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पटना: पंचायत चुनाव के लिये पहली बार शुरू हुआ कंट्रोल रूम, कोविड गाइडलाइन का सख्ती से होगा पालन - कॉल सेंटर

राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) द्वारा पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की तैयारी तेज कर दी गई है. आगामी पंचायत चुनाव में आयोग कई तरह की नई तकनीकों का प्रयोग पहली बार कर रहा है. पंचायत चुनाव में लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तर्ज पर लोगों की शिकायतों का निष्पादन किया जा रहा है.

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की तैयारी तेज
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की तैयारी तेज
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Published : Jul 25, 2021, 2:37 PM IST

पटना: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की स्थिति सामान्य होने के बाद एक बार फिर से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की तैयारी तेज कर दी गई है. आगामी पंचायत चुनाव में आयोग कई तरह की नई तकनीक (New Technology) का प्रयोग पहली बार कर रहा है. राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव से जुड़ी शिकायतें और सुझाव को गंभीरता से निर्वाचन आयोग ले रहा है.

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इस बार के पंचायत चुनाव में लोकसभा (Lok Sabha) और विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की तर्ज पर लोगों की शिकायतों का निष्पादन किया जा रहा है. पहली बार राजधानी पटना स्थित राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर में कॉल सेंटर (Call center) और सोशल मीडिया सेंटर (Social Media Center) बनाया गया है. रोजाना सैकड़ों की संख्या में आ रही शिकायतों का निष्पादन आयोग द्वारा किया जा रहा है.

फिलहाल कॉल सेंटर में 10 फोन लाइन पर सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक शिकायतें और सुझाव लिए जा रहे हैं. जैसे चुनाव का समय नजदीक आएगा या आचार संहिता लागू होगा, फोन लाइन को 10 से बढ़ाकर के 25 तक कर दिया जाएगा. एक बार में राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा 25 लोगों से बात कर शिकायतें और सुझाव लिए जा सकेंगे.

ये भी पढ़ें- EVM से चुने जाएंगे जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति और वार्ड सदस्य, 2 पदों पर बैलेट पेपर से चुनाव

कॉल सेंटर में फोन कॉल के जरिए पंचायत चुनाव को लेकर आम नागरिकों की शिकायतों और सुझावों का निपटारा तो किया ही जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग पूरी गंभीरता से आयोग के द्वारा चलाए जा रहे सोशल मीडिया साइट पर भी जो सवाल पूछे जा रहे हैं, उसका विधिवत जवाब दिया जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टि्वटर चार प्लेटफार्म पर सोशल मीडिया से जुड़े सवाल और सुझाव ले रहा है.

कॉल सेंटर और सोशल मीडिया सेल चलाने के पीछे राज्य निर्वाचन आयोग का मकसद वैसे लोगों को सुविधा देना है जो पटना नहीं आ सकते या संबंधित कार्यालय तक नहीं पहुंच सकते. इसके अलावा आयोग का मकसद यह भी है कि किसी भी व्यक्ति या उम्मीदवार को चुनाव से संबंधित किसी तरह की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके.

ये भी पढ़ें- लगेगी सवालों की झड़ी तो आएंगे सभी दल जद में, यहां बस JDU और RJD थोड़े ही हैं!

राज्य निर्वाचन आयोग ने कॉल सेंटर को लेकर सभी कॉल को रिकॉर्ड करने का भी निर्देश दिया है. जिससे कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों के द्वारा राज्य की आम जनता के साथ बेहतर व्यवहार हो सके. क्या बातचीत हो रही है, किस तरह के सवाल ज्यादा आ रहे हैं, इस विषय को संरक्षित रखा जा सके.

आगामी पंचायत चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए इस बार राज्य निर्वाचन आयोग पोस्टर, बैनर और विज्ञापन जारी करेगा. इन विज्ञापनों में कोविड गाइडलाइन के तहत कैसे मतदान करना है, इसकी विस्तृत जानकारी होगी. इसके अलावा किस तरह से मतदान केंद्र में एक बूथ पर 6 विभिन्न पदों के लिए वोट डालना होगा, इसे भी समझाया जाएगा.

सोशल मीडिया में कार्यरत सूचना जनसंपर्क विभाग के कर्मचारी बताते हैं कि जब से सोशल मीडिया सेल का गठन किया गया है, पंचायत चुनाव से जुड़े हुए सवाल पूछे जा रहे हैं. प्रतिदिन 20 से 25 सवाल तक पूछे जा रहे हैं. इसके निष्पादन में 1 दिन का वक्त लगता है. राज्य निर्वाचन आयोग में तैनात कर्मचारी ने बताया कि जो भी सवाल पूछे जा रहे हैं उसे संबंधित अधिकारी से लिखित में जवाब लेकर सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किया जा रहा है. ताकि सवाल करने वालों को पूरी तरह से संतुष्ट किया जा सके और किसी भी तरह से भ्रम की स्थिति ना फैले.

ये भी पढ़ें- आशीर्वाद मांगने मसौढ़ी पहुंचे चिराग, कहा- दूसरों का घर जलाने वाले का भी घर जलेगा

अब तक राज्य के 35 जिलों से सवाल पूछे गए हैं. जैसे, मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर अब तक 11446 सवाल पूछे गये हैं. ज्यादातर मतदाता पंचायत में नाम जुड़वाने को लेकर सवाल कर रहे हैं. मतदान केंद्र से जुड़े सवाल, आगामी पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों के गठन को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कई नए नियम लागू किए हैं.

इस संबंध में अब तक तकरीबन 1600 सवाल और शिकायतें आयी हैं. ज्यादातर शिकायतें गांव से दूर मतदान केंद्रों के गठन को लेकर है. इस पर राज्य निर्वाचन आयोग लगातार संज्ञान लेते हुए संबंधित निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांग रहा है. बता दें कि बीते दिनों नीतीश सरकार द्वारा कई पंचायत को नगर निकाय में तब्दील करने के कारण मतदाताओं के वार्ड में बदलाव हुआ है.

इस संबंध में अब तक 1926 सवाल और शिकायतें आयोग द्वारा चलाए जा रहे हैं कॉल सेंटर में दर्ज की गई है. आगामी पंचायत चुनाव ईवीएम से होना हैं. हर पंचायत में 6 विभिन्न पदों पर मतदान किया जाएगा. 4 पदों का मतदान ईवीएम और 2 पदों के लिए बैलट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा. पहली बार ईवीएम से चुनाव होने के कारण इस संबंध में अब तक 2,603 सवाल पूछे गए हैं.

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पंचायत चुनाव में महिला और दलित व पिछड़ा समाज के लिए सीट रिजर्व होते हैं. इस संबंध में कई तरह के भ्रम को दूर करने के लिए अब तक 982 सवाल पूछे जा चुके हैं. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पंचायत के वर्तमान प्रतिनिधियों के बारे में बड़ी संख्या में शिकायतें मिलती हैं. जिसमें अब तक 10,018 शिकायतें आ चुकी हैं. इस शिकायतों की जांच के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा संबंधित निर्वाचित पदाधिकारी और अधिकृत अधिकारी को लिखित में सूचना दी जा रही है.

गौरतलब है कि राज्य में 2.90 हजार पदों के लिए पंचायत चुनाव होने हैं. आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने बताया की आयोग पूरी कोशिश कर रहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर जो भी जिज्ञासा उम्मीदवार या आम नागरिकों की है, उसे सही तरीके से पूरा किया जा सके.

'कोरोना महामारी के बाद होने वाले पंचायत चुनाव में कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा. इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के सभी डीएम को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है.' : योगेन्द्र राम, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग

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इस बार के पंचायत चुनाव में लोकसभा (Lok Sabha) और विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की तर्ज पर लोगों की शिकायतों का निष्पादन किया जा रहा है. पहली बार राजधानी पटना स्थित राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर में कॉल सेंटर (Call center) और सोशल मीडिया सेंटर (Social Media Center) बनाया गया है. रोजाना सैकड़ों की संख्या में आ रही शिकायतों का निष्पादन आयोग द्वारा किया जा रहा है.

फिलहाल कॉल सेंटर में 10 फोन लाइन पर सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक शिकायतें और सुझाव लिए जा रहे हैं. जैसे चुनाव का समय नजदीक आएगा या आचार संहिता लागू होगा, फोन लाइन को 10 से बढ़ाकर के 25 तक कर दिया जाएगा. एक बार में राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा 25 लोगों से बात कर शिकायतें और सुझाव लिए जा सकेंगे.

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कॉल सेंटर में फोन कॉल के जरिए पंचायत चुनाव को लेकर आम नागरिकों की शिकायतों और सुझावों का निपटारा तो किया ही जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग पूरी गंभीरता से आयोग के द्वारा चलाए जा रहे सोशल मीडिया साइट पर भी जो सवाल पूछे जा रहे हैं, उसका विधिवत जवाब दिया जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टि्वटर चार प्लेटफार्म पर सोशल मीडिया से जुड़े सवाल और सुझाव ले रहा है.

कॉल सेंटर और सोशल मीडिया सेल चलाने के पीछे राज्य निर्वाचन आयोग का मकसद वैसे लोगों को सुविधा देना है जो पटना नहीं आ सकते या संबंधित कार्यालय तक नहीं पहुंच सकते. इसके अलावा आयोग का मकसद यह भी है कि किसी भी व्यक्ति या उम्मीदवार को चुनाव से संबंधित किसी तरह की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके.

ये भी पढ़ें- लगेगी सवालों की झड़ी तो आएंगे सभी दल जद में, यहां बस JDU और RJD थोड़े ही हैं!

राज्य निर्वाचन आयोग ने कॉल सेंटर को लेकर सभी कॉल को रिकॉर्ड करने का भी निर्देश दिया है. जिससे कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों के द्वारा राज्य की आम जनता के साथ बेहतर व्यवहार हो सके. क्या बातचीत हो रही है, किस तरह के सवाल ज्यादा आ रहे हैं, इस विषय को संरक्षित रखा जा सके.

आगामी पंचायत चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए इस बार राज्य निर्वाचन आयोग पोस्टर, बैनर और विज्ञापन जारी करेगा. इन विज्ञापनों में कोविड गाइडलाइन के तहत कैसे मतदान करना है, इसकी विस्तृत जानकारी होगी. इसके अलावा किस तरह से मतदान केंद्र में एक बूथ पर 6 विभिन्न पदों के लिए वोट डालना होगा, इसे भी समझाया जाएगा.

सोशल मीडिया में कार्यरत सूचना जनसंपर्क विभाग के कर्मचारी बताते हैं कि जब से सोशल मीडिया सेल का गठन किया गया है, पंचायत चुनाव से जुड़े हुए सवाल पूछे जा रहे हैं. प्रतिदिन 20 से 25 सवाल तक पूछे जा रहे हैं. इसके निष्पादन में 1 दिन का वक्त लगता है. राज्य निर्वाचन आयोग में तैनात कर्मचारी ने बताया कि जो भी सवाल पूछे जा रहे हैं उसे संबंधित अधिकारी से लिखित में जवाब लेकर सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किया जा रहा है. ताकि सवाल करने वालों को पूरी तरह से संतुष्ट किया जा सके और किसी भी तरह से भ्रम की स्थिति ना फैले.

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अब तक राज्य के 35 जिलों से सवाल पूछे गए हैं. जैसे, मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर अब तक 11446 सवाल पूछे गये हैं. ज्यादातर मतदाता पंचायत में नाम जुड़वाने को लेकर सवाल कर रहे हैं. मतदान केंद्र से जुड़े सवाल, आगामी पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों के गठन को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कई नए नियम लागू किए हैं.

इस संबंध में अब तक तकरीबन 1600 सवाल और शिकायतें आयी हैं. ज्यादातर शिकायतें गांव से दूर मतदान केंद्रों के गठन को लेकर है. इस पर राज्य निर्वाचन आयोग लगातार संज्ञान लेते हुए संबंधित निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांग रहा है. बता दें कि बीते दिनों नीतीश सरकार द्वारा कई पंचायत को नगर निकाय में तब्दील करने के कारण मतदाताओं के वार्ड में बदलाव हुआ है.

इस संबंध में अब तक 1926 सवाल और शिकायतें आयोग द्वारा चलाए जा रहे हैं कॉल सेंटर में दर्ज की गई है. आगामी पंचायत चुनाव ईवीएम से होना हैं. हर पंचायत में 6 विभिन्न पदों पर मतदान किया जाएगा. 4 पदों का मतदान ईवीएम और 2 पदों के लिए बैलट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा. पहली बार ईवीएम से चुनाव होने के कारण इस संबंध में अब तक 2,603 सवाल पूछे गए हैं.

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पंचायत चुनाव में महिला और दलित व पिछड़ा समाज के लिए सीट रिजर्व होते हैं. इस संबंध में कई तरह के भ्रम को दूर करने के लिए अब तक 982 सवाल पूछे जा चुके हैं. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पंचायत के वर्तमान प्रतिनिधियों के बारे में बड़ी संख्या में शिकायतें मिलती हैं. जिसमें अब तक 10,018 शिकायतें आ चुकी हैं. इस शिकायतों की जांच के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा संबंधित निर्वाचित पदाधिकारी और अधिकृत अधिकारी को लिखित में सूचना दी जा रही है.

गौरतलब है कि राज्य में 2.90 हजार पदों के लिए पंचायत चुनाव होने हैं. आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने बताया की आयोग पूरी कोशिश कर रहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर जो भी जिज्ञासा उम्मीदवार या आम नागरिकों की है, उसे सही तरीके से पूरा किया जा सके.

'कोरोना महामारी के बाद होने वाले पंचायत चुनाव में कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाएगा. इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के सभी डीएम को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है.' : योगेन्द्र राम, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग

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