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जांच पर 'रार': BJP बोली- RSS खुली किताब, JDU ने कहा- फिर ऐतराज क्यों है?

आरजेडी प्रवक्ता रामानुज यादव ने कहा कि संघ की जांच से पहले नीतीश कुमार कितने खुले है. उनकी जांच भी होनी चाहिए. सीएम साहब संघ को कभी मजबूत करने में जुट जाते हैं तो कभी उनकी मंशा पर शक करते हैं.

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Published : Jul 17, 2019, 5:33 PM IST

पटना: राज्य की इंटेलिजेंस टीम की एक चिट्ठी से सियासत का तापमान बढ़ गया है. स्पेशल ब्रांच की इंटेलिजेंस टीम ने आरएसएस की गतिविधियों पर नजर रखने का आदेश जारी किया. इस मामले में पुलिस अधिकारियों की एक चिट्ठी इस बात को बल दे रही है. बुधवार को विधानमंडल में भी यह बात निकली, इसके बाद सदन में हंगामों का दौर शुरू हो गया.

'RSS एक खुली किताब है'
इस मामले को बीजेपी ने पूरी गंभीरता से लिया है. बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि आरएसएस एक खुली किताब है. जिसको जांच कराना है, वे करा लें. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए आखिर किस परिस्थिति में ऐसा किया जा रहा है. विधायक नितिन नवीन ने कहा कि इस मामले में जिसने भी पहल की है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी के सभी नेता ने इस पर आपत्ति जताई है.

पेश है रिपोर्ट

'इटेलिजेंस काम है जांच करना'
वहीं, भवन मंत्री अशोक चौधरी ने अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस की टीम अपने तरीके से काम कर रही है. इंटेलिजेंस का काम ही है कि पब्लिक डोमेन में जितने भी पॉलिटिकल पॉर्टी हैं या संस्था हैं, उनकी जानकारी रखना. इसमें किसी को आपत्ति जताने की जरुरत नहीं है.

आरजेडी का सरकार पर तंज
इधर, इस पूरे मामले में आरजेडी ने सरकार पर तंज कसा है. आरजेडी प्रवक्ता रामानुज यादव ने कहा कि संघ की जांच से पहले नीतीश कुमार कितने खुले है. उनकी जांच भी होनी चाहिए. सीएम साहब संघ को कभी मजबूत करने में जुट जाते हैं तो कभी उनकी मंशा पर शक करते हैं. उन्होंने कहा कि सीएम कभी संघ मुक्त भारत बनाने की बात करते हैं तो कभी संघ की मदद करते हैं.

ये है मामला
आपको बता दें कि स्पेशल ब्रांच के सभी डिप्टी एसपी को संबोधित करते हुए आरएसएस नेताओं के नाम, पता, पद और व्यवसाय की जानकारी देने को कहा गया था. चिट्ठी में फील्ड ड्यूटी पर लगाए वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल रूप से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिए गए. इस चिट्ठी में जारी किए गए आदेश को अति आवश्यक समझने के लिए भी कहा गया था.

पटना: राज्य की इंटेलिजेंस टीम की एक चिट्ठी से सियासत का तापमान बढ़ गया है. स्पेशल ब्रांच की इंटेलिजेंस टीम ने आरएसएस की गतिविधियों पर नजर रखने का आदेश जारी किया. इस मामले में पुलिस अधिकारियों की एक चिट्ठी इस बात को बल दे रही है. बुधवार को विधानमंडल में भी यह बात निकली, इसके बाद सदन में हंगामों का दौर शुरू हो गया.

'RSS एक खुली किताब है'
इस मामले को बीजेपी ने पूरी गंभीरता से लिया है. बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि आरएसएस एक खुली किताब है. जिसको जांच कराना है, वे करा लें. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए आखिर किस परिस्थिति में ऐसा किया जा रहा है. विधायक नितिन नवीन ने कहा कि इस मामले में जिसने भी पहल की है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी के सभी नेता ने इस पर आपत्ति जताई है.

पेश है रिपोर्ट

'इटेलिजेंस काम है जांच करना'
वहीं, भवन मंत्री अशोक चौधरी ने अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस की टीम अपने तरीके से काम कर रही है. इंटेलिजेंस का काम ही है कि पब्लिक डोमेन में जितने भी पॉलिटिकल पॉर्टी हैं या संस्था हैं, उनकी जानकारी रखना. इसमें किसी को आपत्ति जताने की जरुरत नहीं है.

आरजेडी का सरकार पर तंज
इधर, इस पूरे मामले में आरजेडी ने सरकार पर तंज कसा है. आरजेडी प्रवक्ता रामानुज यादव ने कहा कि संघ की जांच से पहले नीतीश कुमार कितने खुले है. उनकी जांच भी होनी चाहिए. सीएम साहब संघ को कभी मजबूत करने में जुट जाते हैं तो कभी उनकी मंशा पर शक करते हैं. उन्होंने कहा कि सीएम कभी संघ मुक्त भारत बनाने की बात करते हैं तो कभी संघ की मदद करते हैं.

ये है मामला
आपको बता दें कि स्पेशल ब्रांच के सभी डिप्टी एसपी को संबोधित करते हुए आरएसएस नेताओं के नाम, पता, पद और व्यवसाय की जानकारी देने को कहा गया था. चिट्ठी में फील्ड ड्यूटी पर लगाए वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल रूप से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिए गए. इस चिट्ठी में जारी किए गए आदेश को अति आवश्यक समझने के लिए भी कहा गया था.

Intro:लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नीतीश कुमार सिया से दावत चलने के फिराक में थे नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कुंडली खंगालने का काम शुरू कर दिया था इसके लिए बकायदा स्पेशल ब्रांच को लगाया गया था सवाल यह उठता है कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले संघ की कुंडली खंगालने की जरूरत नीतीश कुमार को क्यों पड़ी थी


Body:नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं और उनके हर सियासी दांव को भी कोई नहीं समझ सकता लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नीतीश कुमार चौकन्ना हुए और आर एस एस की कुंडली खंगालने में जुट गए अरसे से जुड़े 19 संगठनों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए स्पेशल ब्रांच को लगाया गया स्पेशल ब्रांच को यह भी कहा गया कि आर एस एस के जो भी पद धारक हैं उनके क्या व्यवसाय हैं यह भी पता लगाया जाए


Conclusion:मामला बिहार विधानमंडल में भी गूंजा भाजपा ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया पार्टी के विधायक नितिन नवीन ने कहा कि r.s.s. खुली किताब है और उसकी कुंडली खंगालने की जरूरत किसी को नहीं है सरकार को यह बताना चाहिए कि परिस्थितियों में ऐसा किया गया और उसके लिए जो भी दोषी पदाधिकारी हैं उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई।
राजद ने संघ की भूमिका पर सवाल खड़े किए पार्टी प्रवक्ता रामानुज यादव ने कहा कि नीतीश कुमार का संघ से गहरा रिश्ता रहा है कभी वह संघ मुक्त भारत बनाने की बात करते हैं तो कभी संघ को मजबूत करने में जुट जाते हैं उनकी मंशा पर राजद को संदेह है ।
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने पूरे मामले पर सफाई दी अशोक चौधरी ने कहा है कि स्पेशल ब्रांच का यह रूटीन वर्क है और इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं है जो जिस चश्मे से चीजों को देखता है उसे वैसा ही दिखता है ।
आपको बता दें कि स्पेशल ब्रांच के जिस पुलिस अधीक्षक के हस्ताक्षर से वह पत्र जारी हुई थी उसे पुरस्कृत भी किया गया है राजीव रंजन इस समय अरवल जिले में पुलिस कप्तान हैं
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