पटना: प्रदेश में एनडीए के चेहरे को लेकर जमकर बयानबाजी हो रही है. विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सियासत तेज है. एनडीए के घटक दल जेडीयू और बीजेपी के नेताओं की ओर से लगातार बयान आ रहे हैं. भले ही उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को एनडीए का चेहरा मान लिया हो. लेकिन, शीर्ष नेतृत्व का फैसला आने तक सब कुछ संशय में है.
गौरतलब है कि बीजेपी खेमे सें संजय पासवान, गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के बयान के बाद अब जेडीयू ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी के कुछ नेता खलनायक की भूमिका निभा रहे हैं. इस तरह की बयानबाजी एनडीए गठबंधन की सेहत के लिए ठीक नहीं है.
संजय पासवान के बयान से शुरू हुआ ड्रामा
बता दें कि सबसे पहले संजय पासवान ने कहा था कि अब नीतीश कुमार को केंद्र में सेवा देनी चाहिए और बिहार सुशील मोदी के हवाले करना चाहिए. उसके बाद गिरिराज सिंह के भी कई बयान आए. उन्होंने लगातार ट्वीट भी किया.
नीतीश कुमार ने किया था कटाक्ष
वहीं, जेडीयू राज्य परिषद की बैठक में नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए गिरिराज सिंह पर निशाना साधा था. जिसका जवाब भी गिरिराज सिंह ने अपने ढंग से दिया. इसके बाद भी बीजेपी के नेताओं की बयानबाजी नीतीश कुमार के खिलाफ होती रही. अब जेडीयू ने भी मोर्चा खोल दिया है.
महागठबंधन ले रहा चुटकी
बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बयानबाजी पर आरजेडी और कांग्रेस की ओर से तंज कसा जाने लगा है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि बीजेपी की नजर अब बिहार में है. बीजेपी की ओर से साजिश हो रही है. बीजेपी प्रदेश में अपना मुख्यमंत्री देना चाहती है.
साफ है बीजेपी का स्टैंड
फिलहाल, बीजेपी प्रवक्ता सुशील मोदी के उस बयान के साथ दिख रहे हैं, जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार को 2020 का भी नेता मानने की बात कही थी. साथ ही यह भी कहा था कि उनके नेतृत्व में जब विकास हो रहा है तो किसी पर और विचार करने की क्या जरूरत है.
बहरहाल, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में है. हालांकि, इसमें काफी समय है लेकिन, बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के बावजूद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से चुप्पी साधे रहना जेडीयू के लिए चिंता का कारण है. मौजूदा समय में सभी की नजर अगले महीने होने वाले उपचुनाव पर है.