पटना: राजधानी स्थित विश्वेश्वरैया भवन में आग (Fire in Visvesvaraya Bhawan) लगने के मामले में भवन निर्माण विभाग (Building Construction Department) ने जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले की 6 सदस्यीय कमेटी जांच करेगी (Six member committee will investigate). कमेटी को जांच कर एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी होगी. वहीं ग्रामीण कार्य विभाग ने भी जांच के लिए अपनी कमेटी बनाई है. आग लगने की घटना में ग्रामीण कार्य विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
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6 सदस्यीय कमेटी जांच करेगी: भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि की ओर से बनाई गई कमेटी में अभियंता प्रमुख राकेश कुमार को अध्यक्ष बनाया गया है. असीम कुमार मुख्य अभियंता को सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा मुख्य अभियंता वरुण सिंह को भी सदस्य बनाया गया है. चंद्रशेखर प्रसाद सिंह उपसचिव को भी सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा अधीक्षण अभियंता उमेश कुमार मंडल और विपिन कुमार को जांच के लिए बनाया गया है. ये कमेटी एक सप्ताह तक पूरे मामले की जांच-पड़ताल करेगी और फिर उसके बाद रिपोर्ट देगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर भवन निर्माण विभाग की ओर से यह जांच टीम बनाई गई है.
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ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से भी जांच: वहीं ग्रामीण कार्य विभाग ने भी अपने स्तर से एक जांच टीम बनाई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार शाम में अधिकारियों के साथ खुद विश्वेश्वरैया भवन जाकर निरीक्षण किया था. उन्होंने आश्चर्य भी जताया था कि सरकारी भवन में इतनी देर तक आग लगते पहले नहीं देखा है. सीएम ने यह भी कहा था कि जो भी आवश्यक इक्विपमेंट होगा, वह सब उपलब्ध कराएंगे. विश्वेश्वरैया भवन में सुबह से देर शाम तक आग लगी रही. आग बुझाने के लिए 70 दमकल को लगाना पड़ा था. 8-10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका था.
मृत सफाई कर्मचारी के परिजन को मिला मुआवजा: उधर, गुरुवार को विश्वेश्वरैया भवन में आग से मृत व्यक्ति स्व. जगदीश प्रसाद की पत्नी सकली देवी को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 4 लाख रु की अनुग्रह अनुदान राशि प्रदान की गई. फुलवारी स्थित चांदपुर बेला निवासी लगभग 60 वर्षीय जगदीश प्रसाद आउटसोर्सिंग एजेंसी के सफाई कर्मी थे. पटना जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने बताया कि आउटसोर्सिंग एजेंसी को भी निर्देशित किया गया है कि वे मृतक के आश्रित को समुचित मुआवजा दें, जिससे जगदीश प्रसाद के आश्रितों का गुजर-बसर सही ढंग से हो सके.
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