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Bihar News: बारिश के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से कैसे बचें.. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दी ट्रेनिंग - State Disaster Management Authority

राजधानी पटना सहित कई और भी जिलों में वज्रपात के साथ बारिश होने की वजह से कई लोगों की मौतें हो रही है. जिसे देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कई लोगों को वज्रपात से बचने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि ये सभी लोग खुद के साथ ही और भी लोगों की जान बचा पाए. इधर, राज्यवासियों की वज्रपात की वजह से मौत होने पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. पढ़ें पूरी खबर...

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की उच्च स्तरीय बैठक
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की उच्च स्तरीय बैठक
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Published : May 25, 2023, 9:00 AM IST

पटना: राज्यभर में व्रजपात से कई लोगों की मौत पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने चिंता व्यक्त की है. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारण की तरह से वज्रपात की घटनाओं में जान-माल की हानि को कम करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि सालों पर प्राप्त आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि राज्य में वज्रपात से मौत की अधिकतर घटनाएं दोपहर से लेकर शाम 6:00 बजे की बीच होती है. उन्होंने प्राधिकरण की ओर से प्रशिक्षित किए गए सामुदायिक स्वयंसेवको, पंचायत प्रतिनिधियों, के साथ ही सभी प्रशिक्षकों को फौरन प्रभावित क्षेत्रों में जाकर मोर्चा संभाले का निर्देश दिया है. ये सभी लोग उन क्षेत्रों में जाएंगे, जहां अगले 24 घंटे में वज्रपात का पूर्वानुमान है.

ये भी पढ़ें- Bihar Weather Update: अगले दो दिनों तक तेज आंधी और बारिश की संभावना, मौसम विभाग का अलर्ट जारी

अलर्ट घोषित होने के बाद खेत पर न जाएं ग्रामीण: आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ प्रशिक्षित लोग सीधे ग्रामीण, खेतिहर मजदूरों और किसानों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे. वे सभी प्रशिक्षित लोग खेत में काम कर रहे किसानों को सतर्क करेंगे. ग्रामीण और किसानों को सलाह दी जाएगी कि अलर्ट घोषित होने के बाद कम से कम 6 घंटे तक खेत या खुले में न जाए. और अगर बाहर निकलना बेहद आवश्यक हो तब भी ठनका का अंदेशा होने पर सूखे पत्तों या ऐसी चीज पर बैठकर सर नीचे कर ले.

सुरक्षित स्थानों पर निकले नील: यहां पर नहीं जाएं लागवज्रपात के समय तालाब, बड़ेवृक्ष , बिजली के खंभों आदि के करीब बिल्कुल ना जाए. खराब मौसम में घर में रहें सुरक्षित रहें. उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने की इस मुहिम में प्रखंड और पंचायत स्तर पर नियुक्ति कृषि सलाहकार वो कृषि समन्वयक की सेवा लेने पर सहमति बनी है. इसके साथ ही साथ ही जिलों में जहां वज्पात की चेतावनी जारी हुई है. वहां की जिलाधिकारी से आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव फोन पर बात कर उन्हे उचित दिशानिर्देश दिया.

जागरुक करने की कोशिश होगी: राज्य भर में ठनका संभावित क्षेत्र में जागरुकता वाहन के माध्यम से लाउडस्पीकर के द्वारा लोगों को जागरूक किया जाएगा. बिहार मौसम सेवा केंद्र की पूरी सक्रियता इस अभियान में शामिल होगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के नौ जिलों में चिन्हित स्थानों पर हूटर, सायरन के अधिष्ठास्थापन की प्रगति की जानकारी साझा की गई. पटना-गया-औरंगाबाद जिलों की विधि पंचायतों में स्थापित किए गए हूटर सायरन की उपयोगिता को उससे प्रभाव के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है.

हूटर बजाकर दी जाती है चेतावनी: व्रजपात की चेतावनी जारी होने के बाद हूटर समय पर बजाए जाते हैं. हूटर की आवाज सुनकर खेतों में काम कर रहे लोग क्या सुरक्षित स्थान पर जाते हैं? इस मुहिम को धरातल पर उतारने और नजर रखने के लिए विशेष कार्य पदाधिकारी संदीप कुमार की अगुवाई में पांच सदस्यों की टीम बनाई गई है.

पटना: राज्यभर में व्रजपात से कई लोगों की मौत पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने चिंता व्यक्त की है. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारण की तरह से वज्रपात की घटनाओं में जान-माल की हानि को कम करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि सालों पर प्राप्त आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि राज्य में वज्रपात से मौत की अधिकतर घटनाएं दोपहर से लेकर शाम 6:00 बजे की बीच होती है. उन्होंने प्राधिकरण की ओर से प्रशिक्षित किए गए सामुदायिक स्वयंसेवको, पंचायत प्रतिनिधियों, के साथ ही सभी प्रशिक्षकों को फौरन प्रभावित क्षेत्रों में जाकर मोर्चा संभाले का निर्देश दिया है. ये सभी लोग उन क्षेत्रों में जाएंगे, जहां अगले 24 घंटे में वज्रपात का पूर्वानुमान है.

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अलर्ट घोषित होने के बाद खेत पर न जाएं ग्रामीण: आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ प्रशिक्षित लोग सीधे ग्रामीण, खेतिहर मजदूरों और किसानों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे. वे सभी प्रशिक्षित लोग खेत में काम कर रहे किसानों को सतर्क करेंगे. ग्रामीण और किसानों को सलाह दी जाएगी कि अलर्ट घोषित होने के बाद कम से कम 6 घंटे तक खेत या खुले में न जाए. और अगर बाहर निकलना बेहद आवश्यक हो तब भी ठनका का अंदेशा होने पर सूखे पत्तों या ऐसी चीज पर बैठकर सर नीचे कर ले.

सुरक्षित स्थानों पर निकले नील: यहां पर नहीं जाएं लागवज्रपात के समय तालाब, बड़ेवृक्ष , बिजली के खंभों आदि के करीब बिल्कुल ना जाए. खराब मौसम में घर में रहें सुरक्षित रहें. उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने की इस मुहिम में प्रखंड और पंचायत स्तर पर नियुक्ति कृषि सलाहकार वो कृषि समन्वयक की सेवा लेने पर सहमति बनी है. इसके साथ ही साथ ही जिलों में जहां वज्पात की चेतावनी जारी हुई है. वहां की जिलाधिकारी से आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव फोन पर बात कर उन्हे उचित दिशानिर्देश दिया.

जागरुक करने की कोशिश होगी: राज्य भर में ठनका संभावित क्षेत्र में जागरुकता वाहन के माध्यम से लाउडस्पीकर के द्वारा लोगों को जागरूक किया जाएगा. बिहार मौसम सेवा केंद्र की पूरी सक्रियता इस अभियान में शामिल होगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के नौ जिलों में चिन्हित स्थानों पर हूटर, सायरन के अधिष्ठास्थापन की प्रगति की जानकारी साझा की गई. पटना-गया-औरंगाबाद जिलों की विधि पंचायतों में स्थापित किए गए हूटर सायरन की उपयोगिता को उससे प्रभाव के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है.

हूटर बजाकर दी जाती है चेतावनी: व्रजपात की चेतावनी जारी होने के बाद हूटर समय पर बजाए जाते हैं. हूटर की आवाज सुनकर खेतों में काम कर रहे लोग क्या सुरक्षित स्थान पर जाते हैं? इस मुहिम को धरातल पर उतारने और नजर रखने के लिए विशेष कार्य पदाधिकारी संदीप कुमार की अगुवाई में पांच सदस्यों की टीम बनाई गई है.

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