पटनाः बिहार आर्ट थियेटर में कला जागरण के कलाकारों ने हास्य नाटक 'हकिमाईन का नुस्खा' का मंचन किया. अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा द्वारा लिखित इस नाटक को बिहार के वरिष्ठ रंगकर्मी सुमन कुमार ने परिकल्पित और निर्देशित किया.
दर्शकों को हंसाने में सफल रहा नाटक
तनावपूर्ण भरे आज के जीवन में यह नाटक दर्शकों को हंसाने में पूरी तरह से सफल रहा. नाटक में हास्यपूर्ण तरीके से यह बताने का प्रयास किया गया है कि समाज में झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में पढ़ने का खामियाजा किस तरीके से लोगों को भुगतना पड़ता है. चंद पैसे बचाने के लिए लोग झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवाते हैं.
लोगों को जागरूक करने की गई कोशिश
नाटक में दिखाया गया कि पैसों के लालच में मरीज की जान आफत में आ जाती है. हकीम की अनुपस्थिति में लोग इलाज 'हकिमाईन' से कराने लगते हैं. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. दवा का असर उल्टा हो जाता है और जान तक आफत में आ जाती है.
नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कोशिश की गई है ताकि लोग जागरूक रहें और बेहतर डॉक्टर से अपना इलाज करवाएं.