पटना: औरंगाबाद में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हुई मारपीट के मामले पर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सख्त रुख अख्तियार किया है. उन्होंने बताया कि औरंगाबाद मामले में कुल 24 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात कही है.
दअरसल, बुधवार को कोरोना जांच के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी की टीम औरंगाबाद के गोह थाना क्षेत्र के एकौनी गांव गयी थी. लेकिन डॉक्टरों की टीम को देखते ही ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की पिटाई कर दी. सभी ने वहां से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई. इस बाबत पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है.
'किसी को नहीं छोड़ेंगे'
इस बाबत डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि आमलोग अज्ञानता की वजह से इस तरह का कार्य कर रहे हैं. इस महामारी से जुड़े लोगों पर कोई भी व्यक्ति अगर हमला करता है, तो पुलिस उसे छोड़ेगी नहीं. उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि औरंगाबाद की घटना निंदनीय है. 25 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. साथ ही गुंडा रजिस्टर में उनके नाम को भी दर्ज करवाया गया है.
गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि जानबुझकर लॉक डाउन तोड़ने वालों पर पुलिस आपदा एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी. 24 घंटे में स्पीडी ट्रायल कर पुलिस लगातार कार्रवाई करेगी. डीजीपी ने बताया कि बिहार में 36 हजार गाड़ियों पर कार्रवाई की गई है. 5 करोड़ रुपयों से ज्यादा का फाइन काटा गया है. पांडेय ने कहा कि सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
'रासुका के तहत हो कार्रवाई'
पूरे मामले पर निंदा व्यक्त करते हुए पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि जो लोग भी दोषी हैं. उनपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इनके ऊपर रासुका लगायी जानी चाहिए.
बिहार में जिस तरह से करोना जांच करने जा रही टीमों पर लगातार हमले हो रहे हैं. उसपर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे सख्त नजर आ रहे हैं. गुप्तेश्वर पांडेय का मानने है कि बिहार की 12 करोड़ की जनता में 99 प्रतिशत जनता का आशीर्वाद पुलिस प्रशासन पर है. बाकि, 1 प्रतिशत ऐसे होते हैं, जो उत्पात मचाते हैं. इनको सबक सिखाया जाएगा.