पटना: इंडिगो स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या ऋतुराज ने अपने साथियों के साथ मिलकर की थी. नवंबर माह में एयरपोर्ट के पास अपराधियों की चोरी की बाइक रुपेश की कार से टकरा गयी थी. इसको लेकर अपराधियों की रूपेश सिंह के साथ हाथापाई हुई थी. जिसको बाइक चोर ने अपने दिल पर ले लिया और करीब डेढ़ महीने बाद 12 जनवरी को अपने अन्य तीन साथियों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया.
पटना एयरपोर्ट पर इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि रूपेश सिंह की हत्या रोडरेज विवाद में हुई थी. मुख्य आरोपी ऋतुराज को गिरफ्तार कर लिया है. और आरोपी ने गुनाह भी कबूल किया है. हत्याकांड में शामिल तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
रोडरेज विवाद में हत्या
पुलिसिया पूछताछ में आरोपी ऋतुराज ने जो खुलासा किया है. उसके मुताबिक नवंबर महीने में लोजपा कार्यालय के पास रूपेश सिंह और ऋतुराज की गाड़ी में टक्कर हो गई थी. और उसी विवाद के बाद रूपेश सिंह ने ऋतुराज के साथ मारपीट की थी. जिसके वह काफी गुस्से में था. ऋतुराज ने बताया कि बिना गलती के उसकी पिटाई की गई थी. लिहाजा वह बदला लेने के लिए कई दिनों से प्लान बना रहा था. और आखिकार 12 जनवरी को उसने कुछ लोगों के साथ मिलकर रूपेश सिंह की हत्या कर दी.
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"मसौढ़ी के धनरूआ निवासी ऋतुराज ने इस हत्याकांड में अहम भूमिका निभाई. उसके अनुसार बाईपास पर स्थित फोर्ड हॉस्पिटल के नजदीक कन्हाई नगर में रुपेश की हत्या की साजिश रची गई थी. इस हत्याकांड के बाद अगली सुबह इन बाइक चोर अपराधियों को अखबार से पता चला था कि उन्होंने हाई प्रोफाइल व्यक्ति की हत्या कर दी. इसकी जानकारी मिलते ही ऋतुराज रांची भाग निकला. नवंबर माह में चोरी की बाइक से ऋतुराज एयरपोर्ट की तरफ जा रहा था. इसी दौरान उसकी बाइक रुपेश की गाड़ी से टकरा गई और इस दौरान ऋतुराज और रुपेश के बीच हाथापाई भी हुई थी. उसके बाद उसने रुपेश के गाड़ी का पीछा कर उसके घर तक का पता लगा लिया था"- उपेंद्र शर्मा, एसएसपी
हत्याकांड में मिले कई अहम सबूत
एसएसपी के मुताबिक हत्या करने के बाद सभी आरोपी आर ब्लॉक से दीघा रोड की तरफ गए. घटनास्थल पर तीन बजे से सभी अपराधी मौजूद थे. पुनाईचक में अपराधी 2,58 मिनट तक रहे. 4 घंटे तक लगातार सभी घटना स्थल के आसपास थे. बाईपास पर लारा पेट्रोल पंप पर सभी ने गाड़ी में तेल भरवाया. सीडीआर को देखा गया तो घटना से पहले ही मोबाइल बंद था. 4 हजार से ज्यादा सीडीआर देखा गया.
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बदले की भावना में हत्या
एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि मामला हाई प्रोफाइल था. लिहाजा हर एक बिंदुओं पर जांच की जा रही थी. जांच में कई तरह की परेशानियां आई लेकिन पुलिस ने गंभीरता से मामले की जांच की. घटना स्थल से मिले एविडेंस पर भी तेजी से काम किया जा रहा था. लगभग 20 दिनों बाद पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई. 12 तारीख को ढाई बजे सभी अपराधी घर से निकले थे. चोरी की गाड़ी थी लिहाजा पहचान करने में काफी परेशानी हुई. लेकिन जब शक के आधार पर गिरफ्तारी हुई तो मामले का खुलासा हुआ. पूछताछ में ऐसी बातें सामने आई. जिसपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन बदले की भावना से रूपेश सिंह की हत्या की गई.
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तथ्यों के आधार पर खुलासा
एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा कि अपराधी की सोच क्या थी. इसे लेकर ज्यादा कुछ बोलना ठीक नहीं है लेकिन पुलिस के पास जो तथ्य है. उसके आधार पर पूछताछ की गई और गिरफ्तारी हुई. जिसके बाद परत दर परत मामले का खुलासा होते चला गया. उपेंद्र वर्मा के मुताबिक घटना स्थल से लेकर आरोपी के घर तक और हत्या के बाद फरार होने की घटना से लेकर रांची भागने तक के सबूतों पर गौर करने के बाद यह साफ हो जाता है कि हत्या ऋतुराज ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर की थी.
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"ऋतुराज अपने शौक के लिए हथियार भी रखता था. जिसकी जानकारी उसने परिजनों को दी थी. उसी हथियार से ऋतुराज ने रुपेश की हत्या कर दी. रुपेश हत्याकांड में उपयोग किए गए हथियार के साथ-साथ अन्य कई साक्ष्य पुलिस ने बरामद कर लिए हैं. इन अपराधियों ने रुपेश को मारने के लिए चार बार अटेंप्ट किया था और पुलिस ने इन अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए करीब 600 जीबी डाटा और सैकड़ों अपराधियों से पूछताछ की. जिसके बाद वैज्ञानिक अनुसंधान और गठित एसआईटी की टीम की कड़ी मेहनत के बाद इन अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई है"- उपेंद्र शर्मा, एसएसपी
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गाड़ी से लेकर कपड़े तक की पहचान
ईटीवी भारत से बातचीत में उपेंद्र शर्मा ने बताया कि घटना में इस्तेमाल बाइक से लेकर आरोपी के कपड़े तक की पहचान की गई. हत्या के बाद आरोपी ऋतुराज रांची फरार हो गया था. काफी दिनों तक जारी अनुसंधान के बाद पता चला कि आरोपी रांची फरार हो गया है.
हत्या के बाद आरोपी को पता चला हाई प्रोफाइल है मामला
उपेंद्र शर्मा ने कहा कि कार और बाइक की टक्कर के बाद हुई मारपीट से गुस्साए ऋतुराज को यह पता नहीं है कि जिसके साथ मारपीट हुई है वह कौन है. हत्या के बाद जब उसे सामाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी हुई तो वह रांची भाग गया. अखबार से जरिए ही उसे पता चला था कि उसने किसकी हत्या की है और हत्या को लेकर किस कदर हंगामा मचा हुआ है. एसएसपी ने बताया कि इस बात की पुष्टि इस बात से होती है कि जांच के दौरान उसके घर से चार अखबार मिले थे.
परिवार से आरोपी ने की थी विवाद की चर्चा
ईटीवी भारत से खास बातचीत में एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने जिन बातों का जिक्र किया है. उसमें बड़ी बात यह है कि सड़क हादसे के बाद ऋतुराज अकसर अपने घर में इस बात का जिक्र करता था कि वह किसी दिन दूसरा पक्ष यानी रूपेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर देगा.