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आंध्र के गुंटूर से बिहार और राजस्थान रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन, यात्रियों ने बताए अनुभव

एक मजदूर ने बताया कि ट्रेन का टिकट बिना पैसे के मिल गया. अब वो घर पर रहकर कुछ काम धंधा करेंगे. अब वापस नहीं जाने की बात कहकर उसने प्रदेश सरकार का शुक्रिया किया.

पटना
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Published : May 19, 2020, 6:31 PM IST

पटना: आंध्र के गुंटूर से बिहार और राजस्थान जाने वाले यात्रियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन सोमवार रात रवाना हो गई. श्रमिकों को घर जाने के लिए रेलवे ने जिस तरह का इंतजाम किया है, इससे घर जाने का इंतजार कर रहे यात्री ट्रेन में सवार होने पर खुश दिखे. घर लौटने वाले श्रमिकों से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने बताया कि श्रमिकों को पर्याप्त खाना-पीना दिया गया है और वह घर जाने को लेकर उत्साहित हैं.

पटना
प्रवासी मजदूर

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश से लौट रहे प्रवासी मजदूरों की खुशी देखते ही बनी. लॉकडाउन में पिछले कई दिनों से लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के चेहरे पर छाई खामोशी ट्रेन में बैठते ही टूट गई. किसी ने प्लेटफार्म को प्रणाम तो किया तो किसी ने शेड से बाहर निकलकर आकाश को. स्पेशल ट्रेन से अपने प्रदेश राजस्थान जाने वाले प्रवासी मजदूर ने बताया कि पिछले 4 वर्षों से यहां गोलगप्पा बेचने का काम करता हूं. घर लौटने पर सारे जहां की खुशी मिल गई है. यहां आने के लिए उससे टिकट का किराया नहीं लिया गया.

पटना
प्रवासी मजदूर

'घर पहुंचने की है खुशी'
वहीं, एक अन्य मजदूर ने बताया कि ट्रेन का टिकट बिना पैसे के मिल गया. अब वो घर पर रहकर कुछ काम धंधा करेंगे. अब वापस नहीं जाने की बात कहकर उसने प्रदेश सरकार का शुक्रिया किया. साथ ही उसने बताया कि यहां वह सप्लाई का काम करता था. यहां की सरकार ने हम लोगों का सहयोग किया है. जिसकी वजह से आज हम अपने घर जा पा रहे हैं. घर पहुंचने की बहुत खुशी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मजदूरों से भरे ट्रकों का आवागमन
लॉकडाउन की शुरुआत 23 मार्च से हुई थी. 21 दिनों के इसके पहले चरण में मजदूरों का पलायन न के बराबर हुआ, लेकिन दूसरे चरण के लॉकडाउन की शुरुआत होते ही मजदूरों के आने का सिलसिला जो जारी हुआ वो लगातार अभी तक चल रहा है. बेबस मजदूर पैदल, साइकिल और ट्रकों से आ रहे हैं. जिले के आमस टोल प्लाजा से लगातार मजदूरों से भरे ट्रक गुजर रहे हैं.

पटना: आंध्र के गुंटूर से बिहार और राजस्थान जाने वाले यात्रियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन सोमवार रात रवाना हो गई. श्रमिकों को घर जाने के लिए रेलवे ने जिस तरह का इंतजाम किया है, इससे घर जाने का इंतजार कर रहे यात्री ट्रेन में सवार होने पर खुश दिखे. घर लौटने वाले श्रमिकों से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने बताया कि श्रमिकों को पर्याप्त खाना-पीना दिया गया है और वह घर जाने को लेकर उत्साहित हैं.

पटना
प्रवासी मजदूर

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश से लौट रहे प्रवासी मजदूरों की खुशी देखते ही बनी. लॉकडाउन में पिछले कई दिनों से लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के चेहरे पर छाई खामोशी ट्रेन में बैठते ही टूट गई. किसी ने प्लेटफार्म को प्रणाम तो किया तो किसी ने शेड से बाहर निकलकर आकाश को. स्पेशल ट्रेन से अपने प्रदेश राजस्थान जाने वाले प्रवासी मजदूर ने बताया कि पिछले 4 वर्षों से यहां गोलगप्पा बेचने का काम करता हूं. घर लौटने पर सारे जहां की खुशी मिल गई है. यहां आने के लिए उससे टिकट का किराया नहीं लिया गया.

पटना
प्रवासी मजदूर

'घर पहुंचने की है खुशी'
वहीं, एक अन्य मजदूर ने बताया कि ट्रेन का टिकट बिना पैसे के मिल गया. अब वो घर पर रहकर कुछ काम धंधा करेंगे. अब वापस नहीं जाने की बात कहकर उसने प्रदेश सरकार का शुक्रिया किया. साथ ही उसने बताया कि यहां वह सप्लाई का काम करता था. यहां की सरकार ने हम लोगों का सहयोग किया है. जिसकी वजह से आज हम अपने घर जा पा रहे हैं. घर पहुंचने की बहुत खुशी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मजदूरों से भरे ट्रकों का आवागमन
लॉकडाउन की शुरुआत 23 मार्च से हुई थी. 21 दिनों के इसके पहले चरण में मजदूरों का पलायन न के बराबर हुआ, लेकिन दूसरे चरण के लॉकडाउन की शुरुआत होते ही मजदूरों के आने का सिलसिला जो जारी हुआ वो लगातार अभी तक चल रहा है. बेबस मजदूर पैदल, साइकिल और ट्रकों से आ रहे हैं. जिले के आमस टोल प्लाजा से लगातार मजदूरों से भरे ट्रक गुजर रहे हैं.

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