पटना: कोरोना काल में स्टेशन पर भीड़ न हो और यात्रियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके इसके लिए रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बढ़ा दिया. 10 रुपए के टिकट का दाम बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया गया. इसके साथ ही पैसेंजर ट्रेनों का टिकट का दाम बढ़ाकर मेल और एक्सप्रेस ट्रेन जितना कर दिया गया.
यह भी पढ़ें- नशे की जद में युवा, पटना समेत पूरे बिहार में फैला नशे का कारोबार
जंक्शन पर नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
इसके बाद भी पटना जंक्शन पर यात्रियों की भीड़ जुट रही है. लोग न मास्क पहन रहे हैं और न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. रेलवे प्रशासन द्वारा भी इस संबंध में कोई पहल नहीं की जा रही है. पटना जंक्शन पर न मास्क चेकिंग अभियान चल रहा है और न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से कराया जाता है. दूसरे प्रदेशों में जिस तरह से कोरोना का मामला बढ़ने लगा है, बिहार में भी खतरा बढ़ गया है.
गौरतलब है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो पाएगा यह हवाला देते हुए रेलवे के अधिकारी प्लेटफार्म और पैसेंजर ट्रेन के टिकट का रेट बढ़ाने के फैसले का बचाव कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि प्लेटफार्म पर अनावश्यक लोगों की भीड़ न बढ़े इसलिए टिकट का दाम बढ़ाया गया है.
"पैसेंजर ट्रेनों के टिकट का दाम बढ़ाकर मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों जितना किया गया है. इसका एकमात्र उद्देश्य यह है कि कोविड काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके."- राजेश कुमार, सीपीआरओ
जंक्शन पर कोई रोक-टोक नहीं
पटना जंक्शन से बाहर निकलते हुए एक युवक ने बताया कि उसने चेहरे पर मास्क नहीं लगाया है और पूरा स्टेशन घूम लिया. उसे किसी ने रोका-टोका नहीं.
"बहुत सारे यात्री मास्क नहीं पहने नजर आ रहे हैं. रेलवे प्रशासन थोड़ी सख्ती करता तो लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते और मास्क पहनकर स्टेशन पर पहुंचे. कोरोना से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. कोई सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो नहीं हो रहा है."- राकेश, यात्री