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'शिक्षकों के प्रदर्शन के लिए अंतिम समय में सरकार ने दी ये चिट्ठी, नहीं मानेंगे हम'

ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि वह 1949 से शिक्षकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और शिक्षकों को केंद्रीय वेतनमान दिलाया. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों से वो शिक्षकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. लेकिन आज तक किसी सरकार ने इस प्रकार का अन डेमोक्रेटिक फैसला नहीं किया था.

statement of president of Teacher Conflict Coordination Committee on protest
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Published : Sep 4, 2019, 10:30 PM IST

पटना: पांच सितंबर, शिक्षक दिवस के दिन बिहार के शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. वहीं, प्रशासन ने फरमान सुना कार्रवाई की बात करते हुए शिक्षकों को स्कूल में रहने का आदेश दिया है. यही नहीं सरकार ने गर्दनीबाग में प्रदर्शन का कैंसिलेशन का पत्र शिक्षक समन्वय समिति को सौंप दिया है.

अपने प्रदर्शन की जानकारी देते हुए बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष 97 वर्षीय ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि गांधी मैदान में भी सरकार ने अंतिम समय में कैंसिलेशन की चिट्ठी दी. उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार के अधिकार क्षेत्र के कई मैदानों का जायजा लिया. लेकिन वहां नहीं जा सके. इसके बाद निजी मैदान संजय गांधी स्टेडियम को चुना गया. लेकिन यहां भी सरकार ने आंदोलन की पूर्व संध्या जानकारी देती है कि इस स्टेडियम को सील कर दिया गया है.

ब्रजनंदन शर्मा से खास बातचीत

हम नहीं देंगे कोई आदेश- ब्रजनंदन
उन्होंने कहा कि शिक्षक किसी प्रकार का कोई आंदोलन नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से कोई लिखित जानकारी भी नहीं दी गई है और न ही कोई प्रशासन का अधिकारी लिखित में स्टेडियम में प्रदर्शन करने की मनाही का आदेश दे रहा है. उन्होंने कहा कि हमने स्टेडियम में प्रदर्शन के लिए रसीद भी कटाई थी. ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने कहा कि हम प्रदर्शन की पाबंदी को लेकर कोई लिखित आदेश नहीं देंगे.

प्रशासन का जारी फरमान
प्रशासन का जारी फरमान

डर गई सरकार- ब्रजनंदन
ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि वह 1949 से शिक्षकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और शिक्षकों को केंद्रीय वेतनमान दिलाया. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों से वह शिक्षकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. लेकिन आज तक किसी सरकार ने इस प्रकार का अनडेमोक्रेटिक फैसला नहीं किया था. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों से डर गई है, जिस कारण यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को पता चल गया था कि लाखों की संख्या में शिक्षक स्कूल छोड़कर पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार अनडेमोक्रेटिक सरकार है. भले ही यह डेमोक्रेटिक तौर पर चुनी जाती है. शिक्षकों को मीटिंग करने की जगह नहीं दी जाती यह कितना बड़ा आश्चर्य है.

होगा आंदोलन...
ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि सरकार के इस फैसले के कारण फिलहाल आंदोलन 5 सितंबर को नहीं होगा और वह सभी शिक्षकों को इसकी सूचना देंगे की गुरुवार को पटना नहीं आना है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन इस फैसले से बंद नहीं हुआ है हम अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे. आगे जल्द ही दूसरी तारीख तय की जाएगी.
हालांकि, बाद में ब्रजनंदन ने फिर से प्रदर्शन का ऐलान कर दिया. पढ़िए ये खबर...

  • पटना: सरकारी आदेश को नहीं मान रहे शिक्षक, लाखों की संख्या में करेंगे प्रदर्शन
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पटना: पांच सितंबर, शिक्षक दिवस के दिन बिहार के शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. वहीं, प्रशासन ने फरमान सुना कार्रवाई की बात करते हुए शिक्षकों को स्कूल में रहने का आदेश दिया है. यही नहीं सरकार ने गर्दनीबाग में प्रदर्शन का कैंसिलेशन का पत्र शिक्षक समन्वय समिति को सौंप दिया है.

अपने प्रदर्शन की जानकारी देते हुए बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष 97 वर्षीय ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि गांधी मैदान में भी सरकार ने अंतिम समय में कैंसिलेशन की चिट्ठी दी. उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार के अधिकार क्षेत्र के कई मैदानों का जायजा लिया. लेकिन वहां नहीं जा सके. इसके बाद निजी मैदान संजय गांधी स्टेडियम को चुना गया. लेकिन यहां भी सरकार ने आंदोलन की पूर्व संध्या जानकारी देती है कि इस स्टेडियम को सील कर दिया गया है.

