पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित शिक्षा विभाग में उर्दू, फारसी तथा अरबी विषय के लिए विशेष टीईटी और एसटीइटी परीक्षा (Special TET for Urdu Persian and Arabic subjects) आयोजित करने की कार्य योजना बनाई जा रही है. विशेष परीक्षा आयोजित करने के बाद इन विषयों में विशेष भर्ती अभियान चलाया जाएगा. प्राप्त सूचना के अनुसार उर्दू विषय के लिए कक्षा एक से पांच तक 30032 स्वीकृत पद हैं. वहीं 18666 ही कार्यरत हैं तथा 11166 की रिक्ति है. इसी प्रकार कक्षा 6 से 8 तक के लिए 3794 स्वीकृत बल हैं, जिसके विरुद्ध मात्र 2645 कार्यरत हैं तथा 1637 की रिक्ति है.
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छात्र-शिक्षक अनुपात नहीं हो पा रहा पूराः शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षक छात्र अनुपात की पूर्ति के लिए कक्षा एक से पांच तक 4580 शिक्षक तथा कक्षा 6 से 8 तक के लिए 2810 शिक्षक अतिरिक्त पद सृजन की आवश्यकता होगी. इस प्रकार देखा जाए तो कक्षा 1 से 8 तक उर्दू विषय के लिए कुल 21000 पद सृजन के बाद रिक्तियां होंगी. इसी प्रकार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी काफी संख्या में रिक्त पद हैं तथा शिक्षक छात्र अनुपात को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पद सृजन किए जा रहे हैं.
उर्दू, फारसी और अरबी में किया जा रहा पद सृजनः माध्यमिक शिक्षक में उर्दू विषय में 2000, फारसी में 600 तथा अरबी में 300 पद, कुल 2900 पद का सृजन किया जा रहा है. वहीं उच्च माध्यमिक शिक्षकों में उर्दू के लिए 2000, फारसी के लिए 400 तथा अरबी के लिए 200 पद, कुल 2600 पद का सृजन किया जा रहा है. इस प्रकार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उर्दू, फारसी एवं अरबी विषयों के लिए लगभग 5500 की रिक्तियां आने वाले दिनों में भरी जाएंगी.
इन विषयों की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों ने रखी थी शिक्षा मंत्री के सामने समस्या: दरअसल, इस विषय के कई छात्र-छात्राओं ने शिक्षा मंत्री से अपनी बात रखी थी. छात्रों के अनुसार इससे पूर्व वर्ष 2013 में उर्दू विषयों के लिए ही केवल शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी. सूबे के कई स्कूलों में उर्दू, फारसी तथा अरबी विषयों के शिक्षकों की भारी कमी है. वहीं पर्याप्त संख्या में इन विषयों में पढ़ाई किए हुए छात्र-छात्राएं भी उपलब्ध हैं. यह बात शिक्षा मंत्री के संज्ञान में दिया गया था.
कई विषयों की आज तक नहीं हुई है पात्रता परीक्षा: छात्रों ने यह भी बताया था कि इनमें से कुछ विषयों के लिए आज तक शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं हुई है. इस कारण कारण इन विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं में क्षोभ व्याप्त है.उर्दू, फारसी और अरबी विषयों को छोड़कर लगभग सभी विषयों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया है. ऐसे में इन विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को अन्य की तुलना में अवसर प्राप्त नहीं हो रहे हैं. वहीं कई अल्पसंख्यक स्कूलों में भी इन विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति में समस्याएं हो रही थी. अब शिक्षा मंत्री ने विशेष टीईटी और एसटीइटी परीक्षा को लेकर कार्य योजना 15 दिनों के अंदर बनाने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया है.