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राम-जानकी सर्किट का बेसब्री से हो रहा है इंतजार, अयोध्या से जनकपुर की राह होगी आसान

अयोध्या से जनकपुर की दूरी करीब 500 किलोमीटर है. दोनों जगहों की यात्रा में फिलहाल 14 से 15 घंटे का समय लग जाता है. राम जानकी मार्ग के तैयार हो जाने से यह दूरी तकरीबन 90 किलो मीटर तक कम हो जाएगी.

कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार
कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार
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Published : Dec 12, 2019, 9:07 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 10:38 PM IST

पटना: मर्यादा पुरुषोत्तम राम और मां सीता से जुड़े धार्मिक स्थलों को एक करने की सरकार की कवायद अब तक साकार नहीं हो पाई है. राम-जानकी सर्किट के तहत यूपी के अयोध्या से बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा होते हुए नेपाल के जनकपुर तक राम और सीता से जुड़े स्थलों को मिलाकर एक सर्किट का रूप दिया जाना है.

साथ ही अयोध्या से जनकपुर तक की यात्रा को भी आसान करने की कोशिश की जा रही है. लोग बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं. अयोध्या राम मंदिर का मुद्दा सुलझने के बाद लोगों की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई हैं. ऐसे में अब सरकार का दावा है कि राम-जानकी सर्किट हाउस सरकार की प्राथमिकता में है. इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

राम जानकी पथ के निर्माण का इंतजार
नेपाल के जनकपुर का जानकी मंदिर देवी सीता को समर्पित है. वहीं, सीतामढ़ी माता सीता की जन्मस्थली कहलाती है. जबकि अयोध्या की पहचान राम से है. ऐसे में राम और सीता से जुड़े स्थलों को मिलाकर एक सर्किट का रूप देने की कवायद जारी है. अयोध्या राम मंदिर के बाद अब लोगों की निगाह राम जानकी पथ पर है. जिसमें अहम भागीदारी उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार की है.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा की रिपोर्ट

क्या है प्लानिंग?
अयोध्या से जनकपुर की दूरी करीब 500 किलोमीटर है. दोनों जगहों की यात्रा में फिलहाल 14 से 15 घंटे का समय लग जाता है. राम जानकी मार्ग के तैयार हो जाने से यह दूरी तकरीबन 90 किलो मीटर तक कम हो जाएगी. विशेष रूप से सत्तर घाट पुल के निर्माण से ही दोनों जगहों की दूरी काफी कम होने की उम्मीद जताई जा रही है.

ये भी पढ़ें: बिहार में कानून का राज कायम किया, आप जब चाहें जहां चाहें जा सकते हैं : नीतीश कुमार

मंत्री प्रमोद कुमार ने दी जानकारी
बिहार सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि सत्तर घाट पुल बनकर तैयार है. वहीं, सीतामढ़ी से केसरिया तक 60 किलोमीटर लंबी सड़क और भिट्ठामोड़ से सीतामढ़ी एनएच 77 तक का काम भी तेजी से चल रहा है. अब तीर्थ यात्रियों को अयोध्या जाने में 8 से 10 घंटे लगने की संभावना है. सड़क निर्माण में बिहार के 5 जिलों के एनएच 77, एनएच 27, एनएच 104, एनएच 90, एनएच-74 जुड़ जाएंगे. एक सर्किट में 30 किलोमीटर लंबाई फोरलेन की होगी.

ये होगा रूट मैप...
बता दें कि निर्माण कार्य के बाद अयोध्या जाने का रास्ता जनकपुर से सीतामढ़ी होते हुए शिवहर, मोतिहारी, केसरिया, सिवान, गोरखपुर और उसके बाद अयोध्या होगा. सड़क निर्माण से सीतामढ़ी भी विश्व पर्यटन के मानचित्र पर आ जाएगा. बिहार के पर्यटन मंत्री रहे और अब कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय पथ निर्माण मंत्री के प्रयासों से रामायण सर्किट का तेजी से विकास हो रहा है.

patna
कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने दी जानकारी

ये भी पढ़ें: अयोध्या भूमि विवाद : SC ने खारिज कीं सभी 18 पुनर्विचार याचिकाएं

तेजी से हो रहा काम- प्रमोद कुमार
कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि पुनौरा धाम में निर्माण कार्य चल रहा है. जबकि बाकी कामों में भी तेजी से पूरा करने के प्रयास हो रहे हैं. सरकार प्राथमिकता से राम जानकी पथ को पूरा करने का प्रयास कर रही है. मंत्री के मुताबिक सीतामढ़ी हलेश्वर स्थान, पुनौरा धाम, पाकड़ के अलावा दरभंगा अहिल्या स्थान गौतम कुंड गिरिजा स्थान रामरेखा घाट बक्सर और पंचकोशी में राम जानकी पथ को लेकर काम होना है. पुनौरा धाम में 10 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. वहीं, बक्सर से गाजीपुर तक सड़क निर्माण की सहमति केंद्र से मिल चुकी है.

पटना: मर्यादा पुरुषोत्तम राम और मां सीता से जुड़े धार्मिक स्थलों को एक करने की सरकार की कवायद अब तक साकार नहीं हो पाई है. राम-जानकी सर्किट के तहत यूपी के अयोध्या से बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा होते हुए नेपाल के जनकपुर तक राम और सीता से जुड़े स्थलों को मिलाकर एक सर्किट का रूप दिया जाना है.

साथ ही अयोध्या से जनकपुर तक की यात्रा को भी आसान करने की कोशिश की जा रही है. लोग बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं. अयोध्या राम मंदिर का मुद्दा सुलझने के बाद लोगों की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई हैं. ऐसे में अब सरकार का दावा है कि राम-जानकी सर्किट हाउस सरकार की प्राथमिकता में है. इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

राम जानकी पथ के निर्माण का इंतजार
नेपाल के जनकपुर का जानकी मंदिर देवी सीता को समर्पित है. वहीं, सीतामढ़ी माता सीता की जन्मस्थली कहलाती है. जबकि अयोध्या की पहचान राम से है. ऐसे में राम और सीता से जुड़े स्थलों को मिलाकर एक सर्किट का रूप देने की कवायद जारी है. अयोध्या राम मंदिर के बाद अब लोगों की निगाह राम जानकी पथ पर है. जिसमें अहम भागीदारी उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार की है.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा की रिपोर्ट

क्या है प्लानिंग?
अयोध्या से जनकपुर की दूरी करीब 500 किलोमीटर है. दोनों जगहों की यात्रा में फिलहाल 14 से 15 घंटे का समय लग जाता है. राम जानकी मार्ग के तैयार हो जाने से यह दूरी तकरीबन 90 किलो मीटर तक कम हो जाएगी. विशेष रूप से सत्तर घाट पुल के निर्माण से ही दोनों जगहों की दूरी काफी कम होने की उम्मीद जताई जा रही है.

ये भी पढ़ें: बिहार में कानून का राज कायम किया, आप जब चाहें जहां चाहें जा सकते हैं : नीतीश कुमार

मंत्री प्रमोद कुमार ने दी जानकारी
बिहार सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि सत्तर घाट पुल बनकर तैयार है. वहीं, सीतामढ़ी से केसरिया तक 60 किलोमीटर लंबी सड़क और भिट्ठामोड़ से सीतामढ़ी एनएच 77 तक का काम भी तेजी से चल रहा है. अब तीर्थ यात्रियों को अयोध्या जाने में 8 से 10 घंटे लगने की संभावना है. सड़क निर्माण में बिहार के 5 जिलों के एनएच 77, एनएच 27, एनएच 104, एनएच 90, एनएच-74 जुड़ जाएंगे. एक सर्किट में 30 किलोमीटर लंबाई फोरलेन की होगी.

ये होगा रूट मैप...
बता दें कि निर्माण कार्य के बाद अयोध्या जाने का रास्ता जनकपुर से सीतामढ़ी होते हुए शिवहर, मोतिहारी, केसरिया, सिवान, गोरखपुर और उसके बाद अयोध्या होगा. सड़क निर्माण से सीतामढ़ी भी विश्व पर्यटन के मानचित्र पर आ जाएगा. बिहार के पर्यटन मंत्री रहे और अब कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय पथ निर्माण मंत्री के प्रयासों से रामायण सर्किट का तेजी से विकास हो रहा है.

