पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) एक बार फिर लोगों की समस्याओं का समाधान जनता दरबार में कर रहे हैं. पटना में जनता दरबार (Janta Darbar) में शिकायतें लेकर लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इस दौरान जनता दरबार के बाहर अपनी समस्या को लेकर सैनिक परिवार पहुंचा. हालांकि उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने की वजह से सीएम से नहीं मिल पाये. ऐसे में ईटीवी भारत से सैनिक (Soldier ) ने अपनी आपबीती सुनाई.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सैनिक पवन ने बताया कि 2009 में श्रीनगर में दो आतंकवादी मारे गये थे. जिसके बाद केंद्र सरकार ने हमें जमीन देने का वादा किया था. लेकिन बिहार के सरकार के कार्यालयों का चक्कर लगाकर अब थक गया हूं. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाने पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले महीने भी रजिस्ट्रेशन करवाया था लेकिन उसे कैंसिल कर दिया गया. अब फिर से अपनी पत्नी प्रिया के नाम से रजिस्ट्रेशन कराया है. लेकिन 2 से 3 महीना के बाद मेरा नंबर आएगा.
दरअसल, 2009 में श्रीनगर में हुए मुठभेड़ में सैनिक पवन घायल हो गये थे. इस मुठभेड़ में 7 सैनिक शहीद हो गए थे. मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये थे. जिसे लेकर भारत सरकार ने सैनिक को जमीन देने की घोषणा की थी. लेकिन 2014 से जमीन के लिए पवन परेशान हैं. अब थक हार कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाने पहुंचे हैं.
सिलीगुड़ी में तैनात पवन पिछले कई सालों से बहादुरी के लिए उपहार में मिले जमीन को लेकर बिहार सरकार के कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. यहां तक कि कोर्ट ने भी आदेश दे दिया है. लेकिन अधिकारी कोर्ट के आदेश का भी अवहेलना कर रहे हैं. सैनिक पवन अपनी पत्नी प्रिया के साथ जनता दरबार में गुहार लगाने पहुंचे हैं.
'2009 में श्रीनगर में मुठभेड़ हुआ था. जिसमें 2 आतंकवादी मारा गया लेकिन हमारे सात सैनिक भी शहीद हो गये थे. मैं भी घायल हो गया था कुछ और हमारे साथी भी घायल हो गए थे. सरकार ने उस समय इनाम देने की घोषणा की. हमने इनाम के रूप में जमीन मांगी था. वैशाली डीएम को पत्र भी भेजा गया और जमीन भी मेरे लिए चिन्हित किया लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिली है.' : पवन कुमार, सैनिक
पवन ने बताया कि अब सैनिक के रूप में काम करता हूं. मेरे पास छुट्टी भी ज्यादा नहीं है. सरकार चाहे तो रातों-रात फैसला कर सकती है. पवन की पत्नी प्रिया सिंह ने बताया कि हम लोगों के पास मकान बनाने के लिए जमीन नहीं है. इसीलिए हम लोग परेशान हैं. मेरे पति ने इनाम के रूप में पैसा की जगह जमीन मांगा था. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह हम लोग परेशान हैं,
जनता दरबार में महीने के पहले सोमवार को जमीन और पुलिस के मामले सबसे ज्यादा आते हैं. हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को बुलाया जा रहा है. लेकिन अभी भी जमीन और पुलिस के मामले ही सबसे अधिक आ रहे हैं. बिदुपुर के रहने वाले सैनिक पवन का मामला अलग जरूर है लेकिन उन्हें भरोसा है कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जरूर फैसला होगा.
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बता दें कि मुख्यमंत्री ने 5 साल बाद फिर से जनता दरबार का कार्यक्रम शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था. इसे http://cm.bihar.gov.in/live , https://www.facebook.com/iprdbihar , https://twitter.com/IPRD_Bihar और https://www.youtube.com/iprdbihar पर लाइव देखा जा सकता है.