नई दिल्ली: संसद में शून्यकाल के दौरान कोरोना वायरस को लेकर चल रही चर्चा पर राजद से राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने जहां एक ओर निम्न वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान देने की बात कही. वहीं, दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि इस महामारी की वजह से 2.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं, युवाओं पर बोलते हुए मनोज झा ने एक बार फिर एनआईओएस अभ्यर्थियों का मुद्दा सदन में उठाया.
मनोज कुमार झा ने कहा कि दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इसी सरकार के एचआरडी मिनिस्टर ने 2014 से 2019 तक इसे शुरू किया और अगली सरकार में इसे रद्द कर दिया गया. लाखों छात्र परेशान हैं. यही मामला शिक्षक प्रेरक का पूरे देश में चल रहा है. पहले परीक्षा पास करनी पड़ती है फिर कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ता है. ये बंद होना चाहिए.
पीएम मोदी के साथ खड़ा हूं- मनोज झा
राज्यसभा सांसद ने कहा कि इंटरनेशनल एंजेसियों की रिपोर्ट आई है कि भारत में 2.5 करोड़ नौकरियां जाने वाली हैं. मैं मोदी जी की संजीदगी और संवेदनशीलता के साथ खड़ा हूं. लेकिन अभी तक कोरोना को लेकर शहरों और उच्च मध्यम वर्ग के नजरीये से इस वायरस को देख रहे हैं. लेकिन ग्रामीणों और निम्न वर्ग के लोगों के नजरिये पर इस वायरस के परिणाम नहीं देखा.
यह भी पढ़ें- जनता कर्फ्यू पर मनोज झा का सवाल- रोज कमाने और शाम को खाने वालों का क्या?