पटना: केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा बिहार के 6 जिले नक्सल प्रभावित श्रेणी (naxal affected district) से बाहर निकाले गए हैं. दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों का नए सिरे से वर्गीकरण किया है.
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जिलों की श्रेणियों से हटाया गया
केंद्रीय गृह मंत्रालय के वाम उग्रवाद विभाग ने देश के 11 राज्यों के 23 जिलों को नक्सल प्रभाव से मुक्त बताया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गृह विभाग और डीजीपी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है. इसमें बिहार के 6 जिले के नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणियों से हटा दिया गया है. बिहार के कुल 16 जिले को सुरक्षा संबंधित व्यय योजना में शामिल रखा गया था. 16 में से 6 जिलों को इससे बाहर रखा गया है.
"गृह मंत्रालय द्वारा समय-समय पर राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का आंकलन किया जाता है. यह भी उसी आंकलन का नतीजा है कि बिहार के 6 जिले को नक्सल प्रभावित क्षेत्र से अलग कर दिया गया है. हालांकि पुलिस मुख्यालय को अब तक इस बात की जानकारी नहीं प्राप्त हुई है. उम्मीद है कि जल्द ही MHA द्वारा बिहार सरकार को उसकी जानकारी प्राप्त होगी"- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
तीन श्रेणियों में बांटा गया
दरअसल केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों को जिन तीन श्रेणियों में बांटा है, उनमें सुरक्षा संबंधित और सर्वाधिक प्रभावित जिलों की श्रेणी पहले से चली आ रही है. नक्सलवाद के लिहाज से पहली बार तीसरी श्रेणी डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न बनाई गई है. इस श्रेणी में विभिन्न राज्यों के आठ जिलों को शामिल किया गया है.
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प्रभावित जिलों की समीक्षा
गया, जमुई और लखीसराय सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल है. बिहार के जिन जिलों को नक्सल प्रभावित से मुक्त किया गया है, उनमें नालंदा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, अलवर और जहानाबाद शामिल है. अब यह जिले एसआरई योजना में शामिल नहीं रहेंगे. दरअसल गृह मंत्रालय ने हाल ही में देश के विभिन्न नक्सल प्रभावित राज्यों के प्रभावित जिलों की समीक्षा की थी.
नए सिरे से वर्गीकरण
इस दौरान बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की भी समीक्षा की गई थी. जिसके तहत 6 जिले को नक्सल प्रभावित जिले से अलग रखा गया है. नए सिरे से वर्गीकरण के बाद अब बिहार के 10 जिले रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, लखीसराय, जमुई, बांका, मुंगेर और पश्चिमी चंपारण ही नक्सली प्रभावित क्षेत्र रह गए हैं.
क्या है एसआरई योजना
सिक्युरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर (Security Related Expenditure) माओवाद प्रभावित जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक सहयोग दिया जाता है. राज्य सरकारें इससे माओवादी हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बंदोबस्त और इससे जुड़े अन्य कार्य करती है.
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