के कारण हालात बद से बदतर हुए. वहीं सत्ता पक्ष की ओर से जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा (Abhishek Jha) ने सफाई दी है.

ये भी पढ़ें- ADRI की स्टडी: प्रवासी मजदूर नहीं है कोरोना की दूसरी लहर का कारण, स्टडी में बताई गई ये वजहें

नीतीश सरकार पूरी तरह से नाकाम
एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (ADRI) की स्टडी में यह बात सामने आई है कि बिहार मैं प्रवासियों के कारण कोरोना महामारी का बड़ा प्रसार नहीं हुआ है, बल्कि सरकार की लापरवाही और सामाजिक गड़बड़ी की वजह से संक्रमण का प्रसार बढ़ा. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि रिपोर्ट से यह साबित हो चुका है कि सरकार फेल रही है. उन्होंने कहा कि हम लोग पहले से ही कहते आए हैं कि सरकार की नाकामी के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई. मौत के आंकड़ों में भी इस सरकार ने हेराफेरी की है.

देखें रिपोर्ट

"गंगा मां की गोद में लाशों के अंबार लगे थे. सरकार के पास हॉस्पिटल में न तो दवा थी और न ही ऑक्सीजन. पहले कोरोना जांच के नाम पर घोटाला हुआ, फिर मौत के आंकड़ों में हेराफेरी की और अब वैक्सीनेशन में घोटाला करने में लगे हुए हैं. अब जगजाहिर हो चुका है कि सरकार हर मामले में फेल है"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

सरकार पर नहीं, रिपोर्ट पर सवाल
आद्री की रिपोर्ट को लेकर सत्ता पक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि पता नहीं इन लोगों ने किस आधार पर रिपोर्ट तैयार की है, सब जानते हैं कि जब लॉकडाउन लगा और प्रवासियों का आना कम हुआ तो संक्रमण का प्रभाव कम पड़ गया. ऐसी रिपोर्ट के नाम पर जनता को बरगलाने का काम किया जा रहा है. बिहार सरकार पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है.

रिपोर्ट पर जेडीयू की सफाई
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि इस आपदा की घड़ी में सरकार अपने स्तर से हर किसी को मदद करने की कोशिश की है. पिछली बार भी तो प्रवासी बिहार आए थे. तब 16 लाख लोगों को चिह्नित किया गया था. सरकार ने उन्हें इस संक्रमण काल में काम दिया. कोरोना पर सरकार की गंभीरता और कोशिश का ही नतीजा रहा कि संक्रमण के मामले में बिहार 24वें स्थान पर है.

ये भी पढ़ें- Bihar News: कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट, अभी जांच रिपोर्ट में राहत की खबर...

आपदा में बढ़ी परेशानी
अभिषेक झा ने कहा कि जब इस तरह की आपदा आती है तो थोड़ी-बहुत दिक्कत तो होती ही है, लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार ने सही से काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में बिहार ही नहीं देश के तमाम राज्यों में परेशानी आई, क्योंकि संक्रमण काफी तेज गति से फैला था. इस विकट परिस्थिति में भी हमारे डॉक्टर और प्रशासन के लोग लगातार काम में जुटे रहे.

क्या है इस रिपोर्ट में?
सेवानिवृत्त सिविल सेवक केसी सहाय और पटना स्थित एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (Asian Development Research Institute) द्वारा एक सोशल स्टडी की गई. जिसमें बिहार की राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण का कारण सरकार द्वारा दूसरी लहर पर ज्यादा सचेत नहीं होना बताया गया है. साथ ही लोगों की लापरवाही की बात भी सामने आई है. मार्च 2020 और जून 2021 के दौरान देश भर से लगभग 25 लाख से अधिक प्रवासी बिहार लौटे थे, जिन्हें घातक वायरस का वाहक कहा गया था.

पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) पर आद्री (ADRI) की रिपोर्ट सामने आने के बाद बिहार की राजनीति (Bihar Politics) फिर से गरमाती दिख रही है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अब ये साबित हो गया है कि प्रवासी मजदूरों के कारण महामारी नहीं फैली, बल्कि सरकार की नाकामी के कारण हालात बद से बदतर हुए. वहीं सत्ता पक्ष की ओर से जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा (Abhishek Jha) ने सफाई दी है.

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नीतीश सरकार पूरी तरह से नाकाम
एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (ADRI) की स्टडी में यह बात सामने आई है कि बिहार मैं प्रवासियों के कारण कोरोना महामारी का बड़ा प्रसार नहीं हुआ है, बल्कि सरकार की लापरवाही और सामाजिक गड़बड़ी की वजह से संक्रमण का प्रसार बढ़ा. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि रिपोर्ट से यह साबित हो चुका है कि सरकार फेल रही है. उन्होंने कहा कि हम लोग पहले से ही कहते आए हैं कि सरकार की नाकामी के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई. मौत के आंकड़ों में भी इस सरकार ने हेराफेरी की है.

देखें रिपोर्ट

"गंगा मां की गोद में लाशों के अंबार लगे थे. सरकार के पास हॉस्पिटल में न तो दवा थी और न ही ऑक्सीजन. पहले कोरोना जांच के नाम पर घोटाला हुआ, फिर मौत के आंकड़ों में हेराफेरी की और अब वैक्सीनेशन में घोटाला करने में लगे हुए हैं. अब जगजाहिर हो चुका है कि सरकार हर मामले में फेल है"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

सरकार पर नहीं, रिपोर्ट पर सवाल
आद्री की रिपोर्ट को लेकर सत्ता पक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि पता नहीं इन लोगों ने किस आधार पर रिपोर्ट तैयार की है, सब जानते हैं कि जब लॉकडाउन लगा और प्रवासियों का आना कम हुआ तो संक्रमण का प्रभाव कम पड़ गया. ऐसी रिपोर्ट के नाम पर जनता को बरगलाने का काम किया जा रहा है. बिहार सरकार पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है.

रिपोर्ट पर जेडीयू की सफाई
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि इस आपदा की घड़ी में सरकार अपने स्तर से हर किसी को मदद करने की कोशिश की है. पिछली बार भी तो प्रवासी बिहार आए थे. तब 16 लाख लोगों को चिह्नित किया गया था. सरकार ने उन्हें इस संक्रमण काल में काम दिया. कोरोना पर सरकार की गंभीरता और कोशिश का ही नतीजा रहा कि संक्रमण के मामले में बिहार 24वें स्थान पर है.

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आपदा में बढ़ी परेशानी
अभिषेक झा ने कहा कि जब इस तरह की आपदा आती है तो थोड़ी-बहुत दिक्कत तो होती ही है, लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार ने सही से काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में बिहार ही नहीं देश के तमाम राज्यों में परेशानी आई, क्योंकि संक्रमण काफी तेज गति से फैला था. इस विकट परिस्थिति में भी हमारे डॉक्टर और प्रशासन के लोग लगातार काम में जुटे रहे.

क्या है इस रिपोर्ट में?
सेवानिवृत्त सिविल सेवक केसी सहाय और पटना स्थित एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (Asian Development Research Institute) द्वारा एक सोशल स्टडी की गई. जिसमें बिहार की राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण का कारण सरकार द्वारा दूसरी लहर पर ज्यादा सचेत नहीं होना बताया गया है. साथ ही लोगों की लापरवाही की बात भी सामने आई है. मार्च 2020 और जून 2021 के दौरान देश भर से लगभग 25 लाख से अधिक प्रवासी बिहार लौटे थे, जिन्हें घातक वायरस का वाहक कहा गया था.

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