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कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने दी जानकारी

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तेजी से हो रहा काम- प्रमोद कुमार
कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि पुनौरा धाम में निर्माण कार्य चल रहा है. जबकि बाकी कामों में भी तेजी से पूरा करने के प्रयास हो रहे हैं. सरकार प्राथमिकता से राम जानकी पथ को पूरा करने का प्रयास कर रही है. मंत्री के मुताबिक सीतामढ़ी हलेश्वर स्थान, पुनौरा धाम, पाकड़ के अलावा दरभंगा अहिल्या स्थान गौतम कुंड गिरिजा स्थान रामरेखा घाट बक्सर और पंचकोशी में राम जानकी पथ को लेकर काम होना है. पुनौरा धाम में 10 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. वहीं, बक्सर से गाजीपुर तक सड़क निर्माण की सहमति केंद्र से मिल चुकी है.

Intro:मर्यादा पुरुषोत्तम राम और मां सीता से जुड़े धार्मिक स्थलों को एक करने की कवायद अब तक साकार नहीं हो पाई है। रामायण सर्किट के तहत यूपी के अयोध्या से बिहार के सीतामढ़ी, मधुबनी दरभंगा होते हुए नेपाल के जनकपुर तक राम और सीता से जुड़े स्थलों को मिलाकर एक सर्किट का रूप देने और अयोध्या से जनकपुर तक की यात्रा आसान करने की कोशिश का इंतजार अब तक लोगों को है। अयोध्या राम मंदिर मुद्दे के सुलझने के बाद लोगों की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई हैं। अब सरकार का दावा है कि प्राथमिकता से इस सर्किट को पूरा किया जाएगा।


Body:नेपाल के जनकपुर में देवी सीता को समर्पित है जानकी मंदिर वही सीतामढ़ी में सीता का जन्म स्थान है जबकि अयोध्या की पहचान राम से है राम और सीता से जुड़े स्थलों को मिलाकर एक सर्किट का रूप देने की कवायद अब तक साकार नहीं हो पाई है अयोध्या राम मंदिर मुद्दे के सुलझने के बाद लोगों की निगाह विशेष रूप से राम जानकी पथ पर है जिसमें अहम भागीदारी उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार की है।
अयोध्या से जनकपुर की दूरी करीब 500 किलोमीटर है दोनों जगहों की यात्रा में फिलहाल 14 से 15 घंटे का समय लग जाता है राम जानकी मार्ग के तैयार हो जाने पर उम्मीद है कि यह दूरी कम से कम 90 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। विशेष रुप से 70 घाट पुल के निर्माण कार्य से ही दोनों जनों की दूरी काफी कम होने की उम्मीद जताई जा रही है। फिर भी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि 70 घाट पुल बनकर तैयार है। वही सीतामढ़ी से केसरिया तक 60 किलोमीटर लंबी सड़क और भिट्ठामोड से सीतामढी एन एच 77 का काम भी तेजी से चल रहा है।
तीर्थ यात्रियों को अयोध्या जाने में अब 8 से 10 घंटे लगने की संभावना है सड़क निर्माण में बिहार के 5 जिलों के एनएच 77, nh27, एनएच 104, nh90, nh-74 जुड़ जाएंगे। एक सर्किट में 30 किलोमीटर लंबाई फोरलेन की होगी।
अयोध्या जाने का रास्ता जनकपुर से सीतामढ़ी होते हुए शिवहर मोतिहारी केसरिया सिवान गोरखपुर और उसके बाद अयोध्या होगा सड़क निर्माण से सीतामढ़ी भी विश्व पर्यटन के मानचित्र पर आ जाएगा।
बिहार के पर्यटन मंत्री रहे और अब कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय पथ निर्माण मंत्री के प्रयासों से रामायण सर्किट का तेजी से विकास हो रहा है उन्होंने कहा कि पुनौरा धाम में निर्माण कार्य चल रहा है जबकि बाकी कामों में भी तेजी से पूरा करने के प्रयास हो रहे हैं। सरकार प्राथमिकता श्री राम जानकी पथ को पूरा करने का प्रयास कर रही है।


Conclusion:मंत्री के मुताबिक सीतामढ़ी हलेश्वर स्थान, पुनौरा धाम, पाकड़ के अलावा दरभंगा अहिल्या स्थान गौतम कुंड गिरिजा स्थान रामरेखा घाट बक्सर और पंचकोशी में राम जानकी पथ को लेकर काम होना है। पुनौरा धाम में 10 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। बक्सर से गाजीपुर तक सड़क निर्माण की सहमति केंद्र से मिल चुकी है।

प्रमोद कुमार कला एवं संस्कृति मंत्री बिहार

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Last Updated : Dec 12, 2019, 10:38 PM IST
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