पटना: बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर सरकार ने केंद्र से 2700 करोड़ से अधिक की क्षतिपूर्ति की मांग की थी. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से 400 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है. केंद्र की मदद को जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा ये काफी कम है. हमें अभी भी और मदद की उम्मीद है. राजीव रंजन ने कहा कि बिहार में बड़े पैमाने पर बाढ़ से लोग परेशान हैं. अधिक से अधिक लोगों को मदद मिले, इसके लिए केंद्र से और अधिक राशि की जरूरत है.
केंद्र सरकार की एक टीम पटना और अन्य बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर रही है. इस टीम के रिपोर्ट के आधार पर भी बिहार को राशि मिलेगी. लेकिन पहले जो बिहार सरकार की तरफ से 27 सौ करोड़ की मांग की गई थी. उसके मुकाबले बहुत छोटी राशि केंद्र की तरफ से दी गई है. 400 करोड़ राष्ट्रीय आपदा की तरफ से राज्य को मिले हैं. तो वहीं, एसडीआरएफ के तहत दूसरी किस्त जारी की गई है. जो 215 करोड़ है. कुल मिलाकर 615 करोड़ से अधिक की राशि केंद्र की तरफ से फिलहाल दी गई है. लेकिन बिहार सरकार इससे अधिक राशि की उम्मीद कर रही थी. जदयू की ओर से भी कहा गया कि यह राशि पर्याप्त नहीं है.
केंद्र की रिपोर्ट के बाद दी गई सहायता राशि!
अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद राज्यों को आपदा से हुए नुकसान में मदद के तरीके में भी बदलाव किये गए हैं. पुरानी परंपरा के अनुसार प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पहले राज्य सरकार की ओर से दावा किया जाता था. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से एक उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालय के टीम दावे की जांच करती थी. उसके बाद केंद्रीय सहायता राशि जारी होती थी. 30 अगस्त को हुई बैठक में बदलाव किया गया है. अब राज्यों के दावे का इंतजार किए बिना केंद्रीय टीम आपदा प्रभावित इलाकों में जाकर रिपोर्ट देगी. उसी के आधार पर राज्यों को मदद की जाएगी. इसी के तहत इस बार पटना और अन्य बाढ़ प्रभावित जिलों का केंद्रीय टीम दौरा कर रही है.