ETV Bharat / state

'वित्त मंत्री के भाषण और बजट में काफी अंतर, नहीं रखा गया युवाओं का ध्यान'

समाजशास्त्री डीएम दिवाकर का कहना है कि जिस प्रकार सदन में वित्त मंत्री का भाषण था. उससे मन काफी प्रसन्न हुआ. उनकी बातों से यह झलक रहा था कि इस बार का बजट गरीबों के लिए लाभदायक होगा. लेकिन, वित्त मंत्री का भाषण और बजट दोनों काफी अलग था.

author img

By

Published : Jul 5, 2019, 10:40 PM IST

Updated : Jul 6, 2019, 12:25 AM IST

डी एम दिवाकर

पटना: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आ गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में बजट पेश की. इस बजट के आने के बाद से कई लोगों ने अपने-अपने सुझाव भी देने शुरू कर दिए. जिले के समाजशास्त्री और ए एन सिन्हा संस्थान के पूर्व निदेशक डी एम दिवाकर ने इस बजट को निराशाजनक बताया है.

डी.एम. दिवाकर, समाजशास्त्री

भाषण से अलग बजट
डी एम दिवाकर का कहना है कि जिस प्रकार सदन में वित्त मंत्री का भाषण था. उससे मन काफी प्रसन्न हुआ. उनकी बातों से यह झलक रहा था कि इस बार का बजट गरीबों के लिए लाभदायक होगा. लेकिन, वित्त मंत्री का भाषण और बजट काफी अलग निकला. उन्होंने कहा कि युवा और किसानों के पक्ष में भले ही बात कही गई हो. लेकिन, इस बजट से इन्हें कहीं से लाभ पहुंचते नहीं दिख रहा है.

patna
ए एन सिन्हा संस्थान

'मध्यम वर्ग को राहत नहीं'
डी एम दिवाकर ने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए भाषण में कुछ कहा गया और बजट में कुछ और निकला. यह बजट खासकर अमीर वर्गों के लिए बना है. इस बजट में युवा वर्ग पर ध्यान नहीं दिया गया है. युवाओं को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण देने की बात कही गई थी. लेकिन, 18-19 में जो बजट प्रशिक्षण के लिए रखा गया था. उसे 19-20 में कम कर दिया गया है. वहीं, हर घर नल-जल देने की घोषणा की गई थी. लेकिन, ड्रिंकिंग वाटर और सैनिटेशन का बजट भी पिछले साल के मुताबिक कम कर दिया गया है.

हेल्थ सेंटर में ध्यान देने की जरुरत
समाजशास्त्री दिवाकर के मुताबिक हेल्थ सेक्टर में भी खास सुविधा नहीं दी गई है. एईएस सिंड्रोम के लिए विशेष व्यवस्था की घोषण भी नहीं की गई. इस क्षेत्र में घोषणा की गई होती तो बिहार के लिए बेहतर होता. वहीं, उन्होंने बढ़ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी आलोचना की. उन्होंने कहा डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाने से मंहगाई और बढ़ेगी.

पटना: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आ गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में बजट पेश की. इस बजट के आने के बाद से कई लोगों ने अपने-अपने सुझाव भी देने शुरू कर दिए. जिले के समाजशास्त्री और ए एन सिन्हा संस्थान के पूर्व निदेशक डी एम दिवाकर ने इस बजट को निराशाजनक बताया है.

डी.एम. दिवाकर, समाजशास्त्री

भाषण से अलग बजट
डी एम दिवाकर का कहना है कि जिस प्रकार सदन में वित्त मंत्री का भाषण था. उससे मन काफी प्रसन्न हुआ. उनकी बातों से यह झलक रहा था कि इस बार का बजट गरीबों के लिए लाभदायक होगा. लेकिन, वित्त मंत्री का भाषण और बजट काफी अलग निकला. उन्होंने कहा कि युवा और किसानों के पक्ष में भले ही बात कही गई हो. लेकिन, इस बजट से इन्हें कहीं से लाभ पहुंचते नहीं दिख रहा है.

patna
ए एन सिन्हा संस्थान

'मध्यम वर्ग को राहत नहीं'
डी एम दिवाकर ने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए भाषण में कुछ कहा गया और बजट में कुछ और निकला. यह बजट खासकर अमीर वर्गों के लिए बना है. इस बजट में युवा वर्ग पर ध्यान नहीं दिया गया है. युवाओं को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण देने की बात कही गई थी. लेकिन, 18-19 में जो बजट प्रशिक्षण के लिए रखा गया था. उसे 19-20 में कम कर दिया गया है. वहीं, हर घर नल-जल देने की घोषणा की गई थी. लेकिन, ड्रिंकिंग वाटर और सैनिटेशन का बजट भी पिछले साल के मुताबिक कम कर दिया गया है.

