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RJD ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल, कहा- बच्चों को लेकर गंभीर नहीं सरकार

राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के 2014 मुजफ्फरपुर दौरे पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पांच साल पहले के वादे पूरे क्यों नहीं किये गये?

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Published : Jun 17, 2019, 6:34 PM IST

पटना: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बच्चों की मौत का आंकड़ा सवा सौ के पार चला गया है. सरकार के पास इसे कंट्रोल करने का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा. राष्ट्रीय जनता दल ने इसे लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला है. राजद ने कहा कि 5 साल पहले ही 100 बेड का अस्पताल और रिसर्च सेंटर खोलने की बात कही गई थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए.

राजद के प्रधान महासचिव और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि सरकार बच्चों की मौत को लेकर कतई गंभीर नहीं दिख रही. अगर सरकार में थोड़ी सी भी गंभीरता होती तो 5 साल पहले भी केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन जब मुजफ्फरपुर आए थे और जो वादे किए थे. वो पूरे हो चुके होते. उन्होंने कहा था कि यहां 100 बेड का एक अस्पताल बनेगा और एक रिसर्च सेंटर भी होगा. इससे इस बीमारी के कारण को पता करने की कोशिश की जाएगी. लेकिन अब तक इन दोनों में से कोई काम क्यों नहीं हुआ.

आलोक कुमार मेहता, प्रधान महासचिव, राजद

'यह होगा विधानसभा सत्र का प्रमुख मुद्दा'
आरजेडी प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी और जल संकट के साथ अन्य समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय जनता दल 24 जून को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देगी. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले विधानमंडल सत्र में भी राष्ट्रीय जनता दल इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा और सरकार को घेरेगा.

पटना: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. बच्चों की मौत का आंकड़ा सवा सौ के पार चला गया है. सरकार के पास इसे कंट्रोल करने का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा. राष्ट्रीय जनता दल ने इसे लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला है. राजद ने कहा कि 5 साल पहले ही 100 बेड का अस्पताल और रिसर्च सेंटर खोलने की बात कही गई थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए.

राजद के प्रधान महासचिव और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि सरकार बच्चों की मौत को लेकर कतई गंभीर नहीं दिख रही. अगर सरकार में थोड़ी सी भी गंभीरता होती तो 5 साल पहले भी केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन जब मुजफ्फरपुर आए थे और जो वादे किए थे. वो पूरे हो चुके होते. उन्होंने कहा था कि यहां 100 बेड का एक अस्पताल बनेगा और एक रिसर्च सेंटर भी होगा. इससे इस बीमारी के कारण को पता करने की कोशिश की जाएगी. लेकिन अब तक इन दोनों में से कोई काम क्यों नहीं हुआ.

आलोक कुमार मेहता, प्रधान महासचिव, राजद

'यह होगा विधानसभा सत्र का प्रमुख मुद्दा'
आरजेडी प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी और जल संकट के साथ अन्य समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय जनता दल 24 जून को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देगी. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले विधानमंडल सत्र में भी राष्ट्रीय जनता दल इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा और सरकार को घेरेगा.

Intro:मुजफ्फरपुर में चमकी से बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। आंकड़ा अब 100 के पार चला गया है। लेकिन अब भी सरकार के पास इसे कंट्रोल करने का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा। राष्ट्रीय जनता दल ने इसे लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला है और कहा है कि 5 साल पहले ही एक सौ बेड का अस्पताल और रिसर्च सेंटर खोलने की बात कही गई थी जब तक पूरी नहीं हुई। सरकार को इस को लेकर जवाब देना चाहिए।


Body:राजद के प्रधान महासचिव और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि सरकार बच्चों की मौत को लेकर कतई गंभीर नहीं दिखती। अगर सरकार में थोड़ी सी भी गंभीरता होती तो 5 साल पहले यही केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन थे जब मुजफ्फरपुर आए थे उन्होंने कहा था कि यहां 100 बेड का एक अस्पताल बनेगा और एक रिसर्च सेंटर भी होगा जिसमें इस बीमारी के कारण को पता करने की कोशिश की जाएगी। लेकिन अब तक इन दोनों में से कोई काम क्यों नहीं हुआ, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी और जल संकट के साथ अन्य समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय जनता दल 24 जून को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देगा। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले विधानमंडल सत्र में भी राष्ट्रीय जनता दल इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा और सरकार को घेरेगा।


Conclusion: आलोक कुमार मेहता पूर्व मंत्री और राजद के प्रधान महासचिव
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