पटना: मोकामा शेल्टर होम से सात लड़कियों के फरार होने की खबर ने बिहार के प्रशासनिक अमले में खलबली मचा दी. वहीं, पुलिस की सक्रियता की वजह से घटना के 15 घंटे के अंदर दरभंगा के सकतपुर थाना क्षेत्र के गंगोली गांव से छह लड़कियों को बरामद कर लिया गया. वहीं, एक की खोज अब भी जारी है.
अहम सवाल:-
- आखिर शेल्टर होम से लड़कियां क्यों भाग रही हैं?
- किसी साजिश के तहत तो इन लड़कियों को नहीं भगाया गया था?
- क्या बिहार सरकार उन्हें जीवन-यापन के लिए जरुरी सुविधाएं भी नहीं दे पा रही है?
हालांकि, बरामद लड़कियों ने बरामदगी के बाद शेल्टर होम में रहने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वहां जेल जैसा है, जिसमें हमारा दम घुटता है. इस मामले पर पटना एसएसपी गरिमा मलिक ने कहा कि एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि 7वीं लड़की को बरामद करने के लिए लगातार प्रयास जारी है.
मुजफ्फरपुर मामले से जुड़ा है तार
वहीं, सूत्र की माने तो इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. जानकारी के अनुसार, फरार हुई सातों लड़कियों में से कुछ लड़कियां मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले से जुड़ी हैं. उन्हें घटना के बाद मोकामा शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया था.
SC के निगरानी में CBI कर रही जांच
बता दें कि इस घटना से पहले भी बिहार के कई जिलों के शेल्टर होम से लड़कियों के भागने का मामला सामने आता रहा है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 लड़कियों के साथ हुए दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. फिलहाल देश की सर्वोच्च अदालत की निगरानी में देश की सर्वोच्च जांच संस्था (सीबीआई) मामले की जांच कर रही है.
शेल्टर होम से लड़कियों के भागने का सिलसिला जारी है
शेल्टर होम मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार को कई बार फटकार लगा चुका है. फिर भी शेल्टर होम से लड़कियों के भागने का सिलसिला जारी है. ऐसे में शेल्टर होम से लड़कियों का गायब होना सुरक्षा के लिहाज से कई सवाल खड़े करता है.