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जबरन सेवा निवृत्ति आदेश के खिलाफ राज्यकर्मियों ने निकाला विधानसभा मार्च - बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ

जबरन सेवा निवृत्ति आदेश रद्द करने, संविदा आउट सोर्स नीति समाप्त करने सहित 11 मांगों को लेकर बुधवार को हजारों की संख्या में राज्यकर्मियों और शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया. पटना के चितकोहरा गोलंबर से राज्यकर्मियों और शिक्षकों ने धरना स्थल गर्दनीबाग तक विधानसभा मार्च निकाला.

State workers take out assembly march
राज्यकर्मियों ने निकाला विधानसभा मार्च
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Published : Mar 17, 2021, 10:28 PM IST

पटना: जबरन सेवा निवृत्ति आदेश रद्द करने, संविदा आउट सोर्स नीति समाप्त करने सहित 11 मांगों को लेकर बुधवार को हजारों की संख्या में राज्यकर्मियों और शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया. पटना के चितकोहरा गोलंबर से राज्यकर्मियों और शिक्षकों ने धरना स्थल गर्दनीबाग तक विधानसभा मार्च निकाला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

यह भी पढ़ें- MLC नहीं बनाए जाने पर पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे बोले- जल्दी लेंगे कोई बड़ा फैसला

आशा कर्मियों ने की हड़ताल की घोषणा
दूसरी ओर धरने पर बैठीं आशा कर्मियों ने राज्यव्यापी दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव ने कहा "आशा कर्मी लंबे समय से जनहित में काम कर रहीं हैं. कोरोना काल में भी उन्होंने काफी बेहतर काम किया है. इसके बावजूद सरकार का उनके प्रति रवैया काफी नकारात्मक है. सरकार आशा कर्मियों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार करे."

देखें रिपोर्ट

शशि यादव ने कहा "हमारी सरकार से मांग है कि आशा कर्मियों को सरकारी कर्मी घोषित किया जाए. जितने भी काम सरकार ने उनसे अलग-अलग कराए हैं उन सभी का अलग मेहनताना भुगतान करें. सभी आशा कर्मियों का सेवा अभिलेख निर्माण कराए. इन्हीं मांगों को लेकर पूरे बिहार से हजारों की संख्या में आशा कर्मी दो दिवसीय महा धरने में शामिल हुईं हैं."

ASHA workers sitting on strike.
धरने पर बैठीं आशा कार्यकर्ता.

"हमने फैसला किया है कि आगामी 25 और 26 मार्च को राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे. दोनों दिन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का घेराव किया जाएगा. इसके बाद भी सरकार नहीं मानी और हमारी मांगों को पूरा नहीं किया तो पूरे बिहार में हड़ताल किया जाएगा."- शशि यादव, अध्यक्ष बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ

पटना: जबरन सेवा निवृत्ति आदेश रद्द करने, संविदा आउट सोर्स नीति समाप्त करने सहित 11 मांगों को लेकर बुधवार को हजारों की संख्या में राज्यकर्मियों और शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया. पटना के चितकोहरा गोलंबर से राज्यकर्मियों और शिक्षकों ने धरना स्थल गर्दनीबाग तक विधानसभा मार्च निकाला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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आशा कर्मियों ने की हड़ताल की घोषणा
दूसरी ओर धरने पर बैठीं आशा कर्मियों ने राज्यव्यापी दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव ने कहा "आशा कर्मी लंबे समय से जनहित में काम कर रहीं हैं. कोरोना काल में भी उन्होंने काफी बेहतर काम किया है. इसके बावजूद सरकार का उनके प्रति रवैया काफी नकारात्मक है. सरकार आशा कर्मियों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार करे."

देखें रिपोर्ट

शशि यादव ने कहा "हमारी सरकार से मांग है कि आशा कर्मियों को सरकारी कर्मी घोषित किया जाए. जितने भी काम सरकार ने उनसे अलग-अलग कराए हैं उन सभी का अलग मेहनताना भुगतान करें. सभी आशा कर्मियों का सेवा अभिलेख निर्माण कराए. इन्हीं मांगों को लेकर पूरे बिहार से हजारों की संख्या में आशा कर्मी दो दिवसीय महा धरने में शामिल हुईं हैं."

ASHA workers sitting on strike.
धरने पर बैठीं आशा कार्यकर्ता.

"हमने फैसला किया है कि आगामी 25 और 26 मार्च को राज्यव्यापी हड़ताल करेंगे. दोनों दिन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का घेराव किया जाएगा. इसके बाद भी सरकार नहीं मानी और हमारी मांगों को पूरा नहीं किया तो पूरे बिहार में हड़ताल किया जाएगा."- शशि यादव, अध्यक्ष बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ

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