ब्रजनंदन शर्मा से खास बातचीत

हम नहीं देंगे कोई आदेश- ब्रजनंदन
उन्होंने कहा कि शिक्षक किसी प्रकार का कोई आंदोलन नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से कोई लिखित जानकारी भी नहीं दी गई है और न ही कोई प्रशासन का अधिकारी लिखित में स्टेडियम में प्रदर्शन करने की मनाही का आदेश दे रहा है. उन्होंने कहा कि हमने स्टेडियम में प्रदर्शन के लिए रसीद भी कटाई थी. ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने कहा कि हम प्रदर्शन की पाबंदी को लेकर कोई लिखित आदेश नहीं देंगे.

प्रशासन का जारी फरमान
प्रशासन का जारी फरमान

डर गई सरकार- ब्रजनंदन
ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि वह 1949 से शिक्षकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और शिक्षकों को केंद्रीय वेतनमान दिलाया. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों से वह शिक्षकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. लेकिन आज तक किसी सरकार ने इस प्रकार का अनडेमोक्रेटिक फैसला नहीं किया था. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों से डर गई है, जिस कारण यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को पता चल गया था कि लाखों की संख्या में शिक्षक स्कूल छोड़कर पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार अनडेमोक्रेटिक सरकार है. भले ही यह डेमोक्रेटिक तौर पर चुनी जाती है. शिक्षकों को मीटिंग करने की जगह नहीं दी जाती यह कितना बड़ा आश्चर्य है.

होगा आंदोलन...
ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि सरकार के इस फैसले के कारण फिलहाल आंदोलन 5 सितंबर को नहीं होगा और वह सभी शिक्षकों को इसकी सूचना देंगे की गुरुवार को पटना नहीं आना है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन इस फैसले से बंद नहीं हुआ है हम अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे. आगे जल्द ही दूसरी तारीख तय की जाएगी.
हालांकि, बाद में ब्रजनंदन ने फिर से प्रदर्शन का ऐलान कर दिया. पढ़िए ये खबर...

  • पटना: सरकारी आदेश को नहीं मान रहे शिक्षक, लाखों की संख्या में करेंगे प्रदर्शन
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Intro:सरकार के फैसले से शिक्षकों के आंदोलन पर ग्रहण लग गया है. शिक्षकों ने 5 सितंबर के दिन समान काम समान वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी. शिक्षकों से पहले गांधी मैदान मैं प्रदर्शन करने की बात कही थी जिसका आवंटन सरकार ने पहले ही शिक्षकों के लिए रद्द कर दिया . जिसके बाद शिक्षकों ने संजय गांधी स्टेडियम जो कि निजी स्टेडियम है उसे प्रदर्शन के लिए चुना लेकिन सरकार ने अब इस स्टेडियम को भी सील कर दिया है. 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन शिक्षक किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन ना करें इसको लेकर सरकार ने पहले ही 5 सितंबर के दिन सभी स्कूलों को खुले रखने का निर्देश दिया है और अब संजय गांधी स्टेडियम को सील कर दिया है.


Body:सरकार के इस फैसले पर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष 97 वर्षीय ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि गांधी मैदान में भी सरकार ने अंतिम समय में कैंसिलेशन की चिट्ठी दी. उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार के अधिकार क्षेत्र के कई मैदानों का जायजा लिया लेकिन वहां नहीं जा सके जिसके बाद निजी मैदान संजय गांधी स्टेडियम को चुना गया लेकिन यहां भी सरकार ने आंदोलन की पूर्व संध्या जानकारी देती है कि इस स्टेडियम को सील कर दिया गया है. यहां शिक्षक किसी प्रकार का कोई आंदोलन नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से कोई लिखित जानकारी भी नहीं दी गई है और ना ही कोई प्रशासन का अधिकारी लिखित में स्टेडियम में प्रदर्शन करने की मनाही का आदेश दे रहा है. उन्होंने कहा कि हमने स्टेडियम में प्रदर्शन के लिए रसीद भी कटाई थी. ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने कहा कि हम प्रदर्शन की पाबंदी को लेकर कोई लिखित आदेश नहीं देंगे लेकिन प्रदर्शनकारियों को हम रोकेंगे.


Conclusion:ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि वह 1949 से शिक्षकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और शिक्षकों को केंद्रीय वेतनमान दिलाया. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों से वह शिक्षकों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं लेकिन आज तक किसी सरकार ने इस प्रकार का अन डेमोक्रेटिक फैसला नहीं किया था.
ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि सरकार शिक्षकों से डर गई है जिस कारण यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को पता चल गया था कि लाखों की संख्या में शिक्षक स्कूल छोड़कर पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार आन डेमोक्रेटिक सरकार है भले ही यह डेमोक्रेटिक तौर पर चुनी जाती है. शिक्षकों को मीटिंग करने की जगह नहीं दी जाती यह कितना बड़ा आश्चर्य है.

ब्रजनंदन शर्मा ने कहा कि सरकार के इस फैसले के कारण फिलहाल आंदोलन 5 सितंबर को नहीं होगा और वह सभी शिक्षकों को इसकी सूचना देंगे की कल पटना नहीं आना है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन इस फैसले से बंद नहीं हुआ है हम अपने हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे. आगे जल्द ही दूसरी तारीख तय की जाएगी.
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