पटना: बिहार के पटना में दक्षिण कोरियाई मार्शल आर्ट्स गेम योंगमुडो का पहली बार आयोजन किया गया. यह शिविर भारतीय योंगमुडो फेडरेशन (Yongmudo Federation of India In Bihar) की ओर से आयोजित किया गया है. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर फेडरेशन के नेशनल प्रेसिडेंट मास्टर रोहित नारकर (Federation National President Rohit Narkar) शामिल हुए. उन्होंने इस खेल के बारे में विस्तृत जानकारी मार्शल आर्ट सीखने वाले बच्चों को प्रदान की.
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भोला कुमार थापा चुने गए प्रेसिडेंट : इस मौके पर योंगमुडो एसोसिएशन ऑफ बिहार के चेयरमैन वीरेंद्र कुमार मौजूद रहे थे. बिहार कराटे के प्रख्यात ट्रेनर भोला कुमार थापा (Trainer Bhola Kumar Thapa In Patna) को योंगमुडो एसोसिएशन ऑफ बिहार का नया प्रेसिडेंट चयन किया गया. इसके साथ ही पटना में एसोसिएशन की तरफ से योंगमुडो का प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया गया और एसोसिएशन के अधिकारियों ने दावा किया है कि आने वाले दिनों में जल्द ही इसके टूर्नामेंट भी कराए जाएंगे.
इसके आयोजन मंडल में शामिल योंगमुडो एसोसिएशन ऑफ बिहार के चेयरमैन वीरेंद्र कुमार ने कहा, ''उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि बिहार में मार्शल आर्ट सीखने वाले बच्चों को इस क्षेत्र में नयी चीजें मिल रही है. उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि योंगमुडो साउथ कोरियन गेम है, बच्चों को इसे सीखने में मजा भी आएगा. इस खेल में बच्चे अच्छा भविष्य बना सकते हैं. यह एक अंतरराष्ट्रीय खेल है, प्रदेश में इस खेल के विकास के लिए हर संभव सहयोग करेंगे. इस खेल का प्रशिक्षण आज से शुरू कर दिया गया है. आने वाले दिनों में इस खेल का एक टूर्नामेंट कराया जाएगा.''
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क्या है इसकी खासियत : भारतीय योंगमुडो फेडरेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित नारकर ने कहा कि यह खेल 5 मार्शल आर्ट फॉर्म को मिलाकर नया मार्शल आर्ट फॉर्म बना है, जिसे योंगमुडो कहते हैं. उनके मुताबिक साउथ कोरिया से इस खेल की शुरुआत हुई है. यह एक हाइब्रिड मार्शल आर्ट है, जिसमें 4 ओलंपिक लेवल के मार्शल आर्ट और एक अन्य मार्शल आर्ट शामिल है. इसमें ओलंपिक खेल ताइक्वांडो, जूडो, रेसलिंग और बॉक्सिंग के अलावा एक अन्य गेम सिरम जो कोरियन मार्शल आर्ट है, वह भी इसमें शामिल है.
''मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले ओलंपिक में इस खेल को भी शामिल किया जाएगा. इस खेल का भारत में अच्छा भविष्य है. वर्ष 2015 में इस गेम को भारत में लेकर आए और उसके बाद से अब तक 15 राज्यों में इस खेल का विस्तार हो चुका है. 2015 में ही इसे स्कूल गेम ऑफ फेडरेशन में शामिल कर लिया गया. इस साल के अंत तक यह कॉलेज लेवल गेम में भी शामिल हो जाएगा. बिहार के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. इन्हें उचित मार्गदर्शन की जरूरत है. इस काम के लिए फेडरेशन ने काम करना शुरू कर दिया है. कुछ ही दिनों में बिहार के काफी बच्चें योंगमुडो में अपना कैरियर बनाते दिखेंगे.''- रोहित नारकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय योंगमुडो फेडरेशन
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