पटनाः इस वक्त की बड़ी खबर शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) से आ रही है. छठे चरण के शिक्षक नियोजन (Shikshak Niyojan) पर निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने रोक लगा दी है. इस बात की पुष्टि खुद शिक्षा विभाग ने कर दी है. शिक्षा विभाग ने निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव के दौरान छठे चरण के नियोजन को जारी रखने के संबंध में दिशा-निर्देश मांगा था. जिस पर राज्य निर्वाचन आयोग ने नियमों का हवाला देते हुए रोक लगा दी है.
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बता दें कि बिहार में छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन में 90,762 पदों पर, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन में 32 हजार से ज्यादा पदों पर बहाली की प्रक्रिया चल रही है. बिहार में पंचायत चुनाव जारी है इसलिए चुनाव के दौरान आचार संहिता के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर छठे चरण के शिक्षक नियोजन को जारी रखने के संबंध में दिशा-निर्देश मांगा था.
'निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव संपन्न होने तक शिक्षक नियोजन को अनुमति देने से इंकार कर दिया है. जिसके बाद शिक्षा विभाग की तरफ से छठे चरण के शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.' -संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग
माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन में और प्राथमिक शिक्षक नियोजन में परामर्श दात्री समिति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आपको बता दें कि परामर्श दात्री समिति में जिला परिषद नियोजन इकाई से एक सदस्य जबकि पंचायत नियोजन इकाई से मुखिया की भूमिका मेधा सूची जारी करने में होती है.
लेकिन चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर इन दोनों जनप्रतिनिधियों को चुनाव कार्य के दौरान किसी भी ऐसी योजना जिसके चयन या क्रियान्वयन में पंचायती राज संस्था के प्रतिनिधियों की प्रत्यक्ष या परोक्ष भूमिका है, उनके क्रियान्वयन पर रोक रहेगी. निर्वाचन आयोग के इस आदेश के मद्देनजर अब दिसंबर के बाद ही शिक्षक नियोजन का काम पूरा हो पाएगा.
इसके साथ ही ईटीवी भारत की खबर पर एक बार फिर मुहर लगी है. ईटीवी भारत ने सबसे पहले आपको यह जानकारी पहुंचाई थी कि पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद ही छठे चरण के नियोजन की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी. शिक्षक अभ्यर्थी इस बात को लेकर परेशान हैं कि जिन अभ्यर्थियों का चयन प्राथमिक शिक्षक नियोजन में हो चुका है, उनके सर्टिफिकेट की जांच कब तक पूरी होगी और उन्हें चयन पत्र कब तक मिलेगा. इस बारे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि सभी जिलों को 31 अक्टूबर तक सर्टिफिकेट की जांच पूरा करने का काम दिया गया है. उसके बाद इस मामले की समीक्षा की जाएगी.
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