पटनाः रमजान का पवित्र महीना (Ramadan 2023) चल रहा है. कई रोजेदार ऐसे भी हैं जो काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं लेकिन नियम से रोज रखते हैं. ऐसे ही एक रोजेदार हैं पटना एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के स्टेशन मैनेजर सैयद हसन साहब. उनका कहना है कि रमजान के पवित्र महीना में हम लोग रोजा भी रखते हैं और अपने काम को भी निरंतर करते रह रहे हैं. कहीं कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि काम भी इबादत है, अगर यह सोचकर कोई रोजेदार रोजा रखता है तो उन्हें कभी भी कोई परेशानी नहीं होती है.
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रमजान का महीनाः सैयद हसन का कहना है कि रमजान का महीना पवित्र महीना होता है. इसमें दूसरों की मदद करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि मदद ऐसी होनी चाहिए जिसमें कहीं कोई दिखावा नहीं हो. निश्चित तौर पर जितना ज्यादा लोगों की मदद करेंगे उतना ही अल्लाह आपको बरकत देगा. उन्होंने कहा कि हमारी दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं होता है. हम जो काम कर रहे हैं पहले से वह करते रहते हैं. इसके साथ साथ पूरे परिवार और रोजा रखते हैं.
पवित्र मन से इबादत: जब उनसे पूछा गया कि रमजान का महीना पवित्र क्यों माना जाता है तो उन्होंने कहा कि यह महीना इसीलिए बनाया गया है कि इसमें जो भी रोजेदार है वो पवित्र मन से अल्लाह की इबादत करे. सेहरी या इफ्तार क्या कर रहे हैं, कितना कर रहे हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. वह अपनी नब्ज को कितना कंट्रोल करके रखते हैं कहीं ना कहीं यह महत्वपूर्ण होता है. अपने आपको मानसिक रूप से उस तरह बना देना कि उन्हें रोजा करने में किसी भी तरह का दिक्कत नहीं हो.
"रोजा रखना चाहिए. दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए और जो काम करने वाले लोग हैं उन्हें हम यह भी कहना चाहेंगे कि काम भी इबादत है इसीलिए काम के साथ-साथ अल्लाह की कही हुई बातों को भी मानिए. लोगों की मदद कीजिए. मदद ऐसे कीजिए जिसमें कहीं दिखावा नहीं होनी चाहिए"- सैयद हसन, स्पाइसजेट स्टेशन मैनेजर, पटना एयरपोर्ट