पटनाः प्रवासी मजदूरों के लिए बिहार सरकार चिंतित है. अब तक 20 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार आ चुके हैं. प्रवासी मजदूरों को रोजगार कैसे मिले इसके लिए सरकार एक्शन प्लान तैयार कर रही है. अब तक 11 लाख मजदूरों की स्किल मैपिंग कराई जा चुकी है.
स्किल मैपिंग के लिए डोर टू डोर होगी स्क्रीनिंग
अलग-अलग राज्यों से बिहार में अब तक 19 लाख 76 हजार प्रवासी मजदूर ट्रेनों के जरिए बिहार पहुंच चुके हैं. मजदूरों को रोजगार देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. बिहार सरकार ऐप के जरिए, क्वारंटाइन सेंटर में और अब डोर टू डोर स्क्रीनिंग कराकर मजदूरों के स्किल का मैपिंग करा रही है. सरकार अब तक 11 लाख मजदूरों के स्किल मैपिंग करा चुकी है.
उद्योग विभाग मजदूरों को रोजगार देने के लिए योजना बना रही है. अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना रोजगार सृजन के लिए बनाए जा रहे हैं. राज्य के अंदर कुल 52 औद्योगिक क्षेत्र के चीनी मिल को 13 जोन में बांटा गया है और अब कुल 65 औद्योगिक क्षेत्र हो गए हैं. हर जिले में जिला कुशल श्रमिक सलाह केंद्र बनाया गया है. जिसके अध्यक्ष डीडीसी होंगे. सप्ताह में 1 दिन डीडीसी कुशल श्रमिकों के साथ बैठक करेंगे.
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हर जिले में बनाए जाएंगे 2 क्लस्टर
बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि अब तक 19 लाख 76 हज़ार मजदूर बिहार लौट चुके हैं. हम मजदूरों के स्किल मैपिंग के लिए डोर टू डोर सर्वे कराएंगे. उसके बाद रोजगार सृजन किया जाएगा.
वहीं, उद्योग मंत्री श्याम रजक ने भी कहा कि हम मजदूरों का स्किल मैपिंग युद्ध स्तर पर खड़ा रहे हैं. अब तक 11 लाख मजदूरों के स्किल का आकलन किया जा चुका है. मजदूरों को रोजगार मिले इसके लिए हर जिले में 2 क्लस्टर बनाए जाएंगे इसके अलावा भागलपुर को सिल्क सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा.