पटना: आरएसएस की जांच का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले पर स्पेशल ब्रांच के एडीजी ने सफाई दी है. एडीजी जेएस गंगवार ने कहा कि इस चिट्ठी की खबर किसी वरीय अधिकारी को नहीं थी. उन्होंने बताया कि इनपुट के आधार पर लेटर जारी हुआ था. सरकार को भी इस मामले में कुछ पता नहीं था. पत्र की जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
बीजेपी ने जताई आपत्ति
वहीं, बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने इस मसले पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि आखिर ऐसी क्या मुसीबत आ गई कि आरएसएस सहित कई संगठनों की जांच करनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि आरएसएस एक खुली किताब है. जिसे जो जांच करना है, कर लें. लेकिन, पार्टी के कई नेताओं को इससे आपत्ति है.
JDU का सरकार पर निशाना
इस मामले में जेडीयू ने सरकार पर निशाना साधा है. बिहार के पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने भी नीतीश कुमार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बिहार में आरएसएस को मजबूत करने में सीएम का हाथ है. वहीं, आरजेडी प्रवक्ता रामानुज यादव ने कहा कि सबसे पहले नीतीश कुमार की जांच की जाए कि वो कितनी खुली किताब हैं. सीएम कभी आरएसएस को हटाने में लग जाते हैं तो कभी उसको मजबूत करने में, ये दोहरा रवैया से कुछ स्पष्ट नहीं होता है.
भवन निर्माण मंत्री ने किया सरकार का बचाव
इस पूरे मामले में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने सरकार का बचाव किया है, उन्होंने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि इंटेलिजेंस की टीम अपने तरीके से काम कर रही है. इंटेलिजेंस का काम ही है कि पब्लिक डोमेन में जितनी भी पॉलिटिकल पार्टी या संस्था हैं, उनकी जानकारी रखना. इसमें किसी को आपत्ति जताने की जरुरत नहीं है.
सरकार ने मांगा ADG से जवाब
विवादों के दौर में स्पेशल ब्रांच के एडीजी की मुश्किलें बढ़ गई है. सरकार ने एडीजी जेएस गंगवार से संघ के पत्र को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. इस मामले में कहा गया कि सरकार की अनुमति के बगैर आखिर पत्र कैसे जारी किया गया. इसमें सरकार को पूरी जानकारी चाहिए.
क्या है मामला?
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से दो दिन पहले स्पेशल ब्रांच के एसपी की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई थी. जिसमें कुल 19 संगठनों के नाम शामिल है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों का नाम और पता मांगा गया. इसके बाद से ही सियासत के गलियारों में खलबली मच गई है.