हेल्थ सेंटर में ध्यान देने की जरुरत
समाजशास्त्री दिवाकर के मुताबिक हेल्थ सेक्टर में भी खास सुविधा नहीं दी गई है. एईएस सिंड्रोम के लिए विशेष व्यवस्था की घोषण भी नहीं की गई. इस क्षेत्र में घोषणा की गई होती तो बिहार के लिए बेहतर होता. वहीं, उन्होंने बढ़ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी आलोचना की. उन्होंने कहा डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाने से मंहगाई और बढ़ेगी.

Intro:आम बजट को लेकर लोग अलग अलग राय दे रहे है..कोई इसे प्रगतिशील भारत के मजबूत बता रहा है..तो कोई इसे अमीरों वाला बजट कह रहा है..वही इस बजट पर समाजशास्त्री ए एन सिन्हा संस्थान के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर इस बजट को निराशाजनक कह रहे है।


Body:डीएम दिवाकर ने बजट से पहले दिए गए भाषण की चर्चा करते हुए कहा कि भाषण ने विकासशील भारत और युवा और किसानों के साथ सभी वर्गों की बात भले ही कही गई...लेकिन जब बजट पेश किया गया..तो बिल्कुल अलग था।

उन्होंने कहा माध्यम वर्ग के लिए बजट भाषण में जो कुछ कहा गया..वो तो दिखता है..वही अमीर वर्गों के लिए कमोबेश ठीक ठाक रहा।वही उन्होंने युवाओं को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण देने की बात कही गई है..लेकिन 18-19 में जो बजट प्रशिक्षण के लिए रखे गए थे उसे 19-20 में कम कर दिया गया..तो वही हर घर नल जल देने की घोषणा की गई है..लेकिन ड्रिंकिंग वाटर और सैनिटेशन में भी पिछले साल से कम कर दिया गया है।

डीएम दिवाकर ने कहा 45 साल ऊँचाई वाले बेरोजगारी के स्तर पर है..लेकिन रोजगार बढ़ाने का कोई ठोस प्रयास नही दिखा..वही उन्होंने कहा बिहार को लेकर बहुत उम्मीद थी..क्योंकि बिहार में उन्हें चुनाव में बड़ा तोहफा दिया था..लेकिन इस बजट में बिहार के लिए कुछ खास नही रहा।

वही हेल्थ सेक्टर भी कोई खास सुविधा नही बढ़ाया गया और ना ही एईएस सिंड्रोम के लिए विशेष व्यवस्था की घोषण की गई..अगर इस सेक्टर में घोषणा की गई होती तो बिहार के लिए बेहतर होता।तो वही पूरा देश मानसून से तबाही में है..लेकिन इसे कम करने के लिए ना तो वाटर रिसोर्स और ना ही नदियों के उड़ाही की चर्चा हुई...और इन सबों के बजट घटा दिए गए है।उन्होंने कहा यह बजट बिल्कुल निराशाजनक है और कारपोरेट है।

उन्होंने कहा डीजल और पेट्रोल में दाम बढ़ाने की घोषणा के इस असर हर सेक्टर पर पड़ेगा और महंगाई और बढ़ेगी। उन्होंने कहा डेफत सीट पिछले साल से बढ़ा हुआ है और इस साल और बढ़ेगा।वही जीएसटी के ग्रोथ रेट एक परसेंट घट गया है।वही इकॉनोमिक्स के ग्रोथ रेट आठ से लुढ़ते लुढ़ते 5.8 पर गया है..लेकिन इनके लिए कोई रास्ता नही रखा गया है।


Conclusion:
Last Updated : Jul 6, 2019, 12:25 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.