मुंबई/पटना: सुशांत की जान को खतरा था, पिता केके सिंह ने इस बाबत एक वीडियो जारी कर बताया कि उन्होंने बांद्रा पुलिस को वाट्सऐप के जरिए जानकारी दी थी. वहीं, ये वाट्सऐप चैट तेजी से वायरल हो रही है. इसकी तत्कालीन बांद्रा डीसीपी परमजीत सिंह दाहिया ने पुष्टि की है.
डीसीपी दाहिया ने कहा कि हां मुझे 19 और 25 फरवरी को वाट्सऐप के जरिए ऐसी जानकारी दी गई. इसके बाद मैंने फोन कर सुशांत के जीजा को लिखित में शिकायत दर्ज करने की बात कही. लेकिन वहां से लिखित शिकायत नहीं मिली. बिना लिखित शिकायत के पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकती या कोई एक्शन नहीं ले सकती है.
मांगी थी लिखित शिकायत
परमजीत दाहिया ने कहा कि मैंने टेलिफोन कॉल पर साफ कहा था कि मुझे लिखित शिकायत की जरूरत है, ताकि मामले की आगे जांच हो. लेकिन हमारे पास कोई भी लिखित शिकायत नहीं आई. इसके बाद 1 अप्रैल तक डीसीपी बांद्रा था. इसके बाद मेरा ट्रांसफर हो गया. फिर बाद में 5 मई और 18 मई को मैसेज मिले. जिसमें कोरोना के प्रति सचेत और कुछ लोगों की मदद संबंधित बातें कही गई थी. पुराने मैसेज का कोई जिक्र नहीं किया गया था.
क्या कहा था सुशांत के पिता ने?
बता दें कि सुशांत के पिता के के सिंह ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि, '25 फरवरी को मैंने बांद्रा पुलिस को आगाह किया था कि मेरे बेटे की जान को खतरा है, 14 जून को जब मेरे बेटे की जान चली गई तो हमने 25 फरवरी में नामित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा. लेकिन 40 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.'
- सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र, बिहार, केंद्र और सुशांत सिंह राजपूत के परिजनों से तